मां मंशा देवी करती है हर मुरादें पूरी, झोलियां भरकर जाते हैं भक्त।।

 
मां मंशा देवी करती है हर मुरादें पूरी, झोलियां भरकर जाते हैं भक्त।।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

धर्म, 09 अक्टूबर:- मेरठ के मंशा देवी मंदिर में विराजमान मां मंशा देवी अपने भक्तों की हर इच्छा को पूरा करती हैं। यह मंदिर आजादी से पहले का है। मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां से मां किसी को भी खाली हाथ नहीं लौटाने देती हैं। मंदिर की खासियत है कि यहां आंखें बंद करके माता के आगे विनती नहीं होती, बल्कि लोग आंखें खोलकर माता के दर्शन करते हैं और उनसे मनोकामना मांगते हैं। पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ की पहचान जहां क्रांति धरा से हैं, वहीं मेरठ को रावण की ससुराल भी कहा जाता है।

पहले मेरठ को मयाराष्ट्र के नाम से जाना जाता था:- पौराणिक कथाओं के अनुसार पहले मेरठ को मयाराष्ट्र के नाम से जाना जाता था। जोकि मयदानव का राजपाठ हुआ करता था, इसी वजह से मेरठ में मंदोदरी को लेकर अनेकों कथाएं देखने को मिलेगी। कुछ इसी तरह के एक इतिहास के बारे में आज हमको बताएंगे, जिसमें मंदोदरी द्वारा मां मनसा देवी के मंदिर स्थापना की गई थी।

दोष निवारण के लिए मंदोदरी ने की थी मनसा देवी की पिंडी की स्थापना:- पौराणिक कथाओं के अनुसार मंदोदरी के नक्षत्र में कोई दोष था। ऐसे में अनेकों निवारण करने के बाद ही वह दोष दूर नहीं हुआ, तब एक ऋषि ने मंदोदरी को मनसा देवी की पिंडी को स्थापन करने के साथ दोष निवारण अनुष्ठान करने का सुझाव दिया था। ऋषि मुनि की मानते हुए मंदोदरी ने सूरजकुंड स्थित जंगलों में मनसा देवी की पिंडी की स्थापना की थी, कहते हैं कि उनके दोष का समाधान हो गया था। तबसे लेकर अब तक मान्यता है जो भी भक्त मनसा देवी की सच्चे मन से आराधना करते हैं, उन सभी के दोष दूर होते हैं।

मंदिर का आकार है विशेषता:- मनसा देवी मंदिर बहुत ही छोटा बना हुआ है, इस मंदिर में प्रवेश करने के लिए भी भक्तों को बैठकर जाना पड़ता है। वही एक बार में सिर्फ एक ही भक्त मनसा देवी के दर्शन कर सकता है, मंदिर की खासियत है कि मंदिर में जहां मनसा देवी की मूर्ति बनी हुई है। वहीं मंदिर में मंदोदरी द्वारा स्थापित की गई पिंडी भी मौजूद है, गौरतलब है कि मेरठ में मंदोदरी द्वारा कई स्थानों पर पूजा अर्चना की गई थी। जिसमें सदर स्थित बिलेश्वर नाथ मंदिर, नौचंदी ग्राउंड स्थित नवचंडी मंदिर का भी उल्लेख है। इसी क्रम में मान्यता है कि सूरजकुंड स्थित सती मंदिर के पास मनसा देवी मंदिर की भी स्थापना मंदोदरी द्वारा की गई थी।।