क्रूज ड्रग्स मामले के मुख्य गवाह किरण गोसावी के लखनऊ में समर्पण करने की सूचना पर हड़कंप।

किरण गोसावी का नाम क्रूज ड्रग्स मामले में सबसे पहले तब सामने आया था, जब उसने शाहरूख खान के बेटे आर्यन के साथ अपनी फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड की थी। तब लोगों ने समझा था कि वह एनसीबी का अधिकारी है, लेकिन बाद में एनसीबी के अधिकारियों ने कहा कि वह एक निजी जासूस व एक प्लेसमेंट एजेंसी का मालिक है।
 
क्रूज ड्रग्स मामले के मुख्य गवाह किरण गोसावी के लखनऊ में समर्पण करने की सूचना पर हड़कंप।

क्रूज ड्रग्स मामले के मुख्य गवाह किरण गोसावी के लखनऊ में समर्पण करने की सूचना पर हड़कंप।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 26 अक्टूबर।

किरण गोसावी का नाम इस मामले में सबसे पहले तब सामने आया था, जब उसने शाहरूख खान के बेटे आर्यन के साथ अपनी फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड की थी। तब लोगों ने समझा था कि वह एनसीबी का अधिकारी है लेकिन बाद में एनसीबी के अधिकारियों ने साफ किया कि वह एक निजी जासूस व एक प्लेसमेंट एजेंसी का मालिक है।

वह क्रूज मामले में 10 गवाहों में एक वह भी है। उसके सूचना के बाद से कमिश्नरेट में हड़कंप मच गया। वहीं देर रात तक मड़ियांव पुलिस अलर्ट पर रही। रात में थाने के गेट पर पुलिस मुस्तैद कर दी गई थी।

पता चला है कि एनसीबी मुंबई को मुख्यालय ने निर्देश दिया है कि मामले के गवाह किरण गोसावी को तलब किया जाए जिससे जांच जल्द पूरी हो सके। ऐसे में एनसीबी उसकी तलाश कर रही है।

किरण गोसावी पर युवकों को विदेश में नौकरी दिलाने को लेकर लाखों की ठगी के मामले में भी महाराष्ट्र की केलवा पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। इस केस के बाद गोसावी के खिलाफ महाराष्ट्र में धोखाधड़ी एवं अन्य आरोप में दर्ज मामलों की संख्या चार हो गई है।

एसीपी अलीगंज अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि समर्पण की सूचना प्रामाणिक नहीं हो पा रही है। उसके खिलाफ न तो मड़ियांव थाने में कोई मुकदमा दर्ज है और न ही कोई लखनऊ के केस से जुड़ा कोई वारंट जारी है। ऐसे में वह मड़ियांव थाने में किस आधार पर समर्पण करना चाहता है, यह समझ से परे है।

फिलहाल इस सूचना को लखनऊ कमिश्नरेट ने गंभीरता से लिया है। प्रभारी निरीक्षक मड़ियांव मनोज सिंह को सतर्क कर दिया गया है। अधिकारियों ने संबंधित क्षेत्र के एसीपी को भी अलर्ट कर दिया है। थाने के बाहर व अंदर पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। देर शाम 8 बजे के बाद से मड़ियांव थाने के बाहर मीडिया का जमावड़ा लग गया। प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार सिंह अपनी टीम के साथ थाने के गेट पर मुस्तैद हो गए। हालांकि देर रात करीब 11 बजे तक किरण गोसावी का कोई पता नहीं चला। फिर भी पुलिस अलर्ट पर ही रही।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, किरण गोसावी ने फोन पर कहा कि “हेलो मड़ियांव पुलिस चौकी से बोल रहे हैं। सर, आप चौकी पर अभी हो? सर, वहां पर आना था। मैं किरण गोसावी बोल रहा हूं, मुझे सरेंडर करना है।”

पुलिसकर्मी ने पूछा क्यूं सरेंडर करना है? तो उधर से आवाज आई नजदीकी पुलिस स्टेशन है। इतनी बात सुनने के बाद पुलिसकर्मी ने थाने आने से मना कर दिया।

उक्त ऑडियो देर शाम सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसमें किरण गोसावी बनकर किसी ने बात की थी। उसने मड़ियांव थाने के फोन नंबर पर बात करने की बात कही। हालांकि इस बातचीत के बारे में पुलिस पुष्टि नहीं कर रही है।

फिलहाल समर्पण की इस सूचना के बाद से कमिश्नरेट में हड़कंप मच गया है।

जानकारी मिली है कि एनसीबी मुंबई को मुख्यालय ने निर्देश दिया है कि मामले के गवाह किरण गोसावी को तलब किया जाए जिससे जांच जल्द पूरी हो सके। ऐसे में एनसीबी उसकी तलाश कर रही है।

किरण गोसावी पर युवकों को विदेश में नौकरी दिलाने को लेकर लाखों की ठगी के मामले में महाराष्ट्र की केलवा पुलिस ने केस दर्ज किया है। इस केस के बाद गोसावी के खिलाफ महाराष्ट्र में धोखाधड़ी एवं अन्य आरोप में दर्ज मामलों की संख्या चार हो गई।

इस संबंध में एसीपी अलीगंज अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि सिर्फ सूचना है। लेकिन उसके खिलाफ न तो मड़ियांव थाने में कोई मुकदमा दर्ज है और न ही कोई लखनऊ के केस से जुड़ा वारंट जारी है। ऐसे में वह मड़ियांव थाने में किस आधार पर समर्पण करेगा। यह समझ से परे है। हालांकि इस सूचना को लखनऊ कमिश्नरेट ने गंभीरता से लिया है। प्रभारी निरीक्षक मड़ियांव मनोज सिंह को सतर्क कर दिया गया है।

पुलिस के अधिकारियों ने संबंधित क्षेत्र के एसीपी व निरीक्षक को अलर्ट कर दिया। देर रात तक थाने के बाहर व अंदर पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। देर शाम 8 बजे के बाद से मड़ियांव थाने के बाहर मीडिया का जमावड़ा लग गया। इस पर पुलिस अधिकारी भी सतर्क हो गए। वहीं प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार सिंह अपनी टीम के साथ थाने के गेट पर मुस्तैद थे। हालांकि देर रात करीब 11 बजे तक किरण गोसावी का कोई पता नहीं चला। फिर भी पुलिस अलर्ट पर ही रही।