समुद्री लुटेरे अपनी एक आंख पर काले रंग की पट्टी क्यो बांधते हैं, यह फैशन के लिए है या इसमे छुपा है कोई रहस्य।।

दुनिया के वो समुद्री डकैत जिनके नाम से काँपती थी दुनिया।।
 
समुद्री लुटेरे अपनी एक आंख पर काले रंग की पट्टी क्यो बांधते हैं, यह फैशन के लिए है या इसमे छुपा है कोई रहस्य।।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

हटके, 20 सितंबर:- हॉलीवुड की फ़िल्म पाइरेट्स ऑफ़ द कैरेबियन तो आप सभी देखी ही होगी। इस फ़िल्म में ‘समुद्री लुटेरों’ की कहानी दिखाई गई थी, इस दौरान आपने समुद्री लुटेरों को अपनी की एक आंख पर काले कपडे से ढके हुए ज़रूर देखा होगा। आज भी अधिकतर लोगों को यही लगता है कि आंख में चोट लगने की वजह से ऐसा किया जाता है, लेकिन ये सच नहीं है, क्या आप जानते हैं ‘समुद्री लुटेरे’ ऐसा क्यों करते हैं?

विज्ञान का उठाते है लाभ:- जब कोई इंसान उजाले से अंधेरे में जाता है, तो हमारी आंखों की पुतलियां फ़ैल जाती हैं, ऐसा इसलिए होता है, ताकि वो अधिक प्रकाश को ग्रहण कर अंधेरे में भी देख सकें, लेकिन जब अंधेरे कमरे से निकलकर हमारी आंखें प्रकाश के संपर्क में आती हैं तो वो तुरंत ही प्रकाश के अनुसार ढल जाती है। विज्ञान के इसी नियम के तहत ‘समुद्री लुटेरे’ अपनी आखं पर काले रंग की पट्टी लगाते हैं। क्योकि समुद्री लुटेरों को मुश्किल वक्त में जहाज़ के डेक में जाकर मोर्चा संभालना होता है। डेक जहाज़ की वो जगह होती है जहां काफ़ी अंधेरा रहता है। इस दौरान ये लुटेरे डेक में घुसते ही अपनी आंख की काली पट्टी (पैच) को हटा देते हैं, ताकि अंधेरे में उन्हें चीज़ें आसानी से दिखाई दे सकें, यही मुख्य कारण है कि ‘समुद्री लुटेरे’ अक्सर अपनी एक आंख को पैच से ढके नज़र आते हैं।

उजाले से अंधेरे में आने पर 25 मिनट बाद आंख पूरी तरह से सही स्थिति में देख पाती हैं:- प्रकाश वाली जगह से अंधेरे कमरे में प्रवेश करने के क़रीब 25 मिनट बाद ही आंख पूरी तरह से सही स्थिति में देख पाती हैं, दिनभर काले कपड़े से ढके जाने की वजह से ये आंख अंधेरे में आसानी से समायोजित हो जाती है। इसलिए ‘समुद्री लुटेरे’ अंधेरे में इसका फ़ायदा उठाने के लिए अपनी एक आंख को दिनभर ढककर रखते हैं। पायलटों के लिए बनी एक सैन्य नियमावली में कहा गया है कि ‘अंधेरे में एकदम से कोई चमकदार रोशनी पड़ने से आंखों के सामने कुछ देर के लिए अंधेरा छा जाता है, इस स्थिति में यदि पायलट अपनी एक आंख बंद कर लें, तो वो आंख अंधेरे के लिए अनुकूल बनी रहेगी। ‘समुद्री लुटेरों’ ने इसी बात का फ़ायदा उठाना शुरू कर दिया।

दुनिया के वो समुद्री डकैत जिनसे काँपती थी दुनिया:- अगर पाइरेट्स यानि समुद्री डकैतों की बात होती है, तो तुरंत ही हॉलीवुड के फिल्मी डकैत कैप्टर जैक स्पॉरो की याद आती है, जो कैरिबियन पाइरेट्स फिल्म में समुद्री डकैत बने हैं। पर हम असल जिंदगी के उन डकैतों की बात कर रहे हैं, जिन्होंने समुद्रों में जमकर लूट की और तबाही को अंजाम दिया।

ब्लैक बियर्ड:- इसका असली नाम एडवर्ड टीच था। ब्लैक बियर्ड का जीवन लूट और मोहब्बत की कहानियों दोनों के लिए मशहूर है। इसने काफी लोगों की हत्याएं की और लड़ाई के दौरान मारा गया। इसने 20 साल तक हथियारों का बड़ा व्यापार चलाया। जब ब्लैक बियर्ड मारा गया, तो उसके शरीर में 5 गोलियां लगी थी और लगभग 20 जगहों पर चोट के निशान थे।

जैक रैकहम:- जैक रैकहम ने अपने समुद्री सरदार के खिलाफ विद्रोह करके साथियों को इकट्ठा किया और जमैकन इलाके में जमकर लूटमार की। इसकी दो महिला साथियों एने बॉनी और मैरी रीड ने भी इसका जमकर साथ दिया। जैक रैकहम को बाद में अंग्रेजों ने पकड़ लिया और नवंबर 1980 में फांसी दे दी।

ब्लैक बर्ट:- ब्लैक बर्ट का असली नाम बार्थोलोमेव रॉबर्ट्स था। ब्लैक बर्ट ने अपने जीवन में 470 जहाज लूटे। ब्लैक बर्ट को अपने कैप्टन के मरने के बाद उसके साथियों ने बॉस चुना था, जिसने पूरा जीवन अपने साथियों के लिए लूट की। ब्लैक बर्ट समुद्री लूट के दौरान ही मारा भी गया।

हेनरी मोर्गन:- समुद्री लुटेरों के इतिहास में हेनरी मोर्गन सबसे खूंखार नाम है। हेनरी मोर्गन ने अंग्रेजों के साथ स्पेनिशों को भी लूटा। हेनरी मोर्गन वैसे तो लुटेरा नहीं था, पर अंग्रेजों से समझौते के आधार पर स्पेनिशों को लूटता मारता था। हेनरी मोर्गन के ग्रुप का नाम ‘द ब्रेथ्रेन ऑफ द कोस्ट’ था।

फ्रांसिस ड्रेक:- फ्रांसिस ड्रेक समुद्री लुटेरों की लिस्ट में जाना माना नाम है। हालांकि उसके ब्रिटिश साम्राज्ञी एलिजाबेथ प्रथम से अच्छे संबंध थे। वो ब्रिटिशों की अधीनस्था में लूट करता था। फ्रांसिस ड्रेक खासतौर पर स्पेनिश जहाजों को निशाना बनाता था। उसके एक स्पेनिश जहाज के लूटने में 7 मिलियन पाउंड का सोना मिला था। बाद में वो राजनीति में भी आया, पर जल्द ही समुद्र में लौट गया, जहां वो मारा गया।

एने बॉनी और मैरी रीड:- एने बॉनी और मैरी रीड वैसे तो दो नाम हैं, पर साथ नाम आने से दोनों सबसे खूंखार लुटेरे बन जाते थे। दोनों ही महिला थीं, पर अलग-अलग वजहों से दोनों समुद्री डकैत बन गईं। एने बॉनी समुद्री लुटेरे कैप्टन जैक रैकहम का साथ पाते ही अकूत संपत्ति की मालकिन बन गई, जिसके साथ ब्रिटिश नौसेना ने भी सुरक्षा संधि की। बाद में दोनों को फांसी की सजा सुनाई गई, पर फांसी पर रोक लगा दी गई, क्योंकि दोनों ही उस समय प्रेग्नेंट थी। मैरी की मौत बच्चे के जन्म देने के बाद बुखार से हो गई, पर बॉनी के बारे में किसी को कोई खबर नहीं लगी। कुछ लोगों के मुताबिक वो जेल से फरार हो गई।

चिंग शिह:- समुद्री लुटेरों की लिस्ट में शामिल एकमात्र मशहूर महिला चिंग शिह 1775 में पैदा हुई थी, जो वेश्या थी। पर मशहूर समुद्री डकैत झेंग यी से शादी के बाद वो भी डकैत बन गई। चिंग शिह के गिरोह में 1800 छोटे-बड़े जहाज थे, तो 20 हजार से 40 हजार लोगों की मालकिन भी थी वो। अपने पति की मौत के तुरंत बाद उसने पूरा काम संभाल लिया। उसने बाद में झेंग यी के भतीजे से शादी कर ली और पूरा साम्राज्य अपने कब्जे में ले लिया। चीनी इतिहास में चिंग शिह सबसे बड़ी समुद्री लुटेरे के तौर पर जानी जाती है, जिसे इंग्लैंड की नौसेना, पुर्तगालियों की नौसेना के साथ ही चीनी नौसेना भी नहीं हरा पाई। चिंह शिह ने 1810 में पूरी फौज के साथ स्वेच्छा से आम जीवन जीने के लिए आत्मसमर्पण किया और कसीनो खोल लिया।

पिएट हेन:- पिएट हेन नीदरलैंड का था। इसने डकैतियां तो नहीं की, पर स्पेनिश जहाजों पर कब्जा करने के एवज में अकूत सोना इकट्ठा किया। पर उसे सरकारी खजाने में जमा नहीं किया। दरअसल 4 सालों तक स्पेनिश सेना का बंदी बनने के बाद वो स्पेन के लोगों से नफरत करने लगा था। बाद में एक लड़ाई के दौरान वो मारा गया। पिएट हेन के कब्जे से 15 लाख 9 हजार 524 किलो सोना और अन्य सामान मिले। ये नीदरलैंड की नौसेना में वरिष्ठ पद तक पहुंचा।

एडवर्ड सीजर (इंग्लैंड):- एडवर्ड सीजर एक पढ़ा-लिखा अंग्रेज था। उसने समुद्री लुटेरा बनने के बाद अपना नाम एडवर्ड इंग्लैंड रख लिया। दरअसल एडवर्ड सीजर को एक समुद्री डकैत ने पकड़ लिया और फिर वो उसी के लिए काम करने लगा। बाद में अंग्रेजों की पकड़ में आने के बावजूद छूट गया और सालों तक डकैती की। हालांकि एडवर्ड सीजर एक दयालू आदमी था। उसने पूरे जीवन में किसी की हत्या नहीं की, जबकि लूट करने का लंबा इतिहास उसने नाम रहा।

विलियम किड (इंग्लैंड):- विलियम किड वैसे तो लुटेरा नहीं था। वो अंग्रेज नौसेना में अपनी जहाज का कमांडर था। पर गुस्से और गलत नाम की वजह से डकैत घोषित कर दिया गया। दरअसल विलियम किड से मिलता जुलता नाम विलियम काईड समुद्री लुटेरा था, जबकि विलियम किड अंग्रेज अफसर। उसे फ्रेंच जहाजों को बर्बाद करने का मिशन मिला हुआ था, पर आदेश देने वाले ऑफिसर ने उसके साथ बदतमीजी कर दी। उसने जवाब में रास्ते में एक अन्य अंग्रेज जहाज को उड़ा दिया। इस दौरान उसने 5 जहाजों को बर्बाद किया और अपने साथियों से मौत का खौफ होने पर अमेरिका भाग गया। बाद में उसे इंग्लैंड लाया गया और 5 समुद्री डकैतियों और एक हत्या (जो उसके साथियों ने की थी) के लिए फांसी पर चढ़ा दिया गया।।