राकेश टिकैत ने कहा कि “केंद्रीय मंत्री को बर्खास्त करके गिरफ्तार करो, वरना आंदोलन जारी रहेगा।”

राकेश टिकैत ने कहा कि "केंद्रीय मंत्री को बर्खास्त करके गिरफ्तार करो, वरना आंदोलन जारी रहेगा।" घोषणा किया कि 15 अक्तूबर को पुतला दहन, 18 को ट्रेन रोकेंगे और 26 को लखनऊ में महापंचायत होगी।
 
राकेश टिकैत ने कहा कि “केंद्रीय मंत्री को बर्खास्त करके गिरफ्तार करो, वरना आंदोलन जारी रहेगा।”

राकेश टिकैत ने कहा कि “केंद्रीय मंत्री को बर्खास्त करके गिरफ्तार करो, वरना आंदोलन जारी रहेगा।”

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखीमपुर-खीरी, 13 अक्टूबर।

राकेश टिकैत ने कहा कि “केंद्रीय मंत्री को बर्खास्त करके गिरफ्तार करो, वरना आंदोलन जारी रहेगा।” घोषणा किया कि 15 अक्तूबर को पुतला दहन, 18 को ट्रेन रोकेंगे और 26 को लखनऊ में महापंचायत होगी।

तिकुनिया बवाल में मारे गए चार किसान और एक पत्रकार की अंतिम अरदास में पहुंचे किसान संगठनों ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त कर उनकी गिरफ्तारी की मांग की। राकेश टिकैत समेत अन्य किसान नेताओं ने ऐलान किया कि ऐसा न होने पर देश भर में आंदोलन किया जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने तीन अक्तूबर को हुए घटनाक्रम को याद करते हुए कहा कि इंटरनेट न चलने के कारण इस दुखद घटना के वीडियो कई दिन बाद सामने आए।

बताया कि घटना वाले दिन करीब तीन बजे प्रदर्शनकारियों से उनकी बात हुई थी। उन लोगों ने बताया था कि डिप्टी सीएम का रूट बदल गया है, वे लोग अब वापस अपने घरों को लौट रहे हैं। थोड़ी देर में खबर आई कि उन्हें कार से रौंद दिया गया है। टिकैत ने कहा कि गनीमत रही कि वीडियो सामने आए और मीडिया ने सच्चाई दिखाई, वरना किसान दोषी बन जाते। जिस रमन कश्यप की पीटकर मौत बताई जा रही थी, उसके शरीर पर गाड़ी से रौंदने के निशान मिले हैं।

मंच का संचालन दर्शनपाल सिंह ने किया।

टिकैत ने कहा कि हमारा आंदोलन संघर्ष से समाधान तक है, लेकिन सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि इसे समाधान से संघर्ष की ओर ले जाना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कुछ लोग कह रहे हैं कि समझौता जल्दी कर लिया। वे लड़ाना चाहते हैं, जिससे हमें बचना है। चार अक्तूबर को नौ लोगों की मौजूदगी में निर्णय हुआ था। आगे के निर्णय भी सभी की सहमति से लिए जाएंगे। मंत्री की गिरफ्तारी नहीं हुई तो 15 अक्तूबर को हम देश भर में जगह-जगह प्रधानमंत्री का पुतला दहन करेंगे।

बोला कि 18 अक्तूबर सुबह 10 बजे से चार बजे तक ट्रेन रोकी जाएंगी और फिर 26 अक्तूबर को लखनऊ में महापंचायत होगी। सरकार 26 अक्तूबर की मीटिंग तक परिणाम दे। हम आंदोलन करेंगे, सिस्टम नहीं बिगाड़ना चाहते।

इस मौके पर किसान नेताओं ने दो टूक कहा कि राजनैतिक लोगों को आने पर स्वागत है, मगर हम मंच पर जगह नहीं दे सकते।

उल्लेखनीय है कि राजनैतिक दलों के लोग यहां आकर लगातार सहानुभूति जता रहे हैं। मगर मंगलवार को अंतिम अरदास कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी, सपा के पूर्व मंत्री बलवंत अहलूवालिया और किसान नेता योगेंद्र यादव समेत अन्य नेताओं को मंच पर जगह नहीं दी गई।

तीन अक्तूबर को तिकुनिया बवाल में किसानों की मौत के बाद से ही वहां की राजनीति का माहौल गरम हो गया है। कांग्रेस से प्रियंका गांधी, राहुल गांधी समेत कई नेता, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा के सतीश मिश्रा समेत कई नेता वहां जाकर पीड़ित परिवारों को सांत्वना दे चुके हैं।

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू वहां अनशन पर भी बैठ चुके हैं। कहा जा रहा है कि राजनीतिक दल सहानुभूति के जरिये यहां लोगों में पैठ बनाने में लगे हैं। मगर मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों से दूरी बना ली।

मंच से ही कहा गया कि राजनीतिक दल इस आंदोलन का लाभ उठाना चाहते हैं। यह कार्यक्रम किसानों को श्रद्धांजलि देने का है इसलिए राजनीतिक पार्टियों से जुड़े लोगों को मंच पर जगह नहीं दी जाएगी।

कार्यक्रम में पहुंची कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और सांसद दीपेंद्र हुड्डा कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। मगर मंच का संचालन कर रहे डॉ. दर्शन पाल सिंह ने कह दिया कि उन लोगों का स्वागत है लेकिन राजनीतिक दलों को मंच पर जगह नहीं दी जा सकती। इस पर प्रियंका गांधी महिलाओं के हाथ जोड़ते हुए सामने जाकर बैठ गईं। करीब एक घंटा रुकने के बाद उन लोगों ने वहां सजे दरबार के सामने मत्था टेका और वापस चली गईं।

आरएलडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के पहुंचने पर उनका स्वागत किया गया। साथ ही राजनैतिक लोगों के साथ मंच साझा न करने की जानकारी दी गई। इसके बाद वह किसान नेता राकेश टिकैत के साथ बैठ गए और कार्यक्रम की समाप्ति तक मौजूद रहे।

इसी तरह मंच संचालनकर्ता ने सपा के पूर्व मंत्री बलवंत अहलूवालिया और किसान नेता योगेंद्र यादव को भी मंच पर नहीं बुलाया। उनका स्वागत करने के साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा के निर्णय से अवगत करा दिया गया।

मीडिया से बातचीत में जयंत चौधरी ने कहा कि तिकुनिया कांड एक सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया हत्याकांड है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी इसके जिम्मेदार हैं और उन्हें बर्खास्त करके गिरफ्तारी की जाए। उन्होंने कहा कि मंत्री के पद पर रहते इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं की जा सकती।