मुजफ्फरनगर में 1995 में सजा सुनाए जाने के एक दिन पहले से लापता सजायाफ्ता 25 वर्षों बाद गिरफ्तार हुआ।

अपहरण और बलात्कार के एक मामले में दोषी पाए जाने के बाद सजा सुनाए जाने से एक दिन पहले 1995 में फरार हुए व्यक्ति को शनिवार को पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार कर लिया।
मुजफ्फरनगर में 1995 में सजा सुनाए जाने के एक दिन पहले से लापता सजायाफ्ता 25 वर्षों बाद गिरफ्तार हुआ।

डा. शक्ति कुमार पाण्डेय
विशेष संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 4 अप्रैल।

मुजफ्फरनगर में 1995 में सजा सुनाए जाने के एक दिन पहले से लापता सजायाफ्ता 25 वर्षों बाद गिरफ्तार हुआ।

अपहरण और बलात्कार के एक मामले में दोषी पाए जाने के बाद सजा सुनाए जाने से एक दिन पहले फरार हुए व्यक्ति को शनिवार को पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि 25 साल पहले अपहरण और बलात्कार के एक मामले में शाहिद हसन और उसके अन्य साथियों को अदालत ने दोषी ठहराया था, लेकिन सजा सुनाए जाने से एक दिन पहले ही शाहिद हसन फरार हो गया था।

उन्होंने कहा कि हसन के प्रत्येक साथी को उसी मामले में 10-10 साल कैद की सजा सुनाई गई थी लेकिन वह भाग निकला था।

उन्होंने कहा कि अदालत द्वारा उसे अपराधी घोषित करने के बाद जब वह फरार हो गया तो उसकी संपत्ति जब्त कर ली गई थी।

एक प्रावधान के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति का साथ साल तक पता नहीं चलता तो उसे मृत मान लिया जाता है।

लेकिन शाहिद हसन को मृत घोषित कराने के लिए उसके परिवार का कोई सदस्य अदालत नहीं गया।

पुलिस अधिकारी का कहना है कि वैसे भी उक्त कानूनी प्रावधान इस तरह के आपराधिक मामलों पर लागू नहीं होता है।