डीआईजी अनन्त देव तिवारी पर भी संकट के बादल – विकास दुबे से सम्बन्धों को लेकर उनकी भूमिका की जांच के भी आदेश।

एडीजी कानपुर जोन जांच करेंगे कि सीओ देवेन्द्र मिश्रा की लिखित शिकायत के बावजूद अनंत देव तिवारी ने थानाध्यक्ष विनय तिवारी पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं किया था।

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 7 जुलाई।
विकास दुबे से सम्बन्धों को लेकर निवर्तमान एसएसपी कानपुर अनंत देव तिवारी की भूमिका की जांच के भी आदेश दे दिए गए हैं। एडीजी कानपुर जोन अनंत देव तिवारी की भूमिका की जांच करेंगे। डिप्टी एसपी देवेन्द्र मिश्रा की लिखित शिकायत के बावजूद एसएसपी रहे अनंत देव तिवारी ने थानाध्यक्ष विनय तिवारी पर कोई कार्रवाई नहीं किया था।

डिप्टी एसपी ने पशु तस्कर और रेप आरोपी को छोड़ने की भी एसएसपी से शिकायत की थी, जिसका ऑडियो इन दिनों खूब वायरल होने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। डिप्टी एसपी की कॉल रिकॉर्डिंग और लेटर के वायरल होने के बाद तरह-तरह की बातें हो रही है जिसमें अनंत देव की भूमिका को भी संदिग्ध माना जा रहा है। अनंत देव वर्तमान में डीआईजी एसटीएफ लखनऊ में तैनात है।

उधर आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने भी डीजीपी यूपी हितेश चन्द्र अवस्थी को पत्र भेज कर तत्कालीन एसएसपी कानपुर नगर अनंत देव पर कार्यवाही किये जाने की मांग की है। अमिताभ ने शहीद सीओ बिल्हौर देवेन्द्र मिश्र द्वारा तत्कालीन एसएसपी कानपुर नगर को भेजे गए उपरोक्त पत्र के आधार पर कहा है कि इस पत्र में स्व० देवेन्द्र मिश्र ने अनंत देव को साफ़ तौर पर बताया था कि पूर्व थानाध्यक्ष चौबेपुर विनय तिवारी का विकास दूबे के पास आना जाना व वार्ता करना बना हुआ है।

इस पत्र में देवेन्द्र मिश्र ने कहा था कि दिनांक 13 मार्च 2020 को थाना चौबेपुर में अभियुक्त विकास दूबे व अन्य के विरुद्ध दर्ज मु०अ०स० 65/2020 धारा 386, 147, 148, 323, 504, 506 आईपीसी के विवेचक अजहर इशरत ने धारा 386 आईपीसी को कतिपय बेबुनियाद आधारों पर हटा दिया था। देवेन्द्र मिश्र द्वारा पूछताछ करने पर विवेचक ने बताया कि उन्होंने विनय तिवारी के कहने पर ऐसा किया था। देवेन्द्र दूबे ने एसएसपी कानपुर नगर को इस पर कार्यवाही की संस्तुति की थी।

अमिताभ ने कहा है कि इस स्पष्ट पत्र के बाद भी अनंत देव द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किया जाना घोर प्रशासनिक कदाचार है और वे भी इस जघन्य घटना के लिए सीधे तौर पर उत्तरदायी हैं। अतः उन्होंने डीजीपी से इस पत्र में अंकित तथ्यों की जाँच कराते हुए समुचित कार्यवाही करने का अनुरोध किया है।