फ्रांस के मुद्दे पर भोपाल और देवबंद में प्रदर्शन के बाद उत्तरप्रदेश के सभी जिलों में अलर्ट जारी।

डीजीपी ने सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को कहा है कि स्थानीय अभिसूचना इकाइयों को सतर्क कर दिया जाए और जिले में बाजारों, मॉल, धार्मिक स्थलों पर लोगों को एक साथ इकट्ठा न होने दिया जाए।
 

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 31 अक्टूबर।
फ्रांस के मुद्दे पर भोपाल और देवबंद में प्रदर्शन के बाद उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी हो गया है। सभी जनपदों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं।

यूपी के डीजीपी द्वारा जारी निर्देशों में सभी पुलिस कप्तानों से कहा गया है कि स्थानीय अभिसूचना इकाइयों को सतर्क कर दिया जाए। जिले में कहीं भी लोगों को एक साथ इकट्ठा न होने दिया जाए। बाजारों, मॉल, धार्मिक स्थलों पर विशेष सतर्कता बरती जाए।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों की टिप्पणी के विरोध में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और यूपी के देवबंद में हुए प्रदर्शन के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस भी अलर्ट हो गई है। डीजीपी मुख्यालय ने सभी जिलों को निर्देश जारी कर पुलिस को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।

निर्देशों में सभी पुलिस कप्तानों से कहा गया है कि स्थानीय अभिसूचना इकाइयों को सतर्क कर दिया जाए। जिले में कहीं भी लोगों को एक साथ इकट्ठा न होने दिया जाए। बाजारों, मॉल, धार्मिक स्थलों पर विशेष सतर्कता बरती जाए।

कोविड-19 को लेकर जारी गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराया जाए। पुलिस पैट्रोलिंग की संख्या बढ़ाए। जिन जिलों में उपचुनाव होने हैं, उन जिलों में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें और विशेष सतर्कता बरतें।

फ्रांस में जारी कार्टून विवाद के बीच मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के इकबाल मैदान में गुरुवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ प्रदर्शन किया।

विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुये कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने मांग की कि केंद्र सरकार फ्रांस में भारतीय राजदूत को वहां के शासन के ‘मुस्लिम विरोधी’ रुख के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए कहे। मसूद ने मैक्रों पर पैगंबर मोहम्मद के आक्रामक कार्टूनों का समर्थन करने और जानबूझकर मुस्लिमों की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है।

दूसरी तरफ, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर शांति-व्‍यवस्‍था भंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही। इसके बाद मामले में केस दर्ज किया गया है।

उल्लेखनीय है कि पेरिस के उपनगरीय इलाके में एक शिक्षक की हत्या के बाद विवाद शुरू हुआ। शिक्षक ने पैगंबर मोहम्मद के कार्टून अपने विद्यार्थियों को दिखाए। बाद में उसकी सिर काटकर हत्या कर दी गई।

शिक्षक की हत्या के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की ओर से की गई विवादित टिप्पणी को लेकर मुस्लिम देशों के बीच फ्रांस के खिलाफ माहौल बनता जा रहा है।

दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के सहारनपुर देवबंद में भी प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन के दौरान लोग हाथों में फ्रांस के राष्ट्रपति का फोटो लिए हुए थे और फोटो पर जूता बना हुआ था। प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की। उनका कहना था कि फ्रांस के अंदर जिस तरीके से रसूल अल्लाह की शान में गुस्ताखी की गई है, वह बहुत निंदनीय है।

शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के माध्यम से ज्ञापन भेजकर फ्रांस सरकार से मांग कि वह रसूल अल्लाह की शान में गुस्ताखी करने वाले को दिया गया सम्मान वापस ले।

समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक माविया अली ने विवादित बयान देते हुए कहा कि चेचन्या के छात्र ने फ्रांस के टीचर का गला काट कर सही किया है। अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कुछ ऐसा नहीं करना चाहिए जिससे लोगों की धार्मिक आस्‍था को ठेस पहुंचे। पूर्व विधायक माविया अली ने कहा कि हम लोगों को इस पर ऐतराज है।

सांसद हाजी फजलुर्रहमान के बेटे मोनिस रजा ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति द्वारा तौहीने रिसालत के विरोध में पूरी दुनिया फ्रांस के उत्‍पादों का बॉयकॉट करे। इस मामले में हम सब को एकजुट होकर अपना विरोध दर्ज कराना चाहिए।