जमीन घोटाले में धांधली के आरोपी तीन उप जिलाधिकारियों (एसडीएम) की तहसीलदार के पद पर वापसी।

तीनों अधिकारियों की शिकायत मिलने पर जांच कराई गई और दोषी पाए जाने पर लोक सेवा आयोग से अनुमति लेकर तहसीलदार के पद पर पदावनत करते हुए राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया।
जमीन घोटाले में धांधली के आरोपी तीन उप जिलाधिकारियों (एसडीएम) की तहसीलदार के पद पर वापसी।

डाo शक्ति कुमार पाण्डेय
विशेष संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 6 जून।

जमीन घोटाले में धांधली के आरोपी तीन उप जिलाधिकारियों (एसडीएम) को तहसीलदार के पद पर वापस लौटा दिया गया है।

प्रदेश सरकार ने तीनों अधिकारियों को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया है। शनिवार को नियुक्ति विभाग की ओर से इसके आदेश जारी कर दिए गए।

एसडीएम प्रयागराज रामजीत मौर्य ने मीरजापुर में तहसीलदार के पद पर तैनाती के दौरान जमीन संबंधी एक मामले में नियमों को दरकिनार करते हुए मनमाने तरीके से फैसला दिया था। यह जमीन कई एकड़ में है और इसकी कीमत करोड़ों रुपये में बताई जा रही है।

धांधली की शिकायत होने पर इस मामले की जांच कराई गई, तो इसमें रामजीत मौर्य दोषी पाए गए।

दूसरा मामला एसडीएम श्रावस्ती जेपी चौहान का है। उन्होंने पीलीभीत में तहसीलदार के पद पर रहते हुए एक जमीन के मामले में मनमाने तरीके से फैसला दे दिया। इस जमीन की कीमत काफी अधिक बताई जा रही है।

इसी प्रकार तीसरा मामला एसडीएम मुरादाबाद अजय कुमार का है। इन्होंने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में तैनाती के दौरान एक जमीन के मामले में मनमाने तरीके से नियमों को ताक पर रखकर कार्यवाही की। आरोप है कि अधिग्रहण के बावजूद इस जमीन को छोडऩे का काम किया गया। इस जमीन को एक प्रभावशाली व्यक्ति को देने के लिए यह सारा खेल किया गया।

इन तीनों मामले की जांच कराई गई और जांच के बाद इन्हें दोषी पाया गया। दोषी पाए गए अधिकारियों को लोक सेवा आयोग से अनुमति लेने के बाद तहसीलदार के पद पर पदावनत करते हुए राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है।