फ़िल्म अभिनेता दिलीप कुमार का 98 वर्ष में निधन, कभी लगा था पाकिस्तान का जासूसी का आरोप

 
फ़िल्म अभिनेता दिलीप कुमार का 98 वर्ष में निधन, कभी लगा था पाकिस्तान का जासूसी का आरोप
ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

मुम्बई,7 जुलाई। मशहूर फिल्म अभिनेता दिलीप कुमार (Dilip Kumar) का 98 साल की उम्र में निधन हो गया है. पीडी हिंदुजा अस्पताल (PD Hinduja Hospital) में उन्होंने सुबह 7:30 बजे अंतिम सांस ली. वे पिछले आठ दिनों ने अस्पताल में भर्ती थे और काफी समय से बीमार चल रहे थे. मुंबई के अस्पताल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ जलील पारकर ने मौत की पुष्टि की है।

फिल्मों में दुखद भूमिकाएँ निभाने के लिए दिलीप कुमार को ‘ट्रेजडी किंग’ के नाम से भी जाना जाता है। अभिनेता के अलावा दिलीप कुमार राज्यसभा सांसद भी रहे हैं। दिलीप कुमार को भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा भारत सरकार ने दिलीप कुमार को उनके बेहतरीन अभिनय के लिए पद्म भूषण, पद्म विभूषण पुरुस्कार से भी सम्मानित किया है। इसके अलावा दिलीप कुमार को पाकिस्तान सरकार ने भी पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘निशान-ए-इम्तियाज़’ से सम्मानित किया है। तो चलिए आज हम दिलीप कुमार के जीवन के बारे में जानते हैं।

1. दिलीप कुमार का परिवार (dilip kumar family)

दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसम्बर 1922 को पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था। दिलीप कुमार के पिता का नाम (dilip kumar father name) लाला ग़ुलाम सरवर था। लाला ग़ुलाम सरवर फल बेचकर अपने परिवार का ख़र्च चलाते थे। दिलीप कुमार के 12 भाई बहन थे। साल 1930 में दिलीप कुमार का परिवार पेशावर से मुंबई आकर रहने लगा।

दिलीप कुमार का असली नाम (dilip kumar real name)

बता दे कि दिलीप कुमार का असली नाम ‘मोहम्मद युसूफ़ ख़ान’ है। मुंबई में आकर रहने के दौरान दिलीप कुमार के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। पिता के व्यापार में लगातार घाटा हो रहा था। ऐसे में परिवार की मदद करने के लिए दिलीप कुमार पुणे में एक कैंटीन में काम करने लगे। यहां देविका रानी ने दिलीप कुमार को देखा तो उन्हें फिल्मों में काम करने का ऑफर दिया। देविका रानी ने ही उनका नाम ‘मोहम्मद युसूफ़ ख़ान’ की जगह दिलीप कुमार रखा था।

दिलीप कुमार का करियर (dilip kumar career)

देविका रानी ने दिलीप कुमार को फिल्म ज्वार भाटा (1944) में मुख्य अभिनेता के रूप में लांच किया। हालांकि यह फिल्म सफल साबित नहीं हुई लेकिन अपनी पहली ही फिल्म से दिलीप कुमार ने दर्शकों के बीच ख़ास छाप छोड़ी। साल 1947 में आई दिलीप कुमार की फिल्म ‘जुगनू’ बड़ी हिट फिल्म साबित हुई। साल 1949 में फ़िल्म ‘अंदाज़’ में दिलीप कुमार ने पहली बार राजकपूर के साथ काम किया। यह फिल्म भी बड़ी हिट साबित हुई। इसके बाद दिलीप कुमार ने साल 1951 में फिल्म दीदार और साल 1955 में फिल्म देवदास में गंभीर भूमिकाएँ निभाई, जिसके कारण उन्हें ‘ट्रेजडी किंग’ कहा जाने लगा। इसके अलावा दिलीप कुमार ने मुग़ले-ए-आज़म (1960), क्रांति (1981), विधाता (1982), दुनिया (1984), कर्मा (1986), इज़्ज़तदार (1990) और सौदागर(1991) जैसी फिल्मों में काम किया है। दिलीप कुमार ने आखिरी बार साल 1998 में फिल्म ‘किला’ में काम किया था।

आखिर में साल 1966 में दिलीप कुमार ने अभिनेत्री अभिनेत्री सायरा बानू से शादी कर ली। ख़ास बात यह है कि उस समय दिलीप कुमार की उम्र 44 साल थी जबकि सायरा बानू की उम्र महज 22 साल थी। ख़ास बात यह भी है कि इससे शादी से पहले दोनों ने एक भी फिल्म साथ में नहीं की थी।

एक समय ऐसा भी आया जब दिलीप कुमार जैसी अभिनेता पर पाकिस्तान की जासूसी करने का आरोप भी लगा। पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान लेने के कारण दिलीप कुमार पर पाकिस्तान की जासूसी करने के आरोप लगा।

7. दिलीप कुमार को मिले पुरस्कार (dilip kumar awards)

भारत सरकार ने दिलीप कुमार को पद्म भूषण, पद्म विभूषण पुरुस्कार से सम्मानित किया है। इसके अलावा दिलीप कुमार को फिल्म शक्ति, राम और श्याम, लीडर, कोहिनूर, नया दौर, देवदास, आजाद और दाग जैसी फिल्मों में बेहतरीन अभिनय के लिए फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।