प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से बचना भी है और आगे भी बढ़ना है।

आर्थिक गतिविधियों के लिए बीस लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा किया।
 

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात राष्ट्र के नाम संबोधन में लॉकडाउन के अगले चरण को लेकर महत्वपूर्ण संकेत किया। ऐसा स्पष्ट हुआ कि अगले चरण में कोरोनावायरस से जूझने के साथ साथ आर्थिक गतिविधियां का संचालन भी होगा। पीएम मोदी ने कहा कि लॉकडाउन 4.0 पहले से बिल्कुल अलग और नए नियमों वाला होगा। पीएम मोदी ने कहा कि ‘लॉकडाउन का चौथा चरण पूरी तरह नए रंग रूप वाला और नए नियमों वाला होगा। राज्यों से मिल रहे सुझावों के आधार पर लॉकडाउन 4 की जानकारी आपको 18 मई से पहले दी जाएगी।’ प्रधानमंत्री ने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बीस लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया।

राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि ‘वैज्ञानिक बताते हैं कि कोरोना लंबे समय तक हमारी जिंदगी का हिस्सा बना रहेगा, लेकिन हम अपनी जिंदगी को इस हद तक नहीं सिमटने देंगे। हम मास्क पहनेंगे और दो गज दूरी का पालन करेंगे, लेकिन लक्ष्यों को भी प्रभावित नहीं होने देंगे’।

पीएम मोदी ने कहा क‍ि जब मैंने देश से खादी खरीदने का आग्रह किया था और कहा था कि आप देश के हैंडलूम वर्कर्स को सपोर्ट करें तो तेजी से यह ऊंचाइयों पर पहुंचा और आपने उसे ग्लोबल ब्रांड बना दिया। कहा कि कोरोना ने हमें लोकल मार्केट चेन का महत्व समझा दिया है। लोकल चीजें अब केवल जरूरत भर नहीं बल्कि हम सबकी जिम्मेदारी है। लोकल को हमें अपना जीवन मंत्र बनाना ही होगा। आपको जो ग्लोबल ब्रांड्स दिखते हैं, वो भी कभी लोकल थे. लेकिन जब वहां के लोगों ने उन्हें अपनाया और उन्हें स्वीकारा तो वे लोकल से ग्लोबल बन गए। ऐसे में आज से हर भारतवासी को लोकल के लिए वोकल बनना है। आज से हर भारतवासी को न सिर्फ लोकल प्रोडक्ट खरीदने हैं बल्कि उनपर गर्व भी करना है।

मोदी ने कहा कि यह आपदा भारत के लिए एक संकेत, एक संदेश और एक अवसर लेकर आई है। इससे पहले भारत में एक पीपीई किट नहीं बनती थी और एन95 मास्क का भी नाम मात्र का उत्पादन होता था। लेकिन आज भारत में 2-2 लाख पीपीई किट और एन95 मास्क का उत्पादन हो रहा है। यह आपदा को अवसर में बदलने से हुआ। भारत के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के कारण ऐसा हो सका।

पीएम मोदी ने दुनिया में कोरोना से मारे गए 2.75 लाख लोगों के स्वजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ऐसा संकट हमने न पहले देखा था और न सुना था। यह त्रासदी अकल्पनीय और अभूतपूर्व है, लेकिन टूटना और बिखराना मानव को स्वीकार्य नहीं है। हमें इस जंग में सतर्क रहकर बचना भी है और आगे भी बढ़ना है। जब दुनिया संकट में है तो हमें अपना संकल्प और मजबूत करना होगा।

मोदी ने कहा कि पिछली शताब्दी से ही सुनते आए हैं कि 21वीं सदी हिंदुस्तान की होगी। कोरोना संकट के दौरान हमें स्थितियों को अच्छे से देखने-समझने का मौका मिला है। जब हम स्थितियों को अब देखते हैं तो लगता है कि 21वीं सदी भारत की हो तो यह सपना ही नहीं हमारी जिम्मेदारी भी लगती है। विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि इसका रास्ता एक ही है और वह है आत्म निर्भर भारत।

भारत का संकल्‍प आत्‍मनिर्भर बनने से ही पूरा होगा।
जो हमारे वश में है, जो हमारे नियंत्रण में है, वही सुख है। आत्म निर्भरता हमें सुखी करने के साथ सशक्त भी करती है। 21वीं सदी के भारत का संकल्प भारत को आत्मनिर्भर बनाने से ही पूरा होगा। हम भारत को आत्मनिर्भर बनाकर रहेंगे, इस विश्वास के साथ मैं आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूं।