“सकारात्मकता से ही हम कोरोना महामारी को पराजित कर सकते हैं” – राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, हिंदुस्तान फर्स्ट-हिन्दुस्तानी बेस्ट और भारत फर्स्ट के संयुक्त तत्वावधान में आनलाइन त्रि-दिवसीय व्याख्यान शृंखला का आयोजन 12 से 14 जून तक हुआ।
 
“सकारात्मकता से ही हम कोरोना महामारी को पराजित कर सकते हैं” – राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान

डाo शक्ति कुमार पाण्डेय
विशेष संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 16 जून।

“सकारात्मकता से ही हम कोरोना महामारी को पराजित कर सकते हैं” – राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, हिंदुस्तान फर्स्ट-हिन्दुस्तानी बेस्ट और भारत फर्स्ट के संयुक्त तत्वावधान में आनलाइन त्रि-दिवसीय व्याख्यान शृंखला का आयोजन 12 से 14 जून तक हुआ।

इस आयोजन में सम्मिलित विविध धर्मों के प्रमुख वक्ताओं ने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में सकारात्मक वातावरण के निर्माण पर बल दिया |

इस महामारी को पराजित करने के लिए सकारात्मकता ही एकमेव कारगर हथियार सिद्ध होगा, ऐसा मत इन सभी वक्ताओं ने प्रकट किया।

दिनांक 12 से 14 जून तक आयोजित इस तरंग (ऑनलाइन) व्याख्यान शृंखला का उद्घाटन केरल के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान ने किया | अपने सारगर्भित प्रवचन में उन्होंने कहा की सकारात्मकता यह हमारी सांस्कृतिक विरासत हैं और कोरोना की पहली और दूसरी लहर को पराजित करने में इस सकारात्मकता ने बहुत महत्व की भूमिका निभाई हैं।

केवल भारत में ही नहीं, दुनिया के विभिन्न देशों में भी इस सकारात्मकता के कारण ही इस महामारी का मुकाबला सफलतापूर्वक किया जा रहा है।

हमारी यह मान्यता है कि मानव सेवा ही माधव सेवा है। हदीस-इ-उत्सी का सन्दर्भ देते हुए राज्यपाल महोदय ने स्पष्ट किया की इस्लाम में भी इसी सेवा की भावना को महत्व दिया गया हैं। इसी सेवा की भावना से प्रेरित होकर हमारे डॉक्टर्स, नर्सेस, और सफाई कर्मचारियों ने अपनी जान की बाजी लगाकर कोरोना पेशंट्स की सेवा की।

देश की प्रगति के लिए स्वस्थ और निरोगी समाज की बहुत आवश्यकता होती हैं यह स्पष्ट करते हुए श्री खान ने कहा की हमारे धर्मग्रंथों में भी कहा है कि बलहीन व्यक्ति आत्मा के अनुभूति से वंचित रहता हैं (नायमात्मा बलहीनेन लभ्यः) | इसलिए सकारात्मकता को बढ़ावा देते हुए हमें स्वस्थ भारत की ओर अग्रसर होना हैं और अपने मातृभूमि को विश्वगुरु के पद पर आसीन करना है।

ख्रिश्चन राष्ट्रीय मंच के अध्यक्ष और वरिष्ठ राजनेता श्री टॉम वडक्कन ने अपने वक्तव्य में विपक्ष के नेताओं को आवाहन किया की वे इस महामारी से लड़ने के लिए सरकार का साथ दे और निम्न स्तर की राजनीती में न उलझकर सकारात्मकता का वातावरण निर्माण करने में सहयोग दें। किस प्रकार से ये राजनेता निम्न स्तर की राजनीती करते हैं इसको उदाहरणों के साथ समझाते हुए उन्होंने कहा की इन नेताओं ने वैक्सीन को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां फैलाई और लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा की जिससे कई लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई। इसी तरह से देश के ‘कर्मयोगी’ प्रधानमंत्री पर भी बहुत निम्न स्तर के लांछन लगा कर देश की छवि को बिगड़ने की भी कोशिश इन नेताओं ने की हैं |

श्री वडक्कन ने कहा की हम सब पहले हिन्दुस्तानी हैं बाद में मुस्लिम, ईसाई या सिख हैं | इस एकता को हम व्यक्त करें और एकजुट होकर सकारात्मकता से इस कोरोना महामारी को पराजित करने में सरकार की सहायता करें।

ख्वाजा बाँदा नवाज़, गुलबर्गा, कर्णाटक के सैय्यद शाह खुसरो हुस्सैनी साहब ने कहा की सरकार ने कोरोना काल के लिए जो गाइडलाइन्स दी हैं उनको पालन करेंगे और वैक्सीन लगवाएंगे तो हम कोरोना को पराजित कर सकते हैं।

अंतिम रसूल मोहम्मद साहब के ज़माने में जब ऐसी महामारी आई थी तो इसी प्रकार के नियमों का पालन करने की हिदायत दी गयी थी इस पर ध्यान आकर्षित करते हुए हुस्सैनी साहब ने कहा कि यह सब हमारे स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए हैं। हम स्वस्थ होंगे तो हमारा राष्ट्र स्वस्थ होगा और एक स्वस्थ राष्ट्र ही ऐसी महामारी का मुकाबला कर सकता हैं।

सब लोगों को, खास कर मुस्लिम समुदाय के लोगों को वैक्सीन लेने का आवाहन करते हुए उन्होंने कहा की इसमें कोई धोखा नहीं हैं। यह पूर्णतः सुरक्षित हैं और किसी भी प्रकार के दुष्प्रचार में हमें विश्वास नहीं रखना चाहिए |

प्रख्यात कैंसर चिकित्सक डॉ. माजिद अली तालीकोटी ने अपने सन्देश में कहा की कोरोना वायरस चीन के वुहान से सारे दुनिया में फैला और इस महामारी ने अभी तक 40 लाख लोगों की जान ली हैं | पर भारत में यह मृत्यु दर दो प्रतिशत से भी कम हैं। हमारी सरकार और जनता ने इस महामारी का डटकर मुकाबला किया और पहले दौर में उसे परास्त किया |

उन्होंने सभी को वैक्सीन लेने का वहां करते हुए कहा की इसके बारे में जो भी शंकाएं, गलतफहमियां और भ्रम हैं उसे मन से निकाल दें। जब भारत विश्वगुरु बनने के रस्ते पर चल पड़ा है तब हमें जनता के आरोग्य पर लक्ष्य केन्द्रित करना हैं। चीनी जैविक हथियार कोरोना को परास्त करने में वैक्सीन यह सब से प्रभावी शस्त्र हैं।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक श्री मोहमद अफज़ल ने कार्यक्रम का सञ्चालन किया और प्रस्ताविक भाषण में इस व्याख्यान शृंखला का उद्देश्य स्पष्ट किया।

दूसरे दिन दिनांक 13 जून को इस व्याख्यान माला का प्रारंभ करते हुए अजमेर दरगाह के सज्जादानशीन दीवान सय्यद जैनुल आबेदीन ने लोगों से, विशेषकर मुसलमानों से अपील की कि वे किसी ग़लतफ़हमी का शिकार होने से खुद को बचाएं। कोरोना के बारे में और वैक्सीन के बारे में भ्रांतियां फ़ैलाने वालों से सावधान रहे और सरकार के नियमों का पालन और वैक्सीन के सुविधा का लाभ लें। इसी प्रकार जगह-जगह पर कैंप लगवाकर लोगों को वैक्सीन लेने के लिए प्रोत्साहित करे |

उन्होंने कहा कि वैक्सीन या कोरोना का मजहब से कोई ताल्लुक नहीं हैं। हम सब भारतवासी एक हैं और एकजुट होकर इस महामारी का मुकाबला करेंगे। इस देश की तरक्की में मुसलमानों का भी रोल रहा हैं और आगे भी रहेगा और वे इस ग़लतफ़हमी को दूर करने का प्रयास करेंगे।

जैन मुनि समर्पण सागरजी महाराज ने अपने उद्बोधन में इस कार्यक्रम की प्रशंसा की और कहा कि इस प्रकार की महामारी पहली बार नहीं आई हैं। सरकार ने इस महामारी का प्रबंधन ठीक तरीके से किया इसलिए हमारे देश की मृत्युदर अन्य देशों के तुलना में कम रही।

उन्होंने कहा की हम धर्म को माननेवाले लोग हैं। ‘जियो और जीने दो’ यह सभी धर्मों का सन्देश हैं। अपने-अपने धर्मगुरुओं की बातें हम ध्यानपूर्वक अपने जीवन में उतारें तो हम कोरोना महामारी से सफलतापूर्वक लड़ सकते हैं।

केंद्र और राज्य सरकारों का और कोरोना योद्धाओं का अभिनन्दन करते हुए उन्होंने कहा कि तीसरी लहर आने के पहले अगर हम जाग जायें तो उसे भी हम आसानी से परास्त कर सकेंगे।

अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष सरदार मंजीत सिंह राय ने कोरोना को ‘छुपा दुश्मन’ बताते हुए कहा की जैसे हमने इसके पूर्व की लड़ाईयां समाज की एकता के बल पर जीती थी, उसी प्रकार इस महामारी के विरुद्ध इस लड़ाई को भी हम जीतेंगे।

प्रधानमंत्री के प्रति ह्रदय से आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा की उन्होंने वैक्सीन प्रोडक्शन पर जोर दिया और देश में वैक्सीन बना कर लोगों को मुहैया करायी। उन्होंने सबसे वैक्सीन लेने की अपील की। सरकार ने सभी को मुफ्त में वैक्सीन देने का वादा किया हैं उसका लाभ हम सब लें ऐसी अपील भी उन्होंने की।

निष्काम सेवा यही हमारे जीवन का मकसद हो, क्योंकि सेवा का माध्यम सबसे अच्छा है। इसके साथ हमें अपने चरित्र पर भी ध्यान देना चाहिए। अगर हम अपने देश को अच्छा मानते हैं तो वैक्सीन के बारे में गलत जानकारी नहीं फैलाना चाहिए और लोगों में भ्रम को स्थिति नहीं निर्माण करना चाहिए। हम अपने धार्मिक ग्रंथों को मानते हुए देश के लिए आगे बढ़ेंगे। समर्पण भाव से अगर हम काम करें तो इस कोरोना महामारी पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।

जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रोफ़ेसर महताब आलम रिज़वी ने दूसरे दिन के कार्यक्रम के सञ्चालन किया।

इस कार्यक्रम में मंच के मार्गदर्शक डॉ. इन्द्रेश कुमार विशेष रूप से उपस्थित थे। इस उपक्रम को एक सुन्दर पहल बताते हुए डॉ. इन्द्रेश कुमार ने कहा की नानाविध मत पंथों के लोगों ने इस मंच से एक स्वर में कोरोना के खिलाफ आवाज बुलंद की हैं और लोगों के मन से भ्रांतियां और भ्रम को निकलने का काम किया हैं। इससे नए भारत के निर्माण का एक संकल्प उभरा है।

व्याख्यानमाला के समापन में अपना उद्बोधन देते हुए डॉ. इन्द्रेश कुमार जी ने कहा कि सकारात्मक वातावरण से ही भारत और दुनिया से कोरोना महामारी को भगाया जा सकता हैं | इसलिए हमें अपने आसपास सकारात्मकता का वातावरण निर्माण करना होगा।

माननीय डॉ. इन्द्रेश कुमार जी के पहले महाबोधि सोसायटी के भंते शिवले, इंग्लैंड से डॉ. खुर्शीद आलम और मौलाना कौकब मुजतबा ने अपने विचार रखे और “मुस्लिम राष्ट्रीय मंच” की इस कार्य के लिए प्रशंसा की।

भन्ते शिवले जी ने अपने उद्बोधन में सभी देशवासियों को एकजुट होकर कोरोना का मुकाबला करने का आवाहन किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा उठाये गए क़दमों का स्वागत करते हुए उन्होंने सभी को वैक्सीन लेने की अपील की।

डॉ. खुर्शीद आलम ने कहा की हम दुनिया के किसी भी कोने में रहते होंगे पर हम सर्वप्रथम हिन्दुस्तानी हैं और हिंदुस्तान के लिए जीना यह हमारा प्रथम कर्तव्य है। एकजूट रहकर और सकारात्मकता के साथ हम कोरोना महामारी को हरा सकते हैं। भारत में स्वास्थ्य सुविधाएँ बढ़ने की आवश्यकता पर बल देते हुए डॉ. खुर्शीद ने कहा की देश को विश्वगुरु बनाने के लिए देश के नागरिकों का स्वास्थ्य ठीक रहना आवश्यक है।

डॉ. इन्द्रेश कुमार जी ने अपने समापन भाषण में सकारात्मकता का वातावरण निर्माण पर बल देते हुए कहा की यह कोरोना के खिलाफ लड़ाई में यही हमारा सुरक्षा कवच होगा। सभी धर्मों में सद्भाव, सदिच्छा रहे और मानवता के कल्याण के लिए सभी साथ में काम करें।

उन्होंने कहा कि यह वायरस चीन द्वारा उसके वुहान प्रयोगशाला से दुनिया पर छोड़ा हुआ जैविक हथियार हैं जिसने बड़े पैमाने पर जान और माल का नुकसान किया हैं | दुनिया के देश चीन से माफ़ी की मांग कर रहे हैं और हम भी इसी प्रकार की मांग करते हैं।

इस त्रि-दिवसीय व्याख्यान शृंखला में सभी प्रमुख मत-पंथों के विद्वान सम्मिलित हुए और उन्होंने सकारात्मकता का सन्देश दिया। यह एक ऐतिहासिक घटना हैं और इसके अच्छे परिणाम भविष्य में नजर आएंगे ऐसा विश्वास उन्होंने व्यक्त किया।

सकारात्मकता के अभाव में मनुष्य हिंसक, क्रूर और भ्रष्टाचारी बन जाता हैं | कोरोना के काल में कैसे कुछ लोग दवाइयां, ऑक्सीजन, इत्यादि की कालाबाजारी में लिप्त हुए थे यह हमने देखा है।

कुछ लोग नकारात्मकता फ़ैलाने की कोशिश कर रहे हैं। कभी वो कोरोना वैक्सीन को ‘मोदी वैक्सीन’ बुलाते हैं तो कभी ‘बीजेपी वैक्सीन’ कहते हैं और ऐसा कह कर देश में एक राजनैतिक असहिष्णुता फैलाने की कोशिश करते हैं। कुछ नेताओं ने ऑक्सीजन की कमी को लेकर राजनीति करने की कोशिश की और वातावरण विषाक्त करने का प्रयास किया। ऐसे सभी नेताओं की निंदा करते हुए उन्होंने कहा की वे इस नकारात्मकता को त्याग दें।

आने वाले 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है, इसकी याद दिलाते हुए डॉ. इन्द्रेश कुमार जी ने सभी को अपील की कि वे अपने-अपने स्थान पर 15-20 लोगों को साथ लेकर योग दिवस मनायें और उसे अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करें। इससे धार्मिक कट्टरता और हिंसा के वायरस का मुकाबला करने में हम कामयाब हो सकेंगे।

आरएसएस, बीजेपी और मुसलमानों के बीच सकारात्मक संवाद की पहल करने वाली पुस्तक “मीटिंग ऑफ़ माइंडस” का विशेष उल्लेख करते हुए डॉ. कुमार ने कहा की इस पुस्तक में लेखक डॉ. ख्वाजा इफ्तिखार अहमद ने अर्थपूर्ण और सकारात्मक संवाद की पुरजोर पैरवी की हैं।

इस पुस्तक का लोकार्पण आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत 4 जुलाई को दिल्ली में करेंगे। यह विचारों की सकारात्मकता के दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

भारत फर्स्ट के राष्ट्रीय संयोजक एड. शिराज कुरैशी ने तीसरे दिन के कार्यक्रम का संचालन और आभार प्रदर्शन किया।