उत्तरप्रदेश शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड के चुनाव में मुतवल्ली कोटे से बोर्ड के पूर्व चेयरमैन सैय्यद वसीम रिजवी जीत गये।

मीडिया में तमाम मुद्दों पर अपने तीखे बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले सैय्यद वसीम रिजवी के एक बार फिर शिया वक्फ बोर्ड का चेयरमैन बनने की सम्भावना बन गयी है।
 
उत्तरप्रदेश शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड के चुनाव में मुतवल्ली कोटे से बोर्ड के पूर्व चेयरमैन सैय्यद वसीम रिजवी जीत गये।

डाo शक्ति कुमार पाण्डेय
विशेष संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 20 अप्रैल।

उत्तर प्रदेश शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड के पुनर्गठन के लिए मंगलवार को हुए चुनाव में मुतवल्ली कोटे से बोर्ड के पूर्व चेयरमैन सैय्यद वसीम रिजवी जीत गये हैं।

वसीम रिजवी के साथ ही उनके ही गुट के लखनऊ के ही सैय्यद फैजी भी मुतवल्ली कोटे से सदस्य चुने गये हैं।

इनके अलावा सांसद कोटे से रामपुर से कांग्रेस की पूर्व एमपी बेगम नूरबानो निर्विरोध निर्वाचित हुई हैं।

शिया वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नसीर हसन ने चुनाव के परिणामों की जानकारी देते हुए बताया कि मुतवल्ली कोटे से 17 अप्रैल को कुल सात लोगों ने नामांकन दाखिल किये थे जिनमें से दो सदस्यों के चुनाव के लिए मंगलवार को हुए मतदान में कुल 29 वोट पड़े जिनमें से दो वोट अवैध हो गये। बाकी प्रथम वरीयता में  27 में 21 वोट वसीम रिजवी को और 6 वोट फैजाबाद के अशफाक हुसैन उर्फ जिया को मिले।

दूसरी वरीयता में 21 वोट सैय्यद फैजी को मिले और 6 वोट उन्नाव के सैय्यद मुशर्रफ हुसैन रिजवी को मिले।

सांसद कोटे से चुंकि कांग्रेस की रामपुर से पूर्व सांसद बेगम नूरबानो ने अकेले ही नामांकन किया था इसलिए वह निर्विरोध चुनी गयीं।

अब बोर्ड का पुर्नगठन करने के लिए प्रदेश सरकार एक विधायक को नामित करेगी।

सत्तारूढ़ भाजपा के पास शिया समुदाय के दो विधायक हैं राज्य मंत्री मोहसिन रजा और एमएलसी बुक्कल नवाब। चूंकि मोहसिन रजा राज्य मंत्री के पद पर हैं इसलिए वह बोर्ड के सदस्य नहीं बन सकते, ऐसी सूरत में बुक्कल नवाब को ही बोर्ड का सदस्य नामित किये जाने के आसार हैं।

विधायक कोटे के अलावा प्रदेश सरकार की ओर से शिया समुदाय से दो अधिवक्ता, एक धर्मगुरू, एक समाजसेवी और एक सरकारी अधिकारी नामित किये जाएंगे।

सैय्यद वसीम रिजवी के एक बार फिर बोर्ड का चेयरमैन बनने की सम्भावना बन गयी है।

हालांकि सत्तारूढ़ भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे और प्रदेश सरकार के कई जिम्मेदार नहीं चाहते कि वक्फ सम्पत्तियों के घोटाले में सीबीआई जांच का सामना कर रहे वसीम रिजवी के  हाथ में फिर शिया वक्फ बोर्ड की कमान जाए।

इसलिए बोर्ड के पुर्नगठन में श्री रिजवी का विरोधी खेमा भी पूरी तरह सक्रिय है। मीडिया में अपने तमाम मुद्दों पर अपने तीखे बयानों को लेकर सुर्खियों में अक्सर रहने वाले वसीम रिजवी भी चेयरमैन बनने के लिए अपनी तैयारी में जुटे हैं।