लखनऊ समेत 19 सम्वेदनशील जिलों को नही मिलेगा 20 अप्रैल से घोषित छूट का लाभ,जानिए क्या है कारण।।

156 नये कोरोना पाज़िटिव के मिलने के बाद उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस मरीजों की संख्या बढ़कर 1131 पहुंच गई।
 

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता

लखनऊ, 20 अप्रैल।
उत्तरप्रदेश के 19 संवेदनशील जिलों में 20 अप्रैल से घोषित की जाने वाली छूट का लाभ नहीं मिलेगा। लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने भी राजधानी में सचिवालय को छोड़कर कहीं भी 20 अप्रैल से घोषित किसी भी प्रकार की छूट देने से इनकार किया है। यह फैसला उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ जिलाधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद लिया। उनका कहना है कि लखनऊ में बड़ी संख्या में कोरोना वायरस से संक्रमित लोग मिलते जा रहे हैं इसलिए सचिवालय को छोड़कर अगले आदेश तक कोई भी सरकारी या गैर सरकारी प्रतिष्ठान नहीं खोले जा सकते और लाक डाउन की वर्तमान व्यवस्था लागू रहेगी। इसी प्रकार की घोषणा मेरठ वाराणसी कानपुर और गाजियाबाद सहित 18 अन्य जिलों के प्रशासन ने भी किया है।

उल्लेखनीय है कि रविवार को शाम को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री ने यह निर्णय जिलाधिकारियों के ऊपर छोड़ दिया कि लाक डॉउन में छूट दी जाए या न दी जाए। उन्होंने कहा था कि जिन जनपदों में 10 से अधिक कोरोना वायरस के मरीज हैं उन्हें संवेदनशील मानते हुए उनकी विशेष चिंता करने की आवश्यकता है। इसलिए उन जिलों में जिलाधिकारी स्वयं निर्णय लें और निर्णय से प्रदेश सरकार को अवगत कराएं। लखनऊ की ही तरह कुल 18 और भी जिले हैं जहां इस प्रकार के प्रतिबंध लागू रहेंगे। ये जिले हैं- आगरा, नोएडा, मेरठ, कानपुर, वाराणसी, शामली, बागपत, बुलंदशहर, बस्ती, हापुड़, फिरोजाबाद, सहारनपुर, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, मुरादाबाद, सीतापुर और गाजियाबाद।

बाकी जिलों में कार्यालय खोले जाएंगे, अधिकारी मौजूद रहेंगे और कर्मचारियों के लिए रोस्टर प्रणाली लागू होगी। लगभग एक तिहाई कर्मचारियों की उपस्थिति कार्यालय में सुनिश्चित की जाएगी। बाकी कर्मचारी अपने-अपने घरों से ऑनलाइन संपर्क में बने रहेंगे।

लखनऊ में फिलहाल केवल सचिवालय खुलेगा और वहां मंत्री तथा अधिकारी बैठेंगे। कर्मचारी केवल एक तिहाई उपलब्ध रहेंगे बाकी घर से काम करेंगे। अनुभाग अधिकारी स्तर तक के अधिकारी सचिवालय में मौजूद रहेंगे। आने जाने वालों के लिए थर्मल स्कैनर लगाए जा रहे हैं। लेकिन बाहरी लोगों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। कर्मचारियों की संख्या आवश्यकतानुसार बढ़ाई जा सकेगी।

उधर केंद्र सरकार ने ऑनलाइन ट्रेडिंग कंपनियों को दी गई छूट को भी वापस ले लिया है अब यह कंपनियां केवल दवा, खाद्य सामग्री और मेडिकल उपकरण के अलावा किसी भी प्रकार की सप्लाई नहीं कर सकेंगे। संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं पर भी कोई फैसला 3 मई के बाद ही लिया जाएगा और ट्रेन तथा हवाई जहाज के यातायात पर भी अभी कोई निर्णय नहीं हो पाया है।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है रविवार को 156 नए मरीज चिन्हित किए गए जिसके बाद मरीजों की कुल संख्या 1131 पहुंच गई। नए मरीजों में सबसे ज्यादा आगरा में 45 और उसके बाद कानपुर में 26 मरीजों में संक्रमण की रिपोर्ट मिली है।

लखनऊ की विभिन्न मस्जिदों में मिले जिन 23 विदेशी जमातियों को क्वारेंटीन किया गया था उनका समय पूरा हो जाने के बाद उन्हें गिरफ्तार करके पुलिस ने जेल भेज दिया उनको नगर निगम के गर्ल्स इंटर कॉलेज में बनाई गई अस्थाई जेल में रखा गया है। इन विदेशी जमातियों में 4 महिलाएं भी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि 23 अप्रैल से रमजान शुरू हो रहा है इसलिए जिलाधिकारी स्थानीय मौलवियों के संपर्क में रहें और यह सुनिश्चित कर लें कि कहीं किसी प्रकार की भीड़ न जुटने पाए और सारे धार्मिक क्रियाकलाप लोग अपने अपने घरों से ही सम्पन्न करें। यह भी निर्देश दिया कोटा से लाए गए हजारों छात्र छात्राओं को घरों में ही क्वॉरेंटाइन कर दिया जाए।

राहत भरी खबर यह है कि डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान से भागे हुए कोरोना पॉजिटिव मरीज को लेखराज मेट्रो स्टेशन पर काफी खोजबीन के बाद पकड़ लिया गया है और इस प्रकार पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस लिया है।