शिक्षाविद् डॉ. लालजी द्विवेदी की पुण्यतिथि पर “प्रतिभा सम्मान समारोह” का आयोजन।

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्यसभा सदस्य राम शकल ने डॉ लालजी द्विवेदी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में डॉ. लालजी द्विवेदी ने जो अमूल्य योगदान दिया वह निश्चय ही अविस्मरणीय रहेगा।
 
शिक्षाविद् डॉ. लालजी द्विवेदी की पुण्यतिथि पर “प्रतिभा सम्मान समारोह” का आयोजन।

ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

मिर्जापुर, 20 दिसम्बर।
जनपद में शिक्षा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले और गोविंदाश्रम इंटरमीडिएट, गोविंदाश्रम बालिका इंटरमीडिएट कॉलेज एवँ गोविंदाश्रम स्नातकोत्तर महाविद्यालय के संस्थापक डॉ लालजी द्विवेदी की पुण्यतिथि पर आज प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर शिक्षा एवं समाज के उत्थान में डॉ लालजी द्विवेदी का योगदान विषयक गोष्टी का आयोजन किया गया। प्रतिभा सम्मान समारोह के आयोजन में माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड एवं महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ,वाराणसी के द्वारा संचालित परीक्षाओं में उन छात्र छात्राओं को सम्मानित किया गया, जिन्होंने परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया था।

आयोजित विचार गोष्टी एवँ प्रतिभा सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि राम सकल, राज्य सभा सांसद ने डॉ लालजी द्विवेदी का शिक्षा के क्षेत्र में योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में डॉ.लालजी द्विवेदी ने जो अमूल्य योगदान दिया वह निश्चय ही अविस्मरणीय रहेगा। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वे जाने-माने विद्वान, शिक्षक, वक्ता, शिक्षा शास्त्री थे।

जिलाधिकारी ने छात्र-छात्राओं को आधुनिक युग में शिक्षा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि शिक्षा से व्यक्ति के बौद्धिक झुकाव और उसकी लोकतांत्रिक भावना का भी बड़ा महत्व होता है। ये बातें व्यक्ति को एक उत्तरदायी नागरिक बनाती हैं।

अति विशिष्ट अतिथि संजय वर्मा पुलिस अधीक्षक नगर ने सीमित संसाधनों में भी छात्र छात्राओं को सफल होने की मिशाल पेश करते हुए बताया कि अगर आप चाहें तो आपको एक सफल व्यक्तित्व बनने से कोई भी ताकत नहीं रोक सकती। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा धीरूभाई अंबानी, इब्राहिम लिंकन, एपीजे अब्दुल कलाम आदि अनेकों ऐसे लोग संसार में हुए हैं जिन्होंने सीमित संसाधनों के बल पर नई ऊंचाइयों को हासिल किया है।

विशिष्ट अतिथि देवकी सिंह जिला विद्यालय निरीक्षक ने सम्मानित मेधावी छात्र छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षा का लक्ष्य है ज्ञान के प्रति समर्पण की भावना और निरंतर सीखते रहने की प्रवृत्ति। वह एक ऐसी प्रक्रिया है जो व्यक्ति को ज्ञान और कौशल दोनों प्रदान करती है तथा इनका जीवन में उपयोग करने का मार्ग प्रशस्त करती है।

प्रबन्धक डॉ रविंद्र कुमार द्विवेदी ने अतिथियों व उपस्थित सम्भ्रांत व्यक्तियोँ के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि आज विद्यालय और महाविद्यालय में शिक्षण कार्य के लिए तमाम सुविधाएं उपलब्ध है। शिक्षण कार्य को सुगम बनाने के लिए परिसर में “स्टेट ऑफ दी आर्ट” सुविधाए भी उपलब्ध है, लेकिन यह सब तभी सफल साबित हो सकते हैं जब छात्र छात्राएं पूरी मेहनत और लगन से पढ़ने का प्रयास करें। अगर विद्यार्थी खुद मेहनत नहीं करता तो कोई भी उसे कुछ नहीं सिखा सकता, सुविधाएं चाहे कितनी भी क्यों न हो? एक समय था जब एकलव्य ने अपने गुरु की मिट्टी की मूर्ति बनाकर के अपने कठिन परिश्रम के द्वारा सबसे बड़ा धनुर्धर बनने की ख्याति अर्जित की थी।

इस मौके पर विद्यालय के अध्यक्ष श्री दयाशंकर दुबे, प्रधानाचार्या डॉ स्नेहलता द्विवेदी, प्रभारी प्रधानाचार्य श्री सुदामा प्रसाद, डॉ अशोक कुमार चन्देल, डॉ राकेश शुक्ल, डॉ राजेन्द्र प्रसाद मिश्र सहित समस्त विद्यालय व महाविद्यालय के शिक्षक और स्थानीय गणमान्य लोग उपस्थित रहे।