गोरखपुर में मनीष गुप्ता की पीट-पीटकर हुई हत्या, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पीटकर हत्या का खुलासा।।

लगभग पूरे शरीर पर गंभीर चोट के निशान मिले। सिर और मांसपेशियों में गहरी चोट लगी।।
 
गोरखपुर में मनीष गुप्ता की पीट-पीटकर हुई हत्या, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पीटकर हत्या का खुलासा।।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ, 30 सितंबर:- कानपुर से आए प्रॉपर्टी डीलर मनीष कुमार गुप्‍ता (36 वर्ष) अपने दोस्‍त अरविंद सिंह और प्रदीप के साथ गोरखपुर के रामगढ़ताल थानाक्षेत्र के देवरिया बाईपास रोड पर स्थित कृष्‍णा पैलेस के 512 नंबर कमरे में ठहरे थे, वे यहां पर अपने दोस्‍त गोरखपुर के रहने बढ़यापार के रहने वाले चंदन सैनी और राणा प्रताप चंद से मिलने के लिए आए थे। सोमवार 27 सितंबर की रात 12.30 बजे रामगढ़ताल थाने के थाना प्रभारी जेएन सिंह, सब्‍जी मंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा समेत छह पुलिसकर्मी उनके कमरे में आए और पहचान पत्र दिखाने की बात करने लगे। पहचान पत्र नीचे रिशेप्‍शन पर देखने की बात कहने पर पुलिसकर्मियों ने तीनों को थप्‍पड़ से मारना शुरू कर दिया और अरविंद और प्रदीप को लेकर नीचे चले आए, कुछ देर बाद जब पुलिसवाले लिफ्ट से मनीष को नीचे घसीटते हुए लाए तो उसकी नाक और मुंह से खून बह रहा था। इसके बाद पुलिसवालों ने उसे लेकर निजी अस्‍पताल और फिर बीआरडी मेडिकल कालेज ले गए जहां उनकी मौत हो गई।

परिवार का आरोप- पुलिसकर्मियों ने शराब के नशे में मारा:- मृतक की पत्नी मीनाक्षी का कहना है कि उनके पति को बहुत ही बेरहमी से मारा गया है। इकलौते भाई को खो चुकी निशा और उनका परिवार पूरी तरह से सदमे में है, वे कहती हैं कि इकलौता भाई घर-परिवार का खर्च चलाता था। उसका पांच साल का बेटा है, सात साल शादी को हुआ। उन्‍हें छह पुलिसकर्मियों ने शराब के नशे में उन्‍हें इतना मारा कि उनकी मौत हो गई। मृतक की बहन निशा का कहना है कि मेरे भाई मनीष ने जबरदस्‍ती मारने की बात अपने साथ आए भाजपा युवा मोर्चा के नेता दुर्गेश को कॉल कर बताई थी, प्रदीप सैनी से वो मिलने आए थे, परिवारवाला कोई संदिग्‍ध कैसे हो सकता है, निशा का आरोप है कि पुलिसवालों ने उन्‍हें राइफल के बट से इतना मारा कि उनका सिर एक ओर से पिचक गया। निशा का कहना है कि उनके नाक और मुंह से खून आ गया, उनको इतना मारा कि उनके हाथ का मांस तक निकल गया, उनके चेहरे पर खरोच के निशान है, अभी अधिकारी समझा रहे हैं कि केस वापस ले लो वरना छह घर बर्बाद हो जाएंगे, आलाधिकारियों ने ये भी कहा कि ऑन ड्यूटी होने के नाते उन पर केस नहीं बनता।

गोरखपुर में मनीष गुप्ता की पीट-पीटकर हुई हत्या, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पीटकर हत्या का खुलासा।।

मनीष का सिर्फ इतना कसूर:- मृतक मनीष गुप्ता का बस इतना था कसूर की जागने के बाद मनीष ने भी अपनी आईडी दिखाई। आईडी दिखाने के बाद मनीष ने पुलिसकर्मियों से पूछ लिया कि इतनी रात में चेकिंग का यह कौन सा तरीका है। क्या हम लोग आतंकवादी लग रहे हैं। आप लोग सोते इंसान को जगाकर परेशान कर रहे हैं। बस इतनी सी बात से पुलिसवाले गुस्से में आ गये।

कंपनी के काम को लेकर गोरखपुर गया था मृतक:- बर्रा-3 निवासी नंद किशोर गुप्ता घर में सिलाई का काम करते हैं। तीन वर्ष पूर्व उनकी पत्नी उमा की बीमारी के कारण मौत हो गई थी। वह 38 वर्षीय बेटे मनीष गुप्ता, बहू मीनाक्षी और चार वर्षीय पौत्र अभिराज के साथ रहते हैं। दो शादीशुदा बेटियां शिवानी व डाली हैं। शिवानी ने बताया कि मनीष पहले आगरा में एक रीयल इस्टेट कंपनी में काम करते थे। डेढ़ माह से लखनऊ की एक कंपनी में काम कर रहे थे और लोगों को मत्स्य पालन की जानकारी देते थे। उसी सिलसिले में वह गोरखपुर गए थे।

पत्नी ने प्रशासन के सामने रखीं 3 मांगें:- मृतक की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने प्रशासन के सामने 3 मांगें रखी हैं। इसमें सबसे पहली मांग है कि केस को आगे की कार्रवाई के लिए कानपुर ट्रांसफर किया जाए। दूसरी मांग है कि परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिले। जबकि तीसरी मांग है कि 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए। इन मांगों को लेकर अधिकारी इसलिए भी गंभीर हैं क्योंकि गुरुवार 30 सितंबर को CM का दौरा है। और मनीष के परिजन CM योगी से मिलेंगे।

बुधवार 29 सितंबर सुबह नौ बजे कानपुर पहुंचा मनीष का शव:- परिजन गोरखपुर से मनीष का शव लेकर बुधवार 29 सितंबर को सुबह नौ बजे कानपुर पहुंचे। इसकी जानकारी होने पर एसीपी गोविंद नगर सर्किल फोर्स के साथ मनीष के घर पहुंचे। शव का अंतिम संस्कार करने को लेकर पुलिस और परिवार वालों के बीच बात हुई। लेकिन परिजनों ने मांगें पूरी न होने तक शव न उठाने से इंकार कर दिया। इस दौरान गोविंद नगर विधायक सुरेंद्र मैथानी भी वहां पहुंच गए। मीनाक्षी ने कहा कि सब झूठ बोलते हैं। चुनाव के चलते सिर्फ गलत प्रचार किया जा रहा है कि मेरी मुख्यमंत्री से फोन पर बात हुई है।

मीनाक्षी का आरोप- CM फोन नहीं करते तो मुकदमा नहीं लिखा जाता:- मीनाक्षी ने बताया कि गोरखपुर में अगर मुख्यमंत्री फोन नहीं करते, तो शायद मुकदमा नहीं लिखा जाता। मुख्यमंत्री ने पूरे सपोर्ट की बात कही है। उन्होंने परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजा और बेटे की पढ़ाई का जिम्मा लेने की बात कही है। यह बात करते-करते मीनाक्षी चीख-चीख कर रोने लगी और बोलने लगी। बोली- मेरी दुनिया इन पुलिस वालों ने उजाड़ दी। भगवान इन लोगों को कभी माफ नहीं करेगा। इस बीच उनका हाथ पकड़े खड़ा बेटा भी मां को बेसुध देख कर रोने लगा। पास में खड़े परिवार वालों ने मीनाक्षी और बच्चे को चुप कराया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या का खुलासा:- गोरखपुर पुलिस की पिटाई से हुई कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की मौत का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। एक तरफ पुलिस लीपापोती की कोशिश कर रही है, लेकिन मनीष गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने उसकी झूठी कहानी की पोल खोलकर रख दी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला है कि मनीष के सिर, चेहरे और शरीर पर गंभीर चोट के निशान हैं। मनीष के सिर के अगले हिस्से पर तेज प्रहार किया गया, जिससे उनके नाक के पास से खून बह रहा था। हालांकि, पुलिस ने घटना के बाद अपने पहले बयान में इसे हादसे में हुई मौत बताया था। पीट-पीटकर हत्या हुई है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पीटकर हत्या का खुलासा हुआ है। लगभग पूरे शरीर पर गंभीर चोट के निशान मिले। सिर और मांसपेशियों में गहरी चोट लगी।

पत्नी ने की SIT जांच की मांग:- मनीष का शव अंतिम संस्कार के लिए उठाया गया तो पत्नी मीनाक्षी बेसुध हो गई। मीनाक्षी ने कहा, मेरे पति की हत्या की जांच SIT से कराई जाए। वह मुख्यमंत्री योगी से मिलकर अपनी डिमांड रखेंगी। सोमवार 27 सितंबर की रात गोरखपुर के होटल में ठहरे मनीष को पुलिसकर्मियों ने पीटा था। इसके बाद उनकी मौत हो गई थी। मनीष का शव बुधवार 29 सितंबर सुबह 9 बजे गोरखपुर से कानपुर उनके आवास पर लाया गया था, लेकिन परिजनों ने CM योगी से मुलाकात, दोषियों पर कार्रवाई और मुआवजा की डिमांड को लेकर अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था।

पत्नी बोलीं- DM और SSP ने केस नहीं दर्ज कराने की सलाह दी:- बुधवार 29 सितंबर को जो वीडियो सामने आया था, उसमें गोरखपुर के DM और SSP मीनाक्षी और उसके परिवार को किसी भी हाल में केस न दर्ज कराने की सलाह देते नजर आए थे। यह बीआरडी मेडिकल कॉलेज पुलिस चौकी में बना वीडियो था। इसमें मीनाक्षी 4 साल के मासूम बेटे को गोद में लेकर डीएम विजय किरन आनंद और एसएसपी डॉ. विपिन ताडा से पति की मौत का इंसाफ मांग रही हैं। वीडियो की पुष्टि करते हुए मीनाक्षी ने कहा ​कि मंगलवार 28 सितंबर की रात 8 से रात 12 बजे तक अधिकारियों और परिवार की दो बार मीटिंग हुई। इसमें DM विजय किरन आनंद और SSP डॉ. विपिन ताडा ने किसी भी हाल में केस न दर्ज कराने की सलाह दी। मीनाक्षी का आरोप है कि इस मामले में जितने दोषी रामगढ़ताल थाने के पुलिस वाले हैं, उतने ही दोषी वहां के एसएसपी डॉ. विपिन ताडा और डीएम विजय किरन आनंद हैं। जोकि एक विधवा औरत की मदद करने के बजाए, हत्यारे पुलिस वालों को बचाने में जुटे रहे।

बर्बाद हो जाएगा 6 पुलिसकर्मियों का परिवार:- मृतक मनीष के बहनोई आशीष गुप्ता ने बताया कि मीनाक्षी के साथ वह भी मौजूद थे। मीनाक्षी भाभी ने सरकारी नौकरी की मांग करते हुए कहा था कि अब उनकी और बेटे की परवरिश कौन करेगा? इस पर अधिकारी समझाते रहे कि मनीष कोई सरकारी नौकरी तो करते नहीं थे, जो आपको मिलेगी? आशीष ने बताया कि अधिकारियों ने यह स्वीकार किया कि उन्हें पता है कि गलती पुलिस की ही है। लेकिन आपके एक केस से 6 पुलिसकर्मियों का परिवार बर्बाद हो जाएगा। इससे हासिल कुछ भी नहीं होगा। इस पर मीनाक्षी ने अधिकारियों से पूछा कि जो मेरी जिंदगी बर्बाद हुई है, उसका क्या होगा? तो अधिकारी बात को घुमाने लगे।

डीएम ने कहा था- सालों लगाने पड़ेंगे कोर्ट के चक्कर:- वहीं, वीडियो में डीएम कहते नजर आ रहे हैं कि मैं आपके भाई की तरह हूं। एक बार मुकदमा दर्ज हो जाने से आपको अंदाजा नहीं है कि सालों कोर्ट में चक्कर काटना पड़ेगा। इससे किसी को कुछ हासिल नहीं होता। सालों बीत जाएंगे चक्कर लगाते। जबकि एसएसपी कहते नजर आ रहे हैं कि पुलिस वालों की मनीष से कोई दुश्मनी तो थी नहीं, जो वो ऐसा करेंगे। आपके कहने पर मैंने उन्हें सस्पेंड कर दिया। वे तब तक बहाल नहीं होंगे, जब तक उन्हें क्लीनचिट नहीं मिलेगी। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ का फोन आने के बाद इस मामले में सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया।।