बलिया गोलीकांड के मुख्य आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह ने गिरफ्तारी के बाद खुद को बेगुनाह बताया।

उधर बलिया गोलीकांड के आरोपी धीरेन्द्र के समर्थन में आए बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने भी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह से मुलाकात करके घटनाक्रम की जानकारी दी और कहा कि हालात ही इस तरह बने कि दुर्भाग्यपूर्ण घटना घट गई।
 

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 19 अक्टूबर।
बलिया गोलीकांड के मुख्य आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह ने गिरफ्तारी के बाद यूपी एसटीएफ को पूछताछ के दौरान खुद को बेगुनाह बताया है। उसने दावा किया कि पहले विपक्षियों ने गोलियां चलाई, जिसके बाद आत्मरक्षा में उसने भी फायरिंग की।

बलिया गोलीकांड का मुख्य आरोपित लखनऊ में धीरेंद्र प्रताप सिंह ने एसटीएफ से कहा कि सरकारी कोटे की दुकान के आवंटन को लेकर गांव में पंचायत हो रही थी, जिसमें अधिकारियों के निर्देश पर गांव में करीब 2000 लोग जुटे थे।

गांव के प्रधान कृष्णा यादव और उनके साथियों से उनकी कहा सुनी हो गई, जिसके बाद विपक्षियों ने गोली चला दी। इस दौरान हुई फायरिंग में उसका भतीजा गोलू सिंह मर गया और उसके घर के कई लोग और घायल हो गए।

धीरेंद्र ने कहा कि इसके बाद उसके पक्ष के लोगों ने भी जवाबी फायरिंग की, जिससे जय प्रकाश पाल की मौत हो गई।

उल्लेखनीय है कि बलिया जिले के दुर्जनपुर गांव में पुलिस और प्रशासन के सामने गोली मारकर एक व्यक्ति की हत्या करने वाले मुख्य आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह तीन दिन से फरार था। पुलिस ने उस पर 50000 का इनाम भी घोषित कर दिया था।

धीरेंद्र प्रताप सिंह को रविवार को लखनऊ पकड़ा गया। इस केस में अब तक करीब नौ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

बलिया जिले के रेवती क्षेत्र के ग्राम सभा दुर्जनपुर और हनुमानगंज की दो दुकानों के आवंटन के लिए 15 अक्टूबर को दोपहर में पंचायत भवन में खुली बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में एसडीएम बैरिया सुरेश पाल, सीओ बैरिया चंद्रकेश सिंह, बीडीओ बैरिया गजेन्द्र प्रताप सिंह के साथ ही रेवती थाने की पुलिस फोर्स मौजूद थी।

बैठक के दौरान दुर्जनपुर की दुकान पर सहमति नहीं बनी। बाद में वोटिंग कराने का निर्णय हुआ तो हंगामा शुरू हो गया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हंगामा होते ही अधिकारियों ने बैठक स्थगित कर दी और जाने लगे, जबकि इस दौरान काफी संख्या में पुलिस भी मौके पर मौजूद थी। बैठक स्थगित होने के बाद दोनों पक्षों में मारपीट शुरू हो गई।

बताया जा रहा है कि मारपीट के दौरान एक पक्ष के पूर्व सैनिक धीरेंद्र प्रताप सिंह ने गोली चला दी, जिससे दूसरे पक्ष के जयप्रकाश उर्फ गामा पाल (46) निवासी दुर्जनपुर की मौत हो गई।

उधर बलिया गोलीकांड के मुख्य आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह के समर्थन में आए बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने भी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से लखनऊ में रविवार शाम मुलाकात कर सफाई पेश की है। लगभग पौन घंटा चली वार्ता में सुरेंद्र ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। उनका कहना था कि वहां के हालात ही इस तरह बने थे कि दुर्भाग्यपूर्ण घटना घट गई।

बैरिया के विधायक सुरेंद्र सिंह ने तर्कपूर्ण तरीके से अपना पक्ष रखने की कोशिश की। उनका कहना था कि आम कार्यकर्ता की समस्याओं को भी सुना जाए ताकि स्थानीय स्तर का वास्तविक फीड बैक मिल सके। उन्होंने कहा कि उनकी मंशा पार्टी को नुकसान की नहीं रही। वार्ता के बाद सुरेंद्र सिंह ने मीडिया से कहा कि उन्होंने नेतृत्व के सामने अपना पक्ष प्रस्तुत कर दिया है।

सुरेंद्र सिंह ने यूपी बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से मुलाकात के बाद कहा कि धीरेंद्र प्रताप सिंह के पक्ष के लोगों का मेडिकल प्रधानमंत्री कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय में भेज कर निष्पक्ष जांच की मांग की गई है। स्वतंत्र देव सिंह से मुलाकात के दौरान घटनाक्रम के बारे में उनको पूरी जानकारी दे दी है। इस प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी समय मिलने का प्रयास करूंगा।

फिलहाल स्वतंत्र देव सिंह ने उनसे बलिया प्रकरण पर अनर्गल बयानबाजी नहीं देने की हिदायत दी है। उन्होंने बीजेपी विधायक से मुलाकात के दौरान पार्टी और अपनी छवि न बिगड़ने देने पर जोर दिया। प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि किसी भी कार्यकर्ता को अपनी बात पार्टी में कहने का हक है।

सूत्रों के अनुसार सुरेंद्र सिंह के स्पष्टीकरण से प्रदेश भाजपा नेतृत्व संतुष्ट नहीं है। यूपी बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का कहना था कि भारतीय जनता पार्टी संस्कार और सिद्धांतों वाली पार्टी है। जिम्मेदार कार्यकर्ता या जनप्रतिनिधि को मीडिया के सामने बयानों से विवाद उत्पन्न नहीं करना चाहिए।

महामंत्री संगठन सुनील बंसल का भी कहना था कि पार्टी को संस्कारवान कार्यकर्ताओं की पार्टी कहा जाता है। विवादित बयानों व कार्यों से आम कार्यकर्ता का मनोबल कमजोर होता है। वरिष्ठ नेताओं को अपनी वाणी और आचरण को बहुत संयमित रखना चाहिए।

बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह पर आरोप है कि उन्होंने बलिया कांड के आरोपित धीरेंद्र सिंह के पक्ष में परिवार के साथ जाकर पुलिस से मुलाकात की थी। इसके बाद बीजेपी पर खुलकर आरोपित का साथ देने का आरोप भी लग रहा है।

बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह 17 अक्टूबर को रेवती थाने में दूसरे पक्ष के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने पहुंचे थे। सुरेंद्र सिंह ने कहा था कि अगर दूसरे पक्ष के खिलाफ केस दर्ज नहीं होगा तो वह धरने पर बैठ जाएंगे। बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह के बेटे ने भी योगी सरकार को चेतावनी दे दी थी कि अब बर्दाश्त के बाहर हो रहा है। मजबूर होकर सड़क पर उतरेंगे।