लखनऊ में रूमी गेट से आगे केवल तांगे ही चलेंगे। अन्य वाहनों पर प्रतिबंध।

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने अवध के स्वर्णिम इतिहास से पर्यटकों को रूबरू कराने और ऐतिहासिक धरोहरों को नुकसान से बचाने के लिए रूमी गेट से वाहनों की आवाजाही बंद करने का निर्णय लिया है। यहां सिर्फ तांगे चलाए जाएंगे।
 
लखनऊ में रूमी गेट से आगे केवल तांगे ही चलेंगे। अन्य वाहनों पर प्रतिबंध।

लखनऊ में रूमी गेट से आगे केवल तांगे ही चलेंगे। अन्य वाहनों पर प्रतिबंध।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 30 अक्टूबर।

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने अवध के स्वर्णिम इतिहास से पर्यटकों को रूबरू कराने और ऐतिहासिक धरोहरों को नुकसान से बचाने के लिए रूमी गेट से वाहनों की आवाजाही बंद करने का निर्णय लिया है। यहां सिर्फ तांगे चलाए जाएंगे।

इसके लिए पूरे हुसैनाबाद ट्रस्ट क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित किया जाएगा। इसके लिए जरूरी वैकल्पिक रूट दिए जाने के लिए भी एलडीए ने काम शुरू करा दिया है। ग्रीन कॉरिडोर के साथ ही इस वैकल्पिक रूट को तैयार किया जाएगा।

अक्षय त्रिपाठी का कहना है कि हुसैनाबाद ट्रस्ट क्षेत्र में बड़ा इमामबाड़ा, आसिफी मस्जिद, रूमी गेट, सतखंडा, घंटाघर, छोटा इमामबाड़ा जैसे प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। इनको सुरक्षित बनाए जाने के साथ पर्यटकों को भी इनके महत्व और अवध के गौरवशाली इतिहास से रूबरू करना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि इसके लिए टीले वाली मस्जिद से लेकर रूमी गेट, घंटाघर होते हुए छोटा इमामबाड़ा तक पूरे इलाके को नो व्हीकल जोन घोषित किया जाना जरूरी है। इसके बाद ही संरक्षित इमारत रूमी गेट के अंदर से भी वाहनों का आवागमन बंद हो पाएगा।

पुरातत्व विभाग भी वाहनों की आवाजाही से रूमी गेट को नुकसान होने के लिए रिपोर्ट कर चुका है। ग्रीन कॉरिडोर पर काम कर रही पीआईयू की टीम ने एक सर्वे शुरू किया है।

पीआईयू के तकनीकी सदस्य एके सेंगर और आर्किटेक्ट सदस्य मेहर सिंह की टीम सर्वे के बाद रिपोर्ट देगी कि किस तरह से यहां वाहनों को आने-जाने से रोककर उनको वैकल्पिक रूट दिया जा सकता है।

कोशिश है कि इस पूरे ट्रैफिक को नदी के किनारे बनने वाले ग्रीन कॉरिडोर और इसकी सर्विस लेन पर शिफ्ट कर दिया जाए। वैकल्पिक रूट इस तरह से तैयार होगा कि किसी भी आबादी को इससे आने-जाने में दिक्कत न हो।

इधर से रूमी गेट से होकर अभी करीब दो लाख की आबादी आवागमन करती है। प्रमुख रूप से इसमें चौक, दुबग्गा, ठाकुरगंज, मुफ्तीगंज, हुसैनाबाद, सज्जादबाग, मुसाहिबगंज, लाजपतनगर, दौलतगंज इलाकों के लोग शामिल हैं। यही वजह है कि यहां पूरे दिन वाहनों का रेला बना रहता है। एलडीए की योजना है कि यहां केवल तांगे ही चलाए जाएं, जोकि अवध के इतिहास का हिस्सा रहे हैं।

हुसैनाबाद क्षेत्र के विकास के समय यहां कोबाल्ट पत्थर से सड़क बनाने का काम हुआ। इस पर करीब 30 करोड़ रुपये भी पीडब्ल्यूडी ने खर्च किया। कोबाल्ट स्टोन की यह सड़क टीले वाली मस्जिद से शुरू होकर छोटा इमामबाड़ा तक बनी हुई है। मोटर चालित वाहनों के लिए यह कतई उपयुक्त नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि कोबाल्ट से सड़क बनाए जाने का उद्देश्य ही यहां वाहनों के आवागमन को रोकते हुए इलाके की खूबसूरती को बढ़ाना था।

लखनऊ को खूबसूरत बनाने के लिए विधानसभा मार्ग व विभूतिखंड को राजधानी के हजरतगंज की तर्ज पर सजाने की योजना है। यहां व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के साइन बोर्ड एक रंग और डिजाइन में बनवाए जाएंगे। शुक्रवार को एलडीए वीसी अक्षय त्रिपाठी ने मुख्य अभियंता इंदुशेखर सिंह व अन्य अधिकारियों के साथ पहले विक्टोरिया स्ट्रीट का दौरा किया। इसके बाद विधानसभा मार्ग पर हुसैनगंज तिराहा से हजरतगंज सेक्शन का निरीक्षण किया। अभी वीसी दूसरे इलाकों का भी निरीक्षण करेंगे।

मुख्य अभियंता ने बताया कि विभूतिखंड और विधानसभा मार्ग में डिजाइन को लेकर वीसी ने निर्देश दिया है कि बाहरी हिस्से में जयपुर की तर्ज पर जो बाउंड्रीवॉल या छज्जे का ऊपरी भाग तैयार हो, उसमें रूमी गेट का अक्स भी रहे। पूरी सड़क पर दोनों तरफ प्रतिष्ठानों पर यह डिजाइन एक समान रूप से रहेगा। रंग को भी एलडीए जल्द ही फाइनल करेगा। सभी प्रतिष्ठान हजरतगंज की तरह बोर्ड के समान रूप से रंग और डिजाइन का उपयोग करेंगे। यह काम प्रतिष्ठान मालिकों को करना होगा। ऐसा नहीं करने पर एलडीए भी भवन स्वामी के खर्च पर यह काम करा सकेगा।

प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने शुक्रवार को बसंतकुंज में भी ग्रीन कॉरिडोर के काम का निरीक्षण किया। कैटल कॉलोनी की जमीन पर बन रहे 140 मीटर लंबे बंधा के काम को भी उन्होंने वीसी अक्षय त्रिपाठी के साथ एलडीए की उपलब्ध कराई जमीन पर सिंचाई विभाग की टीम द्वारा बनाए जा रहे बंधा का भी निरीक्षण किया। इस निरीक्षण को मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तावित ग्रीन कॉरिडोर के प्रजेंटेशन से जोड़कर देखा जा रहा है।