हिंदी परिधान है भारत की, हिंदी पहचान है भारत की।

सामाजिक एवं साहित्यिक संस्था "अभ्युदय फाउंडेशन" के तत्वावधान में संस्था के लालगंज अझारा स्थित 'गर्ग निलयम्' कार्यालय पर साहित्यकार अंजनी 'अमोघ' द्वारा हिंदी पखवारा काव्योत्सव धूमधाम से मनाया गया।
 
हिंदी परिधान है भारत की, हिंदी पहचान है भारत की।

हिंदी परिधान है भारत की, हिंदी पहचान है भारत की।

हिंदी पखवारा के क्रम में ‘अभ्युदय फाउंडेशन’ संस्था द्वारा लालगंज अझारा में आयोजित काव्योत्सव में सम्मानित हुए साहित्यकार व अन्य विभूतियां।

प्रतापगढ़, 29 सितम्बर।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

सामाजिक एवं साहित्यिक संस्था अभ्युदय फाउंडेशन के तत्वावधान में संस्था के लालगंज अझारा स्थित ‘गर्ग निलयम्’ कार्यालय पर हिंदी पखवारा काव्योत्सव धूमधाम से संपन्न हुआ।

साहित्यकार अंजनी अमोघ के संयोजन में ‘अभ्युदय फाउंडेशन’ द्वारा आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता ‘स्वतंत्र कवि मंडल’ के अध्यक्ष अर्जुन सिंह एवं संचालन हास्य कवि आशुतोष आशु एवं युवा शायर अनूप प्रतापगढ़ी ने संयुक्त रूप से किया।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में जनपद हिंदी साहित्य सम्मेलन के महामंत्री अनिल प्रताप त्रिपाठी ‘प्रवात’ की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा मां सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजन अर्चन के साथ शुरू हुए कार्यक्रम में संस्था के संस्थापक अध्यक्ष डॉक्टर केशरी नंदन शुक्ल केशरी ने उपस्थित विद्वानों एवं साहित्यकारों का स्वागत किया।

कार्यक्रम में हिंदी सेवाओं के लिए डॉक्टर दुर्गा प्रसाद ओझा, प्रकाश चंद्र मिश्र एवं डॉक्टर नीरज शुक्ला को “अवध गौरव सम्मान” तथा प्रमोद पाण्डेय, अरुण शुक्ला, नरेंद्र तिवारी, अमरीश मिश्रा, मनोज ओझा एवं अमरनाथ को “अभ्युदय गौरव सम्मान” से विभूषित किया गया।

इसी प्रकार प्रबंधक शीतला प्रसाद मिश्र, देवेंद्र तिवारी को “हिंदी सेवा सम्मान” तथा सदाशिव पांडेय, रामभवन मिश्र, बज्र घोष ओझा, दिनेश मिश्र को सामाजिक सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर काव्य पाठ करने वाले समस्त साहित्यकारों अर्जुन सिंह, गुरुबचन सिंह बाघ, अनिल प्रताप सिंह प्रवात, सुनील प्रभाकर, डॉ अजित शुक्ल, सुरेश अकेला, डॉक्टर केसरी नंदन शुक्ल केसरी, अनूप त्रिपाठी, संजय शुक्ला, परशुराम उपाध्याय ‘सुमन’, अनूप अनुपम, फैयाज अहमद परवाना, सुरेश नारायण दुबे व्योम, जय राम पांडेय राही, राम लगन यादव आशीष, डॉ अर्चना ओजस्वी, अभिजीत त्रिपाठी, अशोक विमल, सचिन मिश्रा सागर, राजेश पांडेय, संतोष सिंह, रवि त्रिपाठी, अनिरुद्ध मिश्रा (अमेठी) सहित डॉक्टर शक्तिधर नाथ पांडेय, आदि को संस्था की ओर से माल्यार्पण करके सम्मान पत्र भेंटकर सम्मानित किया गया।

जनपद मुख्यालय से पधारे लब्धप्रतिष्ठ रचनाकार सुरेश नारायण दुबे ‘व्योम’ की मां वंदना के बाद पट्टी से आए प्रतिष्ठित रचनाकार जय राम पांडे राही द्वारा ‘जय हिंदी हिंदी हिंदुस्तान लिखूंगा’
आदि पंक्तियों के गीत की प्रस्तुति ने हिंदी पखवारा काव्योत्सव के कार्यक्रम को ऊंचाइयां प्रदान कर दिया।

अमेठी से पधारे युवा कवि अभिजीत मिश्र ने पढ़ा-
“हिंदी की बिंदी से अपने जीवन का सिंगार करो”

डॉ अर्चना ओजस्वी ने पढ़ा-
हिंदी परिधान है भारत की। हिंदी पहचान है भारत की।

जनपद मुख्यालय से पधारे सुप्रसिद्ध रचनाकार सुनील प्रभाकर ने पढ़ा-

“रहते-रहते भी इतना रहना बाकी है।
सहते सहते भी इतना सहना बाकी है।”

अभिजीत मिश्र ने पढा-
“आंचल फटा ही सही, लेकिन सिर पर जरूर होता है”

उन्होंने उक्त पंक्तियों का गीत पढ़कर कार्यक्रम को सार्थक बनाया।

उपस्थित अन्य रचनाकारों ने भी हिंदी पर अपनी विविध रचनाएं पढ़कर कार्यक्रम को सार्थक किया।

इस अवसर पर बोलते हुए संस्था के संरक्षक डॉक्टर शक्तिधर नाथ पांडेय ने ‘अभ्युदय फाउंडेशन’ संस्था की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था अपने उद्देश्यों की ओर निरंतर बढ़ रही है। यह संस्था विविध कार्यक्रमों के माध्यम से अनवरत हिंदी साहित्य के संवर्धन के साथ ही समाज के प्रति अपना दायित्व निभाने वाले समाजसेवियों को सदा प्रोत्साहित करती रहती है।

कार्यक्रम के अध्यक्ष अर्जुन सिंह ने संस्था के कर्ता-धर्ता श्रेष्ठ रचनाकार अंजनी अमोघ के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कहा कि हिंदी साहित्य के प्रति इनकी निष्ठा एवं कर्तव्यपरायणता स्तुत्य है।

उन्होंने कहा कि आज हिंदी की जो दुर्दशा है, उसके जिम्मेदार राजनैतिक दल एवं सरकारें हैं। हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने में इनकी कोई रुचि नहीं दिखाई पड़ रही है, जबकि विश्व के कोने कोने में आज हिंदी बोली जाती है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अनिल प्रताप त्रिपाठी ‘प्रवात’ ने कहा कि हिंदी को पुष्पित एवं पल्लवित करने में साहित्यकारों की महत्वपूर्ण भूमिका है। काव्य गोष्ठियों एवं कवि सम्मेलनों में रचनाकारों द्वारा निरंतर हिंदी के बर्चस्व को कायम रखने का प्रयास किया जा रहा है।

कार्यक्रम में शिक्षक नेता राजेश कुमार मिश्र, राजा शुक्ला, राम अवधेश मिश्र, प्रमोद पांडेय, शीतला प्रसाद मिश्र, नवीन शुक्ला, संतोष मिश्र, मुकेश तिवारी, शिवम पांडेय, चंद्र प्रकाश मिश्र, बबन तिवारी, राकेश मिश्र, रामशरण पांडेय आदि की उपस्थिति रही।

संस्था के संरक्षक संजय शुक्ला एवं आयोजक प्रदीप मिश्र के आभार एवं धन्यवाद ज्ञापन के बाद राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।