एटा की बेटी ने वैज्ञानिक बनकर बढ़ाया जिले का नाम, परिजनों में खुशी की लहर।।

 
एटा की बेटी ने वैज्ञानिक बनकर बढ़ाया जिले का नाम, परिजनों में खुशी की लहर।।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

रिपोर्ट- आर.बी.द्विवेदी संवाददाता

एटा, 16 अक्टूबर:- कहते हैं किसी में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कामयाबी भी कदम चूमती है, सफलता हर किसी के जीवन का लक्ष्य है। जीवन चुनौतियों और अवसरों से भरा है लेकिन केवल उन्हीं लोगों के लिए जो वास्तव में अवसरों को प्राप्त करने और चुनौतियों का सामना करने के लिए संघर्ष करते हैं। कड़ी मेहनत और समर्पण सफलता की यात्रा का एकमात्र मंत्र हैं। उत्साह और कड़ी मेहनत के बिना कोई भी सफलता हासिल नहीं कर सकता।

एटा की बेटी ने बढ़ाया जनपद का नाम:- कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है एटा की एक बेटी ने जिसका नाम है अपेक्षा यादव, जिन्होंने भारत के सबसे बड़े आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) में रह कर एक वैज्ञानिक के तौर पर कार्य कर रही हैं और देश की सेवा कर रही है। आज अपेक्षा एक वैज्ञानिक के तौर पर भारत के सबसे बड़े रिसर्च सेंटर, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च मैं जॉब कर रही हैं और डायबिटीज को लेकर उनकी रिसर्च चल रही है, जिसको लेकर देश के गृह मंत्री अमित शाह और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सहित कई मंत्रियों ने एटा की बेटी बनी साइनटिस्ट अपेक्षा यादव को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है जिसको लेकर एटा जनपद के लोगो को इस बेटी पर बड़ा गर्व कर रहे है।

साधारण परिवार में लिया था जन्म अब पूरे देश मे किया नाम रोशन:- अपेक्षा यादव ने बेहद ही साधारण परिवार में जन्म लिया था। इनके पिता पेशे से एक अधिवक्ता हैं, अपेक्षा बचपन से ही पढ़ने में बहुत तेज थी, एटा से इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद आगरा से ग्रेजुएशन नोएडा से पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद डॉक्टर बनी, पढ़ाई पूरी करने के बाद डिसर्टेशन वर्क मास्टर्स का ऐम्स से कंप्लीट किया फार्माक्लोगी से, 2014 में इंडिया हेविटेज सेंटर में जॉब के दौरान अपेक्षा ने ईरान में हुए सेमिनार को लेकर भारत को भी रिप्रजेंट किया है। वही भारत के आईसीएमआर रिसर्च सेंटर में उन्होंने कई कोरोना वैक्सीन बनाने पर सफलता हासिल की है, एटा जनपद वासियों और उनके परिजनों को अपेक्षा पर गर्व है कि उनके द्वारा एटा जैसे जनपद से निकलकर देश के नंबर वन रिसर्च सेंटर में एक वैज्ञानिक के तौर पर बह काम कर रही हैं इसको लेकर उनके माता-पिता भी बहुत खुश हैं कि उनकी बेटी आज ICMR में बीमारियों पर रिसर्च कर देश की सेवा कर रही है।।