मुख्तार अंसारी और पूर्व विधायक अभय सिंह ने विरोधियों को फंसाने के लिये सुरेन्द्र कालिया पर गोली चलवाया।

सुरेन्द्र कालिया ने दो दिन की रिमाण्ड पर पुलिस अफसरों के सामने ऐसे राज खोल दिये हैं जिससे इस गिरोह के कई गुर्गे पुलिस की रडार पर आ रहे हैं।
मुख्तार अंसारी और पूर्व विधायक अभय सिंह ने विरोधियों को फंसाने के लिये सुरेन्द्र कालिया पर गोली चलवाया।

डाo शक्ति कुमार पाण्डेय
विशेष संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 5 जून।

बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के गुर्गो और पूर्व विधायक अभय सिंह ने अपने विरोधियों को फंसाने के लिये अपने ही आदमी सुरेन्द्र कालिया पर गोली चलवाया था।

सुरेन्द्र कालिया ने दो दिन की रिमाण्ड पर पुलिस अफसरों के सामने ऐसे राज खोल दिये जिससे इस गिरोह के कई गुर्गे पुलिस की रडार पर आ गये हैं।

पिछले साल 13 जुलाई को सुरेन्द्र कालिया ने आलमबाग में अजंता अस्पताल के पास खुद पर हमला कराया था। पहले दिन ही यह घटना संदेह के दायरे में आ गई थी। पड़ताल में कालिया के खिलाफ सुबूत मिलने लगे तो वह फरार हो गया। कोलकाता में नाटकीय गिरफ्तारी के बाद कमिश्नरेट पुलिस काफी मशक्कत के बाद उसे लखनऊ जेल ला सकी।

एक जून को उसे रिमाण्ड पर लिया गया तो उसने ऐसे राज खोले की अफसर भी हैरान रह गये। फिर उससे डीसीपी सोमेन वर्मा, एडीसीपी चिंरजीव सिन्हा, एसीपी विक्रम सिंह ने कई घंटे पूछताछ की।

उसे दो जून की रात एसटीएफ दफ्तर भी ले जाया गया जहां घटना के समय आलमबाग और कृष्णानगर में एसीपी रहे दो अफसरों ने कई साक्ष्यों को दिखाकर पूछताछ की। इसके बाद सुरेन्द्र ने कुबूला कि अयोध्या से पूर्व सपा विधायक अभय सिंह के कहने पर ही उसने यह सब किया था।

सुरेन्द्र के एफआईआर दर्ज कराने के बाद कई मददगार हर कदम पर उसके साथ रहे। सुरेन्द्र पर जब शक बढ़ने लगा था तो मुख्तार गिरोह के ही एक शख्स ने उसे वहां से हटवा दिया। फिर पुलिस को बताया कि सुरेन्द्र कोरोना संक्रमित हो गये। लिहाजा सुरेन्द्र को 14 दिन का समय मिल गया और इसके बाद वह न घर पर मिला और न शहर में।

इसके बाद ही पूर्व विधायक का एक रिश्तेदार उसे कोलकाता तक पहुंचाया आया। कोलकाता में मुख्तार के बेहद करीबी के कहने पर ही एक फ्लैट में रुकने का इंतजाम हुआ। फिर उसकी अवैध पिस्टल के साथ गिरफ्तारी हो गई।

सुरेन्द्र ने अफसरों को बयान दिया कि घटना के बाद उसे तहरीर देने में देरी हुई थी। उसने बताया कि तहरीर लिखने के बाद एक दूसरे के मोबाइल नम्बर से अभय को व्हाटसएप की गई। अभय के कहने पर ही इस तहरीर में कुछ बदलाव हुआ, फिर मुकदमा दर्ज कराया।

इस मामले में दो शूटर अभी भी फरार चल रहे हैं। डीसीपी सोमेन वर्मा ने बताया कि सुरेन्द्र अपराधी है लिहाजा उसके बयान की हर बिन्दु से जांच कराने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जायेगी।

सुरेंद्र कालिया के के ऊपर हुए हमले में सपा के पूर्व विधायक अभय सिंह को साजिश रचने का आरोपी बनाया गया है। पूर्व विधायक पर कालिया के कुबूलनामे के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है।

कालिया ने बताया था कि अभय के कहने पर ही उसने अपने ऊपर फायरिंग कराई थी। पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था।

13 जुलाई को सुरेंद्र ने खुद पर फायरिंग होने की सूचना पुलिस को दी थी। उसने पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर हमला करने का आरोप लगाया था। सीसीटीवी फुटेज से यह घटना फर्जी निकली थी।

10 अगस्त को सुरेंद्र के चार साथी पकड़े गये तब इसका खुलासा हुआ था। दबाव बढ़ने पर सुरेंद्र कोलकाता भाग निकला था। उस समय ही सामने आ गया था कि सुरेंद्र की मदद मुख्तार गिरोह और पूर्व विधायक कर रहे हैं।

पुलिस अफसरों के मुताबिक सुरेंद्र ने कुबूला कि सब कुछ अभय सिंह के कहने पर ही किया गया। उसने मदद करने में जिन तीन चार लोगों के नाम लिये, वह मुख्तार गिरोह से ही जुड़े हुए हैं।

डीसीपी और एडीसीपी ने लंबी पूछताछ की। इसके बाद ही आलमबाग पुलिस को 13 जुलाई को दर्ज हुए मुकदमे में अभय सिंह को साजिश रचने का आरोपी बनाने को कहा गया।

सुरेंद्र के बयान के आधार पर अभय को आईपीसी की धारा 120 बी का आरोपी बनाया गया है। हालांकि इस बारे में अधिकारी कुछ बोल नहीं रहे हैं। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि इस मामले में पड़ताल की जा रही है।