आधी रात को राजकीय बालगृह (बालिका) मोतीनगर में रह रहीं पांच बालिकाएं छत की ओर से निकलकर फरार।

इस मामले में मजिस्टीरियल जांच के आदेश दिए हैं और सहायक अधीक्षिका मिथिलेश पाल की तहरीर पर सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है और पुलिस की टीमें बालिकाओं की तलाश में लगी हैं।
आधी रात को राजकीय बालगृह (बालिका) मोतीनगर में रह रहीं पांच बालिकाएं छत की ओर से निकलकर फरार।

डाo शक्ति कुमार पाण्डेय
विशेष संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 5 जुलाई।

आधी रात को राजकीय बालगृह (बालिका) मोतीनगर में रह रहीं पांच बालिकाएं छत पर लगे कंटीले तारों के बीच से निकलकर फरार हो गईं जबकि बालगृह के कर्मचारी सोते रह गए।

मामले में डीएम अभिषेक प्रकाश ने जांच कमेटी गठित कर मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। वहीं सहायक अधीक्षिका मिथिलेश पाल की तहरीर पर सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है और पुलिस की टीमें बालिकाओं की तलाश में लगी हैं।

प्रभारी निरीक्षक नाका कोतवाली मनोज मिश्रा ने बताया कि देर शाम एक बालिका की लोकेशन सीतापुर स्थित उसके आवास पर मिली, लेकिन पुलिस के आने की भनक लगते ही वह फिर अपने घर से भाग गई।

सहायक अधीक्षिका द्वारा दी गई तहरीर में बताया गया कि संस्था की पांच बालिकाएं रात 2.58 बजे से 3.25 बजे के बीच डायनिंग हॉल के बगल में लगे बेसिन व हॉल की खिड़की का सहारा लेकर छत पर चढ़ीं। पांचों छत की दीवार पर लगे कंटीले तारों के बीच से होकर भाग गईं।

इनमें से एक बालिका हरदोई की रहने वाली है। एक उन्नाव की, एक सीतापुर, एक सुल्तानपुर और एक अमरोहा की है। इनकी उम्र 15 से 17 वर्ष के बीच है। इनमें से चार लड़कियां प्रेम प्रसंग में पहले घर से फरार हुई थीं, जिन्हें पुलिस ने पकड़ा और राजकीय बालगृह में आश्रय दिलवाया था।

सीसीटीवी फुटेज में साफ तौर पर लड़कियों का दुस्साहस और कर्मचारियों की लापरवाही दिख रही है। परिसर के ऊपर गार्ड रूम में अमित की ड्यूटी थी, जहां से लड़कियां भागी हैं, वह स्थान गार्ड रूम से 6 से 7 फीट की दूरी पर है। इसके अलावा जिस वक्त लड़कियां भाग रही थीं, उस वक्त क्राफ्ट टीचर मीना दो बार बेसिन में मुंह धुलने भी गईं थीं।

क्राफ्ट टीचर मीना देवी, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शिखा भट्टाचार्या, मो. जमील, चतुर्थ श्रेणी प्रदाता विवेक जायसवाल, सिक्योरिटी गार्ड प्राइवेट शवीना, होमगार्ड अमित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

डिप्टी सीपीओ सर्वेश पांडेय ने बताया कि दो कर्मचारी महिला कल्याण विभाग के तैनात किये गये थे, जिनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के लिए लिखा है। दो कर्मचारी प्राइवेट कंपनी के थे, जिन्हें निकाल दिया गया है। वॉच टावर में तैनात होमगार्ड के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए कमांडेंट होमगार्ड को पत्र भेजा गया है।

राजधानी में संचालित होने वाले बालगृहों का सुरक्षा घेरा पहले भी टूटा है। अगस्त 2019 में राजकीय महिला शरणालय प्रागनारायण रोड से छह संवासिनी भागी थीं। जनवरी 2019 में 15 दिन के भीतर दो बार संवासिनी फरार हुईं थी।

बाल कल्याण समिति की मेंबर मजिस्ट्रेट डाक्टर संगीता शर्मा का कहना है कि इस तरह की लापरवाही को कैसा रोका जाए, इस पर विचार जरूरी है। निगरानी बढ़ाने की जरूरत है। समिति कल इस बार में और क्या उपाय किए जाएंगे, इस पर अधीक्षिका को पत्र भेजेगी।

नियमानुसार, अधीक्षिका को रात में बालगृह में ही ठहरना चाहिए। इस बारे में डिप्टी सीपीओ सर्वेश पांडेय का कहना है कि इनकी नई नियुक्ति हुई है। इससे पहले वाली अधीक्षिका ने अभी आवास खाली नहीं किया है, इसलिए यह बालगृह में रात को नहीं ठहरी थीं।