उत्तरप्रदेश में बार लाइसेंस के नियम हुए सरल। अब बार का लाइसेंस आबकारी आयुक्त देंगे।

अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी ने बताया कि यूपी आबकारी नियमावली 2020 जारी कर दी गई है, जिसमें बार लाइसेंसों की स्वीकृति को सरल बनाया गया है।
 
उत्तरप्रदेश में बार लाइसेंस के नियम हुए सरल। अब बार का लाइसेंस आबकारी आयुक्त देंगे।

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 23 जनवरी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने बार लाइसेंस नियमों को सरल किया है। अब बार का लाइसेंस आबकारी आयुक्त देंगे।

नये नियम में होटल, रेस्तरां, क्लब, बार और एयरपोर्ट बार लाइसेंसों की स्वीकृति अब शासन स्तर से नहीं मिलेगी।

मंडलायुक्त के स्थान पर अब जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बार समिति का गठन होगा।

यूपी आबकारी नियमावली 2020 जारी कर दी गई है, जिसमें बार लाइसेंसों की स्वीकृति के संबंध में नियमों में बड़ा बदलाव है।

अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि यह कदम बार लाइसेंसों की स्वीकृति को आसान बनाने के लिए उठाया गया है।

बार लाइसेंस के लिए प्रस्तावित परिसर का क्षेत्रफल कम से कम 200 वर्ग मीटर व न्यूनतम 40 व्यक्तियों को एक साथ बैठने की क्षमता होनी चाहिए। पहले लाइसेंस के लिए प्रस्तावित परिसर में पार्किंग के लिए पर्याप्त स्थान होने की अनिवार्यता थी। अब प्रस्तावित परिसर के 500 मीटर के अंतर्गत निजी व सार्वजनिक पार्किंग भी मान्य है।

ऐसे ही किसी मॉल या कांप्लेक्स, जिसमें बार स्थित हो, की सामान्य पार्किंग सुविधाएं और वॉशरूम को बार की सुविधाओं के रूप में माने जाने का प्रविधान किया गया है।

बार लाइसेंस स्वीकृत होने के सात दिन में आवेदक को लाइसेंस फीस का भुगतान करना होगा व 15 कार्य दिवस में प्रतिभूति धनराशि जमा करे। तय समय में लाइसेंस फीस व प्रतिभूति धनराशि जमा न होने पर लाइसेंस निरस्त हो जाएगा।

जिला स्तरीय बार समिति की ओर से की गई किसी कार्यवाही पर मंडलायुक्त को अपील की जा सकती है।

बिक्री बढ़ाने के लिए शराब पीने की प्रतियोगिता या किसी लाइसेंसधारी को निर्गत की गयी शराब दूसरे बार के परिसर में मिलने पर पहली बार 25 हजार, दूसरी 50 हजार का जुर्माना लगेगा, किंतु तीसरी बार लाइसेंस निरस्त होगा।

नियमावली में विशेष ट्रेनों व क्रूजों में विदेशी शराब बेचने के लिए एफएल-8 प्रपत्र में लाइसेंस देने का प्रविधान है।

जिला स्तरीय बार समिति की ओर से संस्तुत प्रकरणों पर अधिकतम 15 दिन में बार लाइसेंस स्वीकृत करना अनिवार्य होगा।

यदि जिला स्तरीय बार समिति की ओर से लाइसेंस की स्वीकृति नहीं दी जाती है तो उसका तर्कसंगत कारण सहित आख्या शासन को भेजना होगा।