छतीसगढ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी का निधन, आईएएस से मुख्यमंत्री तक का किया सफर। ।

छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी का निधन, प्रदेश में शोक व्याप्त
 

रिपोर्ट- धीरेंद्र विश्वकर्मा (संवाददाता)

रायपुर छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री व जेसीसी-जे सुप्रीमो अजीत जोगी का 74 साल की उम्र में 3.30 बजे निधन हो गया है. जोगी को हार्ट अटैक आने के बाद श्री नारायणा अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां 20 दिन तक चले इलाज के बाद आज शुक्रवार को फिर कार्डियक अरेस्ट आने से उनकी मौत हो गई है. अस्पताल प्रबंधन ने जोगी के निधन की पुष्टि कर दी है.

दरअसल अजीत जोगी को हार्ट अटैक आने के बाद 9 मई को देवेंद्र नगर स्थित श्री नारायणा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिस समय उन्हें हार्ट अटैक आया, तब वो गंगा इमली खा रहे थे. इमली का बीज उनके गले में फंस गया था. अजीत जोगी शुरु से अस्पताल में कोमा में थे और वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था.

अजीत जोगी का जन्म 29 अप्रैल 1946 में बिलासपुर के पेंड्रा में हुआ था. उनका पूरा नाम अजीत प्रमोद कुमार जोगी है. उन्होंने भोपाल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके कुछ दिन रायपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में अध्यापन का काम किया. जोगी 1968 में UPSC में सफल हुए और IPS बने थे. दो साल बाद ही वे IAS बन गए. वो रायपुर, शहडोल और इंदौर में 14 साल तक कलेक्टर रहे हैं.

मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सुझाव पर राजनीति में आए. 1 नवंबर 2000 को जब छत्तीसगढ़ राज्य बना, तब जोगी छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री बने. मुख्यमंत्री के तौर पर उनका कार्यकाल 9 नवंबर 2000 से 6 दिसंबर 2003 तक था. महासमुंद लोकसभा सीट से वो पहली बार सांसद का चुनाव जीते थे, 2004 से 2009 तक वे सांसद रहे.

रायपुर में कलेक्टर थे, उस समय राजीव गांधी के संपर्क में आ गए. जब राजीव गांधी रायपुर रुकते थे तो एयरपोर्ट पर जोगी खुद उनकी मुलाकात करने के लिए पहुंच जाते थे. बताया जाता है कि इस खातिरदारी ने उन्हीं राजनीतिक की टिकट दिला दी. उन्होंने काफी संघर्ष के बाद यह मुकाम हासिल किया था.

जोगी काफी लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी में रहे, उसके बाद 2016 में कांग्रेस पार्टी छोड़कर उन्होंने 2018 में अपनी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेसीसी-जे) नाम से अलग पार्टी बना ली थी.

 

आईएएस से मुख्यमंत्री तक अजीत जोगी का सफर

अजीत कुमार जोगी का जन्म निधन की पुष्टि करते हुए बताया 29 अप्रेल 1946 में ही हुआ. भोपाल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद कुछ समय उन्होंने रायपुर इंजीनियरिंग में लेक्चरारशिप की.

अजीत जोगी ने साल 1968 में आईपीएस बने और दो साल बाद आईएएस भी . उन्होंने दो उपलब्धियों में आईएएस को चुनकर आगे अपना करियर बढाया. जोगी लगातार चौदह साल तक जिलाधीश बने रहे जो अपने आपमें एक रिकार्ड है.

इस दौरान उनकी नियुक्ति कई जगह रही और वही क्षेत्र उनके सियासी क्षेत्र बने . वह रायपुर में कलेक्टर रहे , मध्यप्रदेश के सीधी ,ग्वालियर ,इंदौर में कलेक्टर रहे.यहाँ यह बात याद रखने वाली है कि जब अजीत जोगी इंदौर में अपना प्रशासनिक करियर छोड़ . कांग्रेस के मध्यप्रदेश में सीएम रहे अर्जुन सिंह के कहने पर इंदौर से ही वे आईएएस सेवा छोड़कर राज्यसभा में चले गए और अपना सियासी करियर शुरू किया

दो बार राज्यसभा के सदस्य रहते हुए अजीत जोगी को कांग्रेस पार्टी में उनके अपनी बेहतरीन वाक् शैली के कारण कांग्रेस का राष्ट्रीय प्रवक्ता बना दिया गया. केंद्र की राजनीति से अपना सियासी सफर शुरू करने वाले जोगी को अपने गृह क्षेत्र में अपनी पैठ ज़माने का मौका तब मिला जब साल 1998 में छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और जनता के द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधि बने.

जोगी ने अपनी ताकत तब दुनिया के सामने पेश की जब नवंबर 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओ को पीछे छोड़कर मुख्यमंत्री पद हासिल किया .उस समय प्रदेश में श्यामाचरण शुक्ल, विद्याचरण शुक्ल और मोतीलाल वोरा जैसे बड़े नेता सक्रीय थे जिनका कद देश की राजनीति में भी काफी बड़ा था.

महासमुंद लोकसभा सीट से वो पहली बार सांसद का चुनाव जीते थे 2004 से 2009 तक वे सांसद रहे ।