कोरोना संक्रमण के मामले में प्रदेश का आगरा जिला बेहद संवेदनशील

कुल 89 मामले प्रकाश में आये जिसमें 48 तब्लीगी जमात वाले।
 

डा. एस. के. पाण्डेय (राज्य संवाददाता)
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लखनऊ, 10 अप्रैल।
कोरोना संक्रमण के मामले में प्रदेश में पहले स्थान पर चल रहे आगरा जिले की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। प्रारंभ में संक्रमण शहर तक सीमित था, अब देहात क्षेत्र में भी जा चुका है। 19 नये मामले सामने आने के बाद अब संख्या 89 हो गई है। संक्रमितों में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं। इनमें 48 जमाती हैं। एक महिला की मौत भी हो चुकी है‌ अब तक लगभग 1700 लोगों के नमूने लिए जा चुके हैं। लगभग 1800 लोग शेल्टर होम में क्वारंटीन किए गए हैं। हॉट स्पॉट में लगभग 850 परिवार हैं जिनके घर से निकलने पर पूरी तरह पाबंदी है।

पुलिस ने शहर से देहात तक 143 जमाती ढूंढकर स्वास्थ्य विभाग के हवाले किए। इनमें से अब तक 48 को संक्रमण मिल चुका है। ये जमाती शहर की 13 मस्जिदों में ठहरे थे। यह जमाती हींग की मंडी, वजीरपुरा, मंटोला, आजमपाड़ा, ताजगंज, शमसाबाद, शहीद नगर, कोतवाली, तोपखाना आदि इलाकों की मस्जिद में आए थे। यह कई लोगों के संपर्क में रहे थे। वे लोग 10 बस्तियों में भी गए थे। इन बस्तियों के सैंकड़ों लोग इनके संपर्क में आए। उनमें से 100 की ही सूची अब तक पुलिस बना पाई है। इसके लिए इनके मोबाइल की लोकेशन मालूम की जा रही है‌। इसके मिलते ही जांच का दायरा और बढ़ाया जाएगा। सभी लोगों के सामने आने और उनके नमूने हो जाने पर ही पूरी तस्वीर सामने आ पाएगी। हॉटस्पॉट सील होने के बाद नमूने लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

शहर में संक्रमण बढ़ने की दूसरी वजह विदेश से आए लोग हैं। कुल 336 लोगों ने विदेश से आने की जानकारी दी। विदेश से आए लोगों में से 11 में संक्रमण मिला। इनसे इनके परिजन और अन्य लोग संक्रमित हुए। उनकी संख्या 20 से ज्यादा है। अगर विदेश से आए लोग घर न जाकर सीधे किसी क्वारंटीन सेंटर में चले जाते तो संख्या इतनी न बढ़ती।

आगरा शहर में कोरोना के कई पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद यहां के 22 इलाकों को हॉटस्पॉट के तौर पर चिन्हित किया गया है। प्रशासन ने इन इलाकों को पूरी तरह सील कर दिया है। प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि इस लिस्ट में न्यू आगरा के कमला नगर में स्थित सार्थक हॉस्पिटल के पास का इलाका, इमिनंत अपार्टमेंट के पास का इलाका, रकाबगंज के मोहनपुरा राओली के कुणाल त्यागी के घर के पास का एरिया, इसी इलाके के एसआर हॉस्पिटल नामनेर का इलाका, छाता के नयाघर के पास कृष्ण विहार, जीवनी मंडी का एरिया, सोनू के घर के पास शाहगंज, मंटोला का रंगरेज मस्जिद के पास का इलाका शामिल है। इसके अलावा जगदीशपुरा की बिलाल मस्जिद जो बिछपुड़ी के गांव मंगताई में स्थित है ये भी कोरोना संक्रमण का हॉटस्पॉट माना जा रहा है।

इसके अलावा शहर के कोतवाली इलाके के हींग की मंडी में मौजूद मरकज मस्जिद, नाई की मंडी इलाके के लेडी लॉयक के पास की बड़ी मस्जिद और हरिपर्वत इलाके की टेंट वाली मस्जिद के पास का एरिया भी इस लिस्ट में शामिल है। इसके अलावा ताजगंज- गढ़िया इलाके में स्थित मदीना मस्जिद का इलाका, एमएम गेट-साबुन कटरा इलाके की छोटी मस्जिद का इलाका भी हॉट स्पॉट के तौर पर उभरा है। साथ ही जमुनापार का इतमादूअल्ला एरिया का सीताराम नगर राम बाग भी इस लिस्ट में शामिल है। इसके अलावा दीपक अग्रवाल का घर जो हरिपर्वत चर्चगेट के पास है. साथ ही इसमें कृष्णपुरा जगदीशपुरा का इलाका, सईंया स्थित चोगरा टेहरा में राम शंकर के घर के पास का इलाका, शाहगंज के सुभाषनगर में अजय कुमार के घर के पास का इलाका, न्यू आगरा के सुभाष नगर में मनोज कुमार के घर के पास का इलाका, खदौली के हसनपुर गांव में भोला खान के घर के पास का इलाका, कोतवाली के छत्ता के पास डॉक्टर मित्तल के घर के पास का इलाका, न्यू आगरा के बसंत विहार में मनोरमा देवी के घर के पास का इलाका शामिल है।

जमातियों के बाद कोरोना संक्रमण फैलने का दूसरा खतरा अस्पतालों से बन गया है। इनमें निजी और सरकारी दोनों तरह के अस्पताल हैं। चिकित्सकों ने संकट की इस घड़ी में मरीजों का उपचार किया लेकिन अनजाने में संक्रमित लोग भी अस्पताल पहुंच गए। उनके कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट बाद में आई। इससे पहले उनके संपर्क से चिकित्सक, अस्पताल का स्टाफ और अन्य लोग संक्रमित हो गए। कुल संक्रमितों की संख्या 17 पर पहुंच गई है। इनमें कमला नगर के अस्पताल से पिता-पुत्र संक्रमित मिले। हालांकि इनमें पुत्र विदेश से लौटा था। प्रशासन अस्पतालों से संक्रमण रोकने के लिए नए सिरे से योजना बना रहा है।

सबसे पहले चिकित्सक पिता-पुत्र को संक्रमण हुआ। उनका उपचार गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा है। इसके बाद दो कर्मचारी संक्रमित पाए गए। फिर एक कर्मचारी के दो परिजन भी चपेट में आ गए। माना जा रहा है कि कोरोना संक्रमित कोई मरीज उपचार के लिए आया। वह कौन था, कहां से आया था, स्वास्थ्य विभाग इसका पता लगाने की कोशिश में लगा है।