कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता ने आरोप लगाया है कि बिकरू में मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी को बिना किसी अपराध के सरकार ने रासुका और गैंगेस्टर सहित कई गम्भीर धाराएं लगाकर जेल भेज दिया।

आराधना ने कहा कि महिला आयोग इस मामले की स्वतंत्र जांच करे, क्योंकि एक निरपराध नाबालिग लड़की को पुलिस प्रताड़ना का शिकार होना पड़ रहा है।
कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता ने आरोप लगाया है कि बिकरू में मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी को बिना किसी अपराध के सरकार ने रासुका और गैंगेस्टर सहित कई गम्भीर धाराएं लगाकर जेल भेज दिया।

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 3 सितम्बर।
कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्र उर्फ ‘मोना’ ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि कानपुर के बिकरू में मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को बिना किसी अपराध के सरकार ने रासुका और गैंगेस्टर सहित कई गम्भीर धाराएं लगाकर जेल भेज दिया है।

आराधना मिश्र ने कहा कि गरीब ब्राह्मण की बेटी के साथ इस तरह की प्रताड़ना भाजपा के ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं’ के नारे की पोल खोल दे रही है। उन्होंने महिला आयोग, बाल आयोग व मानवाधिकार आयोग से इस प्रकरण के स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई की मांग की है।

उन्होंने कहा कि परिवार और वकीलों के ये बताने के बावजूद की खुशी नाबालिग है, उसे जेल भेज भेज दिया गया। अब तो किशोर न्यायालय ने भी उसे नाबालिग करार दिया है।

कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता ने आश्चर्य और क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा है कि भाजपा सरकार ने यह भी एक मिसाल कायम की कि कुछ घंटों पहले की ब्याहता एक नाबालिग को इसलिए गम्भीर धाराओं में जेल भेज दिया जाए क्योंकि उसकी शादी एनकाउंटर में मारे गए व्यक्ति से हुई है। उन्होंने कहा कि महिला आयोग इसकी स्वतंत्र जांच करे, क्योंकि उसका जीवन तो वैसे ही बर्बाद हो चुका है अब उसे प्रताड़ना का शिकार होना पड़ रहा है।

उल्लेखनीय है कि कानपुर में थाना चौबेपुर के अंतर्गत 2 और 3 जुलाई की आधीरात हुए बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे की पत्नी खुशी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

गिरफ्तारी के ठीक बाद से ही परिजन खुशी के नाबालिग होने की बात कह रहे थे। इस मामले में कोर्ट ने आखिरकार प्रमाण पत्रों के आधार पर यह बात मान ली है कि खुशी नाबालिग है।

खुशी के अधिवक्ता ने 12 अगस्त को विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र (कानपुर देहात एंटी डकैती कोर्ट) में प्रार्थना पत्र देकर खुशी के नाबालिग होने के संबंध में साक्ष्य दिए थे।

साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने खुशी की उम्र निर्धारण के लिए किशोर न्याय बोर्ड को स्थानांतरित कर दिया था। जहां लंबी सुनवाई के दौरान बुधवार को खुशी के अधिवक्ता ने बोर्ड को बताया कि खुशी ने कक्षा 5 व 8 की परीक्षा शास्त्री नगर स्थित मां सरस्वती विद्यालय से तथा कक्षा 9 व 10 की परीक्षा पनकी स्थित शहीद चंद्रशेखर आजाद इंटर कॉलेज से पास की है।

प्रमाण पत्रों के आधार पर उसका जन्म 21 अगस्त 2003 को हुआ था। इस दौरान हाई स्कूल व अन्य शैक्षिक प्रमाण पत्र भी पेश किए गए। इसके आधार पर बोर्ड ने खुशी को नाबालिग मान लिया और फैसला सुनाते हुए कहा कि प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के आधार पर खुशी की उम्र लगभग 16 वर्ष 10 माह है।

बता दें कि अपराधी विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे को हमीरपुर में एसटीएफ ने मार गिराया था। इसके साथ ही 29 जून को शादी होने के बाद 30 जून को बिकरू पहुंची खुशी को बिकरू कांड में साजिश रचने के जुर्म में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। हालांकि, खुशी को बिकरू गांव में पहुंचे हुए मात्र तीन दिन ही हुए थे। यह भी जानकारी मिली थी कि उसकी शादी जबरदस्ती कराई गई थी।

पति के अपराध में संलिप्त पाते जाने पर पत्नी को भी दोषी मानते हुए जेल भेजने पर बहुत से सामाजिक संगठनों ने आक्रोश व्यक्त किया है। और अब यह पता चलने पर कि वह नाबालिग भी है लोगों का आक्रोश बढ़ गया है।