अमेठी: छापेमारी के नाम पर आबकारी विभाग के कर्मचारियों ने मचाया तांडव।

 

 

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क
रिपोर्ट: दिलीप यादव संवाददाता

21 अगस्त, अमेठी।
एक तरफ जहां कोरोना वायरस ने आम जनमानस में त्राहि-त्राहि मचा रखा है । लोग काम धंधा छोड़कर अपने घरों को वापस आ गए हैं लोग बेरोजगार हैं। उनको कोई काम नहीं मिल पा रहा है। किसी तरह से मेहनत मजदूरी करके दो वक्त की रोटी के लिए जुगाड़ में लगे हुए हैं । ऐसे में सरकारी तंत्र भी जनता पर कहर बनकर टूट रहा है। ऐसा ही एक मामला अमेठी जनपद के जामो थाना क्षेत्र के अंतर्गत राजामऊ गांव में देखने को मिला जहां पर जिले के आबकारी विभाग द्वारा अवैध शराब की सूचना पर छापेमारी की गई इस छापेमारी में आबकारी विभाग के कर्मचारियों ने घर में घुसकर जमकर तांडव मचाया। सारे सामान इधर-उधर फेंक कर उन घरों में भी घुस गए। जिसमें ताला बंद था और लूटपाट करते हुए गरीब और असहाय निराश्रित लोगों को अपना निशाना बनाया । जबकि किसी की भी गिरफ्तारी नही की गई। इस मामले में राजापुर के ग्राम प्रधान ने जामो थाने में तहरीर देकर गांव की बेबस असहाय गरीब पीड़ित और मजबूर जनता के लिए ऐसे निर्दयी कर्मचारियों और अधिकारियों से बचाने तथा न्याय की गुहार लगाई है। दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर देशी एवं अवैध शराब बनाने के कारोबार से जुड़े लोगों पर छापे मारने के निर्देश के बाद अमेठी जनपद के आबकारी विभाग द्वारा मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार पर जिले के जामो थाना क्षेत्र अंतर्गत राजामऊ गांव में 17 अगस्त की शाम को छापेमारी की गई । जिसमें मौके पर पाई गई शराब की भठ्ठी महुआ तथा लहन को नष्ट किया गया लेकिन सबसे बड़ी बात यह रही इसमें किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई। यदि मौके पर कोई गलत काम करता हुआ पाया गया तो उसकी गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई। आबकारी विभाग के इस छापे से ग्रामीण सकते में आ गए । क्योंकि आबकारी विभाग के सिपाहियों का जो रवैया था उसको लेकर ग्रामीण मजदूर एवं उनके परिवार बेहद परेशान हुए आबकारी विभाग द्वारा घर में घुसकर जिस तरह से सामान को फेंकने के साथ तोड़फोड़ की गई जो भी नकदी मिली उठा ले गए इस तरह का आरोप ग्रामीणों ने आबकारी विभाग के ऊपर लगाया है। ग्रामीण महिलाएं बताती हैं कि आबकारी विभाग वाले आए और सीधे घर के अंदर घुस गए मैं रोटी बना रही थी मुझे कुछ पता नहीं था। इसके बाद वह उससे कहने लगे कि दारू कहां है और महुआ कहां है? जबकि दारू थी ही नहीं । घर में महुआ रखा हुआ था उसको लेकर बाहर फेंक दिया और तमाम डिब्बे छोड़ दिए और हम को पकड़कर ले गए ₹200 हमसे लिए। उस समय मैं ही घर पर थी और कोई नहीं था । हमारे घर से बगल में दूसरे के घर पर हम को पकड़ कर ले गए थे और वही पर हम से पैसे लिए । हम लोग गरीब आदमी है दो पैसे का जुगाड़ करके हम किसी तरह से अपने बच्चों का पेट पालते हैं ऐसे कैसे ओर कब तक हम लोग इनको को पैसे देते रहेंगे।
पीड़ित महिला मिथिलेश बताती है कि मैंने ₹1000 अपनी थैली में रखा था । उन लोगों ने ₹1000 मेरी थैली से निकाल लिए और घर का ताला तोड़ दिए हम लोग धान लगाने गए थे। दो डिब्बे फोड़ डाले पतीली सहित टीन भी तोड़ दिया। जो तोड़फोड़ किए हैं वह उसका पैसा हमको दें हमारे घर का ताला क्यों तोड़ा? सबसे बड़ी बात तो यह है की हमारे बगैर रहे हमारे घर का ताला क्यों तोड़ा गया? राजामऊ ग्राम प्रधान सियाराम पासी ने बताया कि कुछ लोग आए हुए थे पता नहीं आबकारी विभाग के हैं? यह कौन है यह पता नही। वह लोग घर में घुसकर तोड़फोड़ किए और मारपीट भी की थोड़ा जो लहन मिला उसको नष्ट कर दिया । जो लोग घर में मौजूद भी नहीं थे उनके घर का ताला तोड़कर उनके घर से रुपए उठा ले गए । मैंने इसके खिलाफ तहरीर दी हुई है । यह लोग जिसको मारे पीटे हैं उनसे किसी से 3000 किसी से 200 और किसी से ₹1000 लिया है और गांव के कुछ लड़कों को भी इन्होंने मारा है । उन लोगों ने किसी की गिरफ्तारी नहीं की है सब को पकड़ कर छोड़ दिए। हम चाहते हैं कि उनके खिलाफ जांच करते हुए कार्यवाही की जाए। यह लोग आबकारी विभाग के थे या नहीं यह भी मुझे पता नहीं । यह लोग मेरे गांव में बिना घरवालों के मौजूद रहे घरों का सामान तोड़ा और रुपए भी सब उठा ले गए। इस अमानवीय कुकृत्य के संबंध में जानकारी करने के लिए जब जिला आबकारी अधिकारी आरके वर्मा से बात की गई तो उन्होंने सारे आरोपों का खंडन करते हुए बताया कि यह छापेमारी शासन के निर्देश पर हो रही है और लगातार चलती रहेगी मेरी टीम के ऊपर जो भी आरोप लग रहे हैं वह पेस बंदी के लिए लगाए जा रहे हैं ताकि हम लोग उनकी धरपकड़ ना करें।