मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-11 के साथ कोरोना वायरस की समीक्षा के दौरान आज़ संक्रमितों को होम आइसोलेशन की मंजूरी दे दी।

मुख्यमंत्री मान रहे हैं कि बड़ी संख्या में लक्षणरहित संक्रमित लोग अस्पताल जाने के डर से अपनी बीमारी छिपा रहे हैं। इससे संक्रमण बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है।
 

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 20 जुलाई।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रसार के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-11 के साथ कोरोना वायरस की समीक्षा के दौरान संक्रमितों को होम आइसोलेशन की मंजूरी दे दी है। होम आइसोलेशन के दौरान संक्रमित व संदिग्ध के साथ उनके परिवार को भी होम आइसोलेशन के प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मान रहे हैं कि बड़ी संख्या में लक्षणरहित संक्रमित लोग अपनी बीमारी छिपा रहे हैं। इससे संक्रमण बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। ऐसे मरीजों को सरकार शर्तों के साथ होम आइसोलेशन की अनुमति देगी। सरकार ने यह भी साफ किया है कि कोविड अस्पतालों में बेड की संख्या पर्याप्त है।

मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण में कड़ी शर्त तथा कोरोना प्रोटोकॉल के तहत संक्रमित तथा संदिग्धों को कोरोना प्रोटोकॉल के होम आइसोलशन की मंजूरी दी है। इसके साथ सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसको लेकर तत्काल ही गाइडलाइन बनाने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि माइल्ड लक्षण वालों को होम आइसोलेशन में रखा जाएगा। अभी तक उत्तर प्रदेश में कोरोना के अधिकांश संक्रमित माइल्ड लक्षण वाले ही हैं। इसके साथ ही संदिग्धों तथा बिना लक्षण वालों को भी होम आइसोलेशन की अनुमति दी गई है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में कोविड अस्पताल तथा आइसोलेशन बेड हैं, लेकिन कभी-कभी संक्रमित या फिर संदिग्ध को घर के लोगों की कमी खलती है। उन्होंने कहा कि संक्रमित, संदिग्ध और उसके परिवार को होम आइसोलेशन के प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य होगा। प्रदेश में बड़ी संख्या में कोविड-19 के लक्षणरहित संक्रमित लोग बीमारी को छुपा रहे हैं, जिससे संक्रमण बढ़ सकता है। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार एक निर्धारित प्रोटोकॉल के अधीन शर्तों के साथ होम आइसोलेशन की अनुमति देगी।

संक्रमितों तथा संदिग्धों को होम आइसोलेट करने के बारे में सरकार की दलील है कि बहुत से लोग बीमारी को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे लोग अस्पताल में रहना नहीं चाहते। इस तरह से लोगों ने अन्य लोगों को संक्रमण बढऩे का खतरा है। अब ऐसे लोगों को शर्तों के साथ होम आइसोलेट किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने उच्चाधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि इस व्यवस्था को लागू करने के साथ-साथ लोगों को कोविड-19 से बचाव के बारे में लगातार जागरूक किया जाए। इस संबंध में एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाए। जागरूकता अभियान में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, सोशल मीडिया, बैनर, पोस्टर और पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम का उपयोग हो।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारा प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जा सके। मास्क के अनिवार्य रूप से उपयोग और सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन भी वरीयता पर है।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचाव के बारे में व्यापक जागरूकता अभियान संचालित किया जाए। कोविड-19 से बचाव के लिए बेहतर इम्युनिटी जरूरी है। कोविड-19 से होने वाली मृत्यु की दर को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग प्रभावी कार्यवाई करे। संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग प्रत्येक दशा में की जाए।

उन्होंने कहा कि जनपद लखनऊ, कानपुर नगर, बस्ती, प्रयागराज, बरेली, गोरखपुर, बलिया, झांसी, मुरादाबाद एवं वाराणसी में चिकित्सकों की विशेष टीम भेजने के लिए स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग को निर्देशित किया है। इन जनपदों के नोडल अधिकारी भी टीम के साथ रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण में डोर-टू-डोर सर्वे एक आवश्यक प्रक्रिया है, जिसके अन्तर्गत मेडिकल स्क्रीनिंग के माध्यम से कोविड-19 के पीडि़तों को चिन्हित करने में बड़ी सहायता मिल रही है। इस कार्य को सतत जारी रखें और कोरोना की दृष्टि से संदिग्ध पाए गए व्यक्तियों की रैपिड एन्टीजन टेस्ट से जांच हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर इम्यूनिटी कोविड से बचाव के लिए जरूरी है। इस संबंध में भी लोगों को जागरूक किया जाए। सभी लोगों को आरोग्य सेतु एप और आयुष कवच कोविड एप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। जनता को यह भी बताया जाए कि आयुष कोविड कवच एप में प्रदान की गई जानकारी को अपनाकर इम्यूनिटी बढ़ाई जा सकती है।

इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में अब हर शहर में बिना लक्षण वाले मरीजों को अब होटल और रिसॉर्ट में आइसोलेशन में रखने की व्यवस्था लागू कर दी गई है। पहले यह व्यवस्था गाजियाबाद और लखनऊ में शुरू की गई थी। एल-1 प्लस की इस सुविधा के लिए प्रदेश के जिलों के डीएम होटल में आइसोलेशन पर रहने वाले मरीजों के लिए दरों का निर्धारण करेंगे। डबल बेड वाले कमरे का प्रतिदिन का चार्ज दो हजार से अधिक नहीं होगा। एक व्यक्ति के लिए भोजन समेत केवल एक हजार होगा।

प्रदेश सरकार का मानना है कि बाहर ने आने वाले बिना लक्षण वाले मरीजों को केवल दस दिन ही भर्ती रहना पड़ता है। ऐसे में होटल में सरकारी चिकित्सीय व्यवस्था के लिए केवल दो हजार रुपए एक मुश्त टोकन मनी के रूप में देंगे। जिन मरीजों को निशुल्क इलाज कराना है तो सरकार उनका अपने कोविड अस्पतालों में भर्ती करेगी। इस सिलसिले में शासनादेश जारी कर दिया गया है।

प्रदेश में हर जिले में इंट्रीग्रेटेड कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर भी स्थापित होगा। इसमें कोरोना ही नहीं संक्रामक रोग के बारे में चले रहे सॢवलांस, जांच, चिकित्साकर्मियों और अन्य सभी कामों का ब्योरा संबंधित विभाग के लोग देंगे। जिले में कोरोना संक्रमण नियंत्रण की कार्ररवाई भी इसी कंट्रोल रूम के मार्फत होगी।

प्रदेश में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानक से कहीं ज्यादा टेस्टिंग हो रही है। डब्ल्यू एचओ ने एक लाख की आबादी पर 14 टेस्टिंग होने का मानक निर्धारित कर रखा है। इस तरह मानक के अनुसार प्रदेश में आबादी के हिसाब से 32 हजार प्रतिदिन टेस्टिंग होनी चाहिए। लेकिन पिछले 24 घंटों में 44 हजार से ज्यादा टेस्टिंग की गई है। अब तक पूरे प्रदेश में 14 लाख 70 हजार से ज्यादा टेस्टिंग हो चुकी है।