कानपुर के नये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चौबेपुर थाने पर तैनात सभी दरोगा, मुख्य आरक्षी व सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया।

विकास दुबे की खोज में पुलिस नेपाल, हरियाणा के फरीदाबाद और मध्य प्रदेश के ग्वालियर तक लगातार हाथ पैर मार रही है।

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 8 जुलाई।
कानपुर के नये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने मंगलवार देर रात बड़ी कार्रवाई करते हुए चौबेपुर थाने पर तैनात सभी दरोगा, मुख्य आरक्षी व सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया। सभी 68 पुलिसकर्मियों को जिले की पुलिस लाइन भेज दिया गया है और पुलिस लाइन से नए पुलिसकर्मियों की तत्काल तैनाती थाने में की गई है।

एसएसपी दिनेश कुमार पी का कहना है कि मुखबिरी के शक में थाने के सभी पुलिस कर्मियों को हटाया गया है और अभी पुलिस की जांच जारी है‌। दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि चौबेपुर थाना अध्यक्ष विनय तिवारी, दो दरोगाओं और एक आरक्षी को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका था।

उधर शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा का कथित पत्र वायरल होने के बाद डीआईजी एसटीएफ अनंत देव तिवारी को हटा दिया गया और वे अब पीएसी मुरादाबाद सेक्टर के डीआईजी का कार्यभार संभालेंगे। दरअसल शहीद सीओ ने 14 मार्च को तत्कालीन एसएसपी अनंत देव तिवारी को लिखे अपने पत्र में चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी और हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के बीच सांठगांठ और गंभीर घटना की आशंका जताते हुए कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन तत्कालीन एसएसपी अनंत देव तिवारी ने इस पत्र पर कोई एक्शन नहीं लिया।

उधर एसटीएफ के हाथ लगे ऑडियो में दो पुलिसकर्मियों का पता चला है कि जिन्होंने दबिश की सूचना विकास दुबे को दी थी। यही नहीं इस ऑडियो में विकास कहता सुनाई पड़ा है कि आज पुलिस से निपट लेंगे। एसटीएफ की जांच में पता चला है कि दरोगा केके शर्मा और सिपाही राजीव चौधरी की उस दिन विकास दुबे से बातचीत हुई थी।

फिलहाल पुलिस विकास दुबे की खोज में लगातार हाथ पैर मार रही है। हरियाणा के फरीदाबाद में एक होटल में विकास दुबे के छुपे होने का इनपुट मिला था‌। उसी के आधार पर फरीदाबाद पुलिस ने वहां रेड की। विकास दुबे तो नहीं मिला लेकिन फरीदाबाद पुलिस ने विकास दुबे के एक साथी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को आशंका है कि वहां विकास दुबे भी मौजूद था। इस ख़बर के बाद यूपी एसटीएफ की एक टीम फरीदाबाद रवाना हो गई है।

उल्लेखनीय है कि एक सौ बीस घंटे से ऊपर हो चुके हैं। यूपी पुलिस की 40 टीमें विकास दुबे की खोज में खाक छान रही हैं। कानपुर के आस-पास का पूरा इलाका छान मरा गया। यूपी एमपी बॉर्डर, यूपी नेपाल बॉर्डर तक पर यूपी पुलिस चौबीसों घंटे नजरें गड़ाए है। कानपुर से निकल कर जाने वाले हर हाईवे, हर सड़क, हर टोल हर नाके को खंगाला जा चुका है। हर टोल की सीसीटीवी तस्वीरें दर्जनों बार देखी जा रही हैं। बंद पड़े होटलों और गेस्ट हाउसों तक की तलाशी ली जा रही है। उसके हर दूर-नजदीक के हर रिश्तेदार, दोस्त, जान-पहचान वालों के घर तक पुलिस हो आई है। मगर विकास दुबे का कोई सुराग नहीं मिल रहा।

उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश के घने जंगलों में भी विकास दुबे की तलाश की जा रही है। पुलिस को आशंका है कि औरैया के रास्ते भिंड के नयागांव तक फैले घने जंगलों में सभी आरोपी छुपे हो सकते हैं। यही कारण है कि यूपी पुलिस ने मध्य प्रदेश में भी डेरा डाल रखा है। हालांकि अभी तक विकास दुबे और उसके साथियों का कोई सुराग नहीं लग पाया है।