कानपुर देहात में 17 जुलाई को किडनैप किए गए बृजेश पाल की लाश बरामद हुई और पुलिस ने हत्यारोपी बृजेश के दोस्त को गिरफ्तार किया।

पुलिस के अनुसार बृजेश का दोस्त कर्ज़ में था, उसने बृजेश की हत्या के बाद शव कुएं में फेंका और कुछ घंटे बाद परिवार को 20 लाख की फिरौती के लिए कॉल किया।
 

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 29 जुलाई।
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में 17 जुलाई को किडनैप किए गए बृजेश पाल की लाश बरामद हो गई है, और पुलिस ने हत्यारोपी बृजेश के दोस्त को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस ने खुलासा किया है कि उसके ही दोस्त ने हत्या कर दी थी क्योंकि बृजेश का दोस्त कर्ज़ में था। उसने बृजेश की हत्या के बाद शव कुएं में फेंका और कुछ घंटे बाद परिवार को 20 लाख की फिरौती के लिए कॉल किया था।

सर्विलांस के जरिए गिरफ्तार करने के बाद पुलिस इस केस के आरोपी को घटनास्थल पर ले गई थी। इस दौरान आरोपी ने भागने की कोशिश की तो उसके पैर में गोली भी मारी गई।

कानपुर देहात के थाना भोगनीपुर के अंतर्गत एक धर्मकांटे पर ड्यूटी करने गए बृजेश पाल का नाटकीय ढंग से अपहरण हो गया था। अपहरणकर्ताओं ने उसी के फोन से 5 दिन के अंदर 20 लाख रुपये की मांग की थी। घटना की जानकारी होते ही पुलिस ने बृजेश के भाई की तहरीर पर अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करके तलाश शुरू कर दी थी। अब बृजेश का शव कुएं से बरामद किया गया है।

कानपुर देहात जिले के भोगनीपुर से 17 जुलाई की रात किडनैप किए गए युवक की उसके ही दोस्त ने नींद की गोलियां देने के बाद गला दबाकर हत्या कर दी थी। वारदात के बाद बीहड़ी क्षेत्र देवराहट में उसका शव कुएं में फेंक दिया था। एसपी अनुराग वत्स के अनुसार, हत्या के आरोपी पर दो ट्रकों का लाखों रुपये का कर्ज था। उसे चुकाने के लिए ही उसने शव ठिकाने लगाने के बाद 20 लाख रुपये फिरौती के लिए फोन किया था। अब आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

पुलिस के अनुसार, भोगनीपुर के चौरा गांव का बृजेश पाल (22) हाइवे के एक धर्मकांटे का मैनेजर था। 17 जुलाई की रात वह अचानक वहां से लापता हो गया था, जबकि उसके शर्ट-पैंट दफ्तर में ही मिले थे। पुलिस ने अपहरण की एफआईआर लिख तफ्तीश शुरू की थी। आरोप है कि पूछताछ के दौरान पुलिस ने बृजेश के ही परिजन को पीटा भी था। सर्विलांस के दौरान मंगलवार को पुलिस ने बृजेश के दोस्त सुबोध सचान को हिरासत में लिया।

सख्ती से पूछताछ में उसने कबूला कि 17 जुलाई की रात वह अपनी कार से बृजेश से मिलने गया था। पार्टी के नाम पर उसे धर्मकांटे से बाहर बुलाकर गाड़ी में बैठाया और शराब पी। बृजेश के लिए मंगाई सॉफ्ट ड्रिंक में नींद की गोलियां मिला दी थीं। बृजेश के बेहोश होते ही रस्सी से गला कसकर उसकी हत्या कर दी थी। शव देवराहट के जंगलों में कुएं में फेंक दिया था। सुबोध की निशानदेही पर पुलिस ने मंगलवार को कुएं से शव निकलवाया गया। परिजन ने कपड़ों के आधार पर उसकी पहचान कर ली। बताते हैं कि सुबोध ने फिरौती का पहला कॉल उसके ही मोबाइल से किया था। हालांकि, मोबाइल पर फोन आने के बाद प्रारम्भिक 10-11 दिनों तक पुलिस सर्विलांस के जरिए उसे पकड़ने में नाकाम रही थी।