शहरों में स्मार्ट मीटर ही नहीं, बल्कि गांव में लगाए जा रहे साधारण मीटर भी आम आदमी को लूट रहे हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने स्मार्ट मीटर और साधारण मीटरों की खामियों पर सरकार से उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि उपभोक्ताओं को ठगने वाले इन मीटरों पर तत्काल रोक लगे।
शहरों में स्मार्ट मीटर ही नहीं, बल्कि गांव में लगाए जा रहे साधारण मीटर भी आम आदमी को लूट रहे हैं।

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 1 नवम्बर।
शहरों में लग रहे स्मार्ट मीटर ही नहीं, बल्कि गांव में लगाए जा रहे साधारण मीटर भी आम आदमी को लूट रहे हैं। पहले 30 गुना तेज चलते स्मार्टमीटर पकड़े गए और अब साधारण मीटर भी उपभोक्ताओं को लूट रहे हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने स्मार्ट मीटर की तरह इन मीटरों की खामियों पर सरकार से उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। वर्मा का कहना है कि उपभोक्ताओं को ठगने वाले इन मीटरों को लगाने पर तत्काल रोक लगे।

लगातार शिकायतें मिल रही है कि गांवों में लग रहे बिजली के मीटर करेंट दौड़ते ही हजारों यूनिट बिजली की खपत दिखा दे रहे हैं और कहीं कहीं तो कहीं एकदम से लोड 86 किलोवाट पर पहुंच जा रहा है। सप्लाई वोल्टेज 240 वोल्ट देने पर 490 वोल्ट दिखाते हैं, जिससे आग लगने का खतरा बढ़ जाता है।

हाल ही में लखनऊ में ऐसे स्मार्ट मीटर पकड़े गए हैं, जिनका न केवल भार जंप हो रहा था, बल्कि वे 30 गुना तक तेज चल रहे हैं।

जानकारी मिलने पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष से इसकी उच्चस्तरीय जांच करा 15 दिन में रिपोर्ट तलब की है।

गांव में सौभाग्य, झटपट आदि योजना के कनेक्शनों में लगाए जा रहे मीटरों की शिकायतें भी सामने आ रही हैं। पावरटेक कंपनी के उपभोक्ताओं को ठगने वाले मीटर के निर्माताओं के खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई न होने से वही मीटर अभी भी लग रहे हैं।

उपभोक्ता, स्थानीय बिजली अभियंताओं से शिकायत कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर भी ऐसे मीटरों के बारे में की जानकारियां शेयर कर रहे हैं। मीटर कीखामियों से अभियंताओं के सामने भी मुसीबत कम नहीं है।

मैनपुरी के अधिशासी अभियंता ओम प्रकाश ने 28 अक्टूबर को आगरा विद्युत भंडार खंड के अधिशासी अभियंता को पत्र लिखा कि कि सदर बाजार के बसरूद्दीन के यहां पावरटेक का मीटर लगाया गया है, जिसमें बिजली दौड़ाते ही रीडिंग 5913 यूनिट पहुंच गई। मैनपुरी के ही विद्या देवीनगर निवासी हरिहर मिश्रा के यहां झटपट योजना में नौ अक्टूबर को मीटर से कनेक्शन दिया गया। 27 को चेक करने पर रीडिंग तो 5915 दिखी, लेकिन डिमांड शून्य ही रही।

अधिशाषी अभियन्ता ओम प्रकाश ने पावरटेक कंपनी के मीटरों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इससे विभाग की छवि भी धूमिल हो रही है।

इटावा में भी शिकायतों पर पावरटेक के मीटरों की जांच में गंभीर खामियां मिली हैं। विद्युत परीक्षण शाला प्रथम के सहायक अभियंता द्वारा अधीक्षण अभियंता को लिखे पत्र में कहा गया है कि दो किलोवाट भार वाले कनेक्शन के मीटर में अधिकतम डिमांड 86 किलोवाट पहुंच गई। मीटर में 240 वोल्ट की सप्लाई पर 490 वोल्ट दिखाने लगता है।