भारत के S-400 से चाइना को लगता है डर, चाइना के साथ पाकिस्तान भी जासूसी में जुटा।।

इस एक मिसाइल सिस्टम में कई सिस्टम एकसाथ लगे होने के कारण इसकी सामरिक क्षमता काफी मजबूत मानी जाती है, अलग-अलग काम करने वाले कई राडार, खुद निशाने को चिन्हित करने वाले एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम, लॉन्चर, कमांड और कंट्रोल सेंटर एक साथ होने के कारण S-400 की दुनिया में काफी मांग है।
 
भारत के S-400 से चाइना को लगता है डर, चाइना के साथ पाकिस्तान भी जासूसी में जुटा।।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली, 30 नवंबर:- भारत को रूस से एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम मिलना शुरू हो गया है और जल्द ही भारतीय सीमाएं अभेद्य हो जाएंगी। रूस से भारत को मिलने वाली एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम से चीन परेशान है और लगातार भारत की रक्षा तैयारियों की जानकारी हासिल करने के लिए जुटा हुआ है, और वही भारत की रक्षा तैयारियों की जानकारी पाने के लिए चीन के हैकर्स देश के डिफेंस सेक्टर पर साइबर अटैक कर रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने ऐसे 40 कंप्यूटर्स की जानकारी सरकार से शेयर की है, जिसे हैक करने की कोशिश की गई। इसके साथ ही एजेंसियों ने 100 से ज्यादा वेब ऐप्लिकेशन का पता लगाया है, जिसके जरिए हैकिंग की कोशिश की जा रही है।

क्या है S-400:- भारतीय सेना में शामिल होने के बाद सीमाओं की सुरक्षा अधिक और हमले का खतरा कम हो जाता है। यह सिस्टम किसी भी संभावित हवाई हमले का पता पहले ही लगा लेता है। यह मिसाइल सिस्टम एयरक्राफ्ट, क्रूज मिसाइल और यहां तक कि परमाणु मिसाइल को 400 किलोमीटर पहले ही नष्ट कर सकता है। इसके तीन प्रमुख अंग हैं जिनमें मिसाइल लॉन्चर, राडार और कमांड सेंटर शामिल है। एस-400 मिसाइल सिस्‍टम अत्‍या‍धुनिक रडारों से लैस है। इसमें लगा हुआ अत्‍याधुनिक राडार 600 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य को देख सकता है। सेटेलाइट से कनेक्‍ट रहने की वजह से जरूरी सिग्‍नल और जानकारियां तुरंत मिलती हैं। इसमें अत्‍याधुनिक राडार लगे होते हैं, जो दुश्‍मन का पता लगाते ही अपने कंट्रोल कमांड को सिग्‍नल भेजते हैं। इसमें टारगेट की दूरी, उसकी स्‍पीड समेत सभी जरूरी सूचनाएं शामिल होती हैं। इसके बाद कमांड कंट्रोल की तरफ से मिसाइल लान्‍च का आदेश दिया जाता है। यह मिसाइल सिस्‍टम एक साथ 36 लक्ष्यों पर निशाना लगा सकता है। इसे पांच मिनट के अंदर तैनात किया जा सकता है। इसको आसानी से एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान पर ले जाया जा सकता है। इसका पूरा नाम S-400 ट्रायम्फ है जिसे नाटो देशों में SA-21 ग्रोलर के नाम से जाना जाता है। रूस द्वारा विकसित यह मिसाइल सिस्टम जमीन से हवा में मार करने में सक्षम है। इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम को दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार माना जाता है। एस-400 दुश्मन के हवाई हमलों को नाकाम करने में सक्षम है।

कितना खतरनाक है S-400 मिसाइल सिस्टम

  1. इस मिसाइल सिस्टम का पूरा नाम S-400 ट्रायम्फ है जिसे नाटो देशों में SA-21 ग्रोलर के नाम से पुकारा जाता है। यह लंबी दूरी का जमीन से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है जिसे रूस ने बनाया है।
  2. S-400 का सबसे पहले साल 2007 में उपयोग हुआ था जो कि S-300 का अपडेटेड वर्जन है।
  3. साल 2015 से भारत-रूस में इस मिसाइल सिस्टम की डील को लेकर बात चल रही है, कई देश रूस से यह सिस्टम खरीदना चाहते हैं क्योंकि इसे अमेरिका के थाड (टर्मिनल हाई ऑल्टिट्यूड एरिया डिफेंस) सिस्टम से बेहतर माना जाता है।
  4. इस एक मिसाइल सिस्टम में कई सिस्टम एकसाथ लगे होने के कारण इसकी सामरिक क्षमता काफी मजबूत मानी जाती है, अलग-अलग काम करने वाले कई राडार, खुद निशाने को चिन्हित करने वाले एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम, लॉन्चर, कमांड और कंट्रोल सेंटर एक साथ होने के कारण S-400 की दुनिया में काफी मांग है।
  5. इसकी मारक क्षमता अचूक है क्योंकि यह एक साथ तीन दिशाओं में मिसाइल दाग सकता है।
  6. 400 किमी के रेंज में एक साथ कई लड़ाकू विमान, बैलिस्टिक व क्रूज मिसाइल और ड्रोन पर यह हमला कर सकता है।।