आगरा में हुई डा. योगिता की हत्या के मामले में पुलिस की घोर संवेदनहीनता और बहुत बड़ी लापरवाही सामने आई।

मृतका की मां और भाई सुबह से शाम तक थानाध्यक्ष से हाथ जोड़कर एफआईआर के लिए विनती करते रहे, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं हुई। जबकि बुधवार को सुबह ही डौकी में युवती का शव मिल चुका था।
 

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 20 अगस्त।
आगरा में हुई डा. योगिता की हत्या के मामले में पुलिस की घोर संवेदनहीनता और बहुत बड़ी लापरवाही सामने आई है। मृतक डाक्टर योगिता का भाई डॉ. मोहिंदर अपनी मां के साथ मंगलवार रात साढ़े नौ बजे आगरा आ गए थे और बुधवार सुबह साढ़े नौ बजे थाने पहुंचे। पुलिस को बताया कि बहन का अपहरण हो गया है। सीसीटीवी फुटेज में आया है कि कोई कार वाला बहन को खींचकर ले गया है। पुलिस ने उनकी बात नहीं सुनी और शाम छह बजे तक थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। वह मां के साथ थाने पर हाथ जोड़कर बैठे रहे। शाम साढ़े पांच बजे उन्हें किसी सिपाही ने बताया कि एक अज्ञात युवती का शव मिला है। पोस्टमार्टम हाउस पर है। उसे जाकर देख लो। वह शव देखने पहुंचे। शव उनकी बहन का था। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। तब घबराई पुलिस दौड़भाग करने लगी। आनन-फानन में उनकी तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया।

अजीब बात यह है कि बुधवार को सुबह ही डौकी में युवती का शव मिल चुका था, पहचान नहीं हुई। शव को एमएम गेट क्षेत्र स्थित पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया। सुबह साढ़े नौ बजे से डॉ. योगिता के भाई और मां एमएम गेट थाने पहुंच चुके थे। और तब तक डौकी में शव मिल चुका था। लेकिन एमएम गेट पुलिस बेखबर थी। पुलिस में पारस्परिक तालमेल होता तो डॉ. योगिता की पहचान सुबह ही हो जाती। परिजन पोस्टमार्टम हाउस नहीं जाते तो शव लावारिस ही पड़ा रहता।

उल्लेखनीय है कि आगरा के सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस पास कर चुकी युवा महिला डॉक्टर की मंगलवार की रात बेरहमी से हत्या कर दी गई। बुधवार सुबह महिला डॉक्टर की डेडबॉडी शहर से दूर डौकी थाना क्षेत्र के बमरौली कटारा में एक खाली प्लॉट में मिली थी। शाम तक लाश की शिनाख्त करने का प्रयास नहीं किया गया। जबकि योगिता के मां और भाई सुबह से एफआईआर दर्ज कराने के लिए थाने पर बैठे थे।

अन्तत: इस मामले में पुलिस ने डॉक्टर विवेक तिवारी को बुधवार देर रात हिरासत में लिया। पुलिस के पास उसके खिलाफ ठोस साक्ष्य हैं। मंगलवार की शाम सवा छह बजे उसकी लोकेशन आगरा की है।

पुलिस ने खोज निकाला है कि डॉक्टर योगिता गौतम ने मंगलवार की शाम साढ़े सात बजे आखिरी बातचीत डॉक्टर विवेक तिवारी से की थी। उसके बाद तिवारी के मोबाइल पर कोई कॉल नहीं आया। शाम सवा छह बजे से डॉक्टर विवेक तिवारी की लोकेशन आगरा में थी। उसके बाद रात सवा बारह बजे उसकी लोकेशन उरई जालौन की आई। इससे पुलिस अंदाजा लगा रही है कि घटना रात आठ से नौ बजे के बीच की है।

एसएसपी ने बताया कि डॉक्टर विवेक तिवारी जिस रास्ते से उरई वापस लौटा है उसी रास्ते पर शव पड़ा मिला है।

डॉक्टर विवेक तिवारी ने खुद ही अपना राज छोड़ दिया। उसने मंगलवार रात तीन बजे से सुबह पांच बजे के बीच डॉक्टर योगिता गौतम की माँ आशा गौतम को कई बार फोन किया। उनसे योगिता के बारे में पूछा। यह कहा कि वह बहुत देर से उसका नंबर मिला रहा है फोन नहीं लग रहा। कोई बात तो नहीं है। माना जा रहा है कि ऐसा उसने इसलिए किया ताकि घरवालों को उस पर कोई शक नहीं हो। उसे इस बात का अंदाजा नहीं था कि योगिता ने शाम को ही अपने घर फोन करके यह बता दिया था कि वह उसे धमकी दे रहा है।

अभी तक मिली जानकारी से पुलिस यही मान रही है कि चलती हुई कार में संघर्ष हुआ। मारपीट हुई। डॉक्टर योगिता ने मारने वाले के बाल खींचे। उसे नोंचा। हत्यारे ने उसके सिर पर किसी भारी वस्तु से प्रहार कर कर दिया। वह भारी वस्तु शराब की बोतल भी हो सकती है। उसके बाद गाड़ी को हाईवे पर रोका गया। शव को सड़क किनारे फेंका गया। सिर पर किससे प्रहार किया गया था। यह सवाल पुलिस आरोपित डॉक्टर विवेक तिवारी से पूछेगी। पूछताछ के लिए भी एसएसपी ने स्पेशल टीम बनाई है।

डॉक्टर विवेक तिवारी के पास टाटा नेक्सन कार है। डॉक्टर योगिता के भाई ने अपहरण के मुकदमे में ऐसी ही कार का जिक्र किया था। कार सीसीटीवी में आ गई थी। डॉक्टर विवेक ने कार को कानपुर में छिपा रखा था। पुलिस टीम ने कार को बरामद कर लिया है। उसे भी आगरा लाया जा रहा है। उसकी फोरेंसिक जांच कराई जाएगी।

प्रारंभिक छानबीन में पुलिस को जानकारी मिली है कि डॉक्टर विवेक तिवारी लंबे समय से डॉक्टर योगिता गौतम को परेशान कर रहा था। वह एमबीबीएस में उनसे एक साल सीनियर था। एमबीबीएस के समय से उन्हें पसंद करता था। उनके पीछे पड़ा हुआ था। उन पर शादी का दबाव बना रहा था। वह उससे कोई वास्ता नहीं रखना चाहती थी। कभी भी फोन करके उन्हें धमकी देने लगता था।

माना जा रहा है कि शादी से इनकार पर डॉक्टर विवेक तिवारी ने वारदात को अंजाम दिया है। हालांकि विवेक को जब पुलिस ने उरई में पकड़ा तो उसने आगरा जाने तक की बात नहीं स्वीकार किया। पुलिस से कहा कि वह तो क्वारंटाइन में है। पुलिस को कोई भ्रम हुआ है। उसे फंसाया जा रहा है। पुलिस ने उससे कहा कि आगरा चलें। वहां बातचीत की जाएगी। पुलिस ने कार के बारे में पूछा तो भी उसने गुमराह किया। हालांकि बाद में बता दिया कि कार कानपुर में खड़ी है।

डॉ योगिता गौतम दिल्ली की रहने वाली है। उनके पिता और भाई भी डॉक्टर हैं। डॉक्टर योगिता गौतम मंगलवार देर रात से गायब थी। उसका फोन स्विच ऑफ था और परिजनों का उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था।

मामले की जानकारी देते हुए एसएसपी आगरा ने बताया कि मृतक महिला डॉक्टर के सिर और गले पर चोट के निशान हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि मरने से पहले महिला ने अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष भी किया है।

डॉक्टर योगिता गौतम की हत्या से एसएन मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स और रेजिडेंट डॉक्टर्स में आक्रोश का माहौल है। घटना की वजह से एसएन मेडिकल कॉलेज में कुछ देर तक इमरजेंसी की स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित रही। जूनियर डॉक्टर्स ने हत्यारोपी के खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई है।