कब है अनंत चतुर्दशी, भगवान अनंत की इस तरह करें पूजा ये मिलेगा चमत्कारिक लाभ।।

19 सितंबर को अंत चतुर्दशी का व्रत रखा जाएगा। कब शुरू होंगे श्राद्ध पक्ष, जानिए पितृपक्ष की तिथियां।।
 
कब है अनंत चतुर्दशी, भगवान अनंत की इस तरह करें पूजा ये मिलेगा चमत्कारिक लाभ।।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

ज्योतिष आचार्य सुरेश कुमार आसवानी

01- विष्णु की पूजा:- अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान अनंत (विष्णु) की पूजा का विधान होता है। अग्नि पुराण में अनंत चतुर्दशी व्रत के महत्व का वर्णन मिलता है।

02- अनंत सूत्र:- इस दिन अनंत सूत्र बांधने का विशेष महत्व होता है। इस व्रत में भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा के बाद बाजू पर अनंत सूत्र बांधा जाता है।

03- अनंत चतुर्दशी का महत्व:- भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों द्वारा जुए में अपना राजपाट हार जाने के बाद श्रीकृष्ण से पूछा था कि दोबारा राजपाट प्राप्त हो और इस कष्ट से छुटकारा मिले इसका उपाय बताएं तो श्रीकृष्‍ण ने उन्हें सपरिवार सहित अनंत चतुर्दशी का व्रत बताया था।

04- क्यों कहलाते हैं अनंत:- चतुर्मास में भगवान विष्णु शेषनाग की शैय्या पर अनंत शयन में रहते हैं। अनंत भगवान ने ही वामन अवतार में दो पग में ही तीनों लोकों को नाप लिया था। इनके ना तो आदि का पता है न अंत का इसलिए भी यह अनंत कहलाते हैं अत: इनके पूजन से आपके सभी कष्ट समाप्त हो जाएंगे। भगवान विष्णु के सेवक भगवान शेषनाग का नाम अनंत है।

05- कैसे करें पूजा:- प्रातःकाल स्नान आदि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लेकर पूजा स्थल पर कलश स्थापित किया जाता है। कलश पर अष्टदल कमल की तरह बने बर्तन में कुश से निर्मित अनंत की स्थापना करने के पश्चात एक धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर अनंत सूत्र तैयार करें, इसमें चौदह गांठें लगी होनी चाहिए। इसे भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने रखकर भगवान विष्णु और अनंत सूत्र की षोडशोपचार विधि से पूजा शुरू करें और नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें। इसके बाद विधिवत पूजन के बाद अनंत सूत्र को बाजू में बांध लें। पुरुष दांये हाथ में और महिलाएं बांये हाथ में बांधे।

अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव।
अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।।

मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने के साथ-साथ यदि कोई व्यक्ति श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करता है, तो उसकी समस्त मनोकामना पूर्ण होती है। धन-धान्य, सुख-संपदा और संतान की कामना से यह व्रत किया जाता है।।

कब शुरू होंगे श्राद्ध पक्ष, जानिए पितृपक्ष की तिथियां।।

धर्म, 07 सितंबर:- हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्राद्ध पक्ष भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक कुल 16 दिनों तक चलता है। इस बार पंचांग के अनुसार पितृ पक्ष 20 सितंबर 2021 सोमवार को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आरंभ होंगे। पितृ पक्ष का समापन 6 अक्टूबर 2021 बुधवार को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को होगा।

पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियां।

पूर्णिमा श्राद्ध- 20 सितंबर 2021
प्रतिपदा श्राद्ध- 21 सितंबर 2021
द्वितीया श्राद्ध- 22 सितंबर 2021
तृतीया श्राद्ध- 23 सितंबर 2021
चतुर्थी श्राद्ध- 24 सितंबर 2021
पंचमी श्राद्ध- 25 सितंबर 2021
षष्ठी श्राद्ध- 26 सितंबर 2021
इस साल- 27 सितंबर 2021 को श्राद तिथि नही है।
सप्तमी श्राद्ध- 28 सितंबर 2021
अष्टमी श्राद्ध- 29 सितंबर 2021
नवमी श्राद्ध- 30 सितंबर 2021
दशमी श्राद्ध- 1 अक्तूबर 2021
एकादशी श्राद्ध- 2 अक्तूबर 2021
द्वादशी श्राद्ध- 3 अक्तूबर 2021
त्रयोदशी श्राद्ध- 4 अक्तूबर 2021
चतुर्दशी श्राद्ध- 5 अक्तूबर 2021
अमावस्या श्राद्ध- 6 अक्तूबर 2021
देवपितृकार्ये सर्वेपितृ अमावस्या श्राद स्नान दान तर्पण।।

सुरेश कुमार आसवानी जीवन दर्पण ज्योतिष केंद्र बालाजी नगर माकड़वाली रोड वैशाली नगर अजमेर
संपर्क सूत्र- 9413761512 / 9610160966