अंतर्राष्ट्रीय योग ई-कॉन्क्लेव का वर्चुअल उद्घाटन आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानन्द गिरी द्वारा किया गया।

अतिथियों का स्वागत करते हुए यूथन्यूज.ऑनलाइन के प्रधान संपादक और कार्यक्रम के संयोजक हिमांशु पाण्डेय ने कहा कि अगले सत्रों में भी विश्व भर से योग और आध्यात्मिक जीवन के प्रतिष्ठित आचार्यों द्वारा व्याख्यान दिए जाएंगे।
 
अंतर्राष्ट्रीय योग ई-कॉन्क्लेव का वर्चुअल उद्घाटन आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानन्द गिरी द्वारा किया गया।

डाo शक्ति कुमार पाण्डेय
विशेष संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 29 मई।

अंतर्राष्ट्रीय योग ई-कॉन्क्लेव का वर्चुअल उद्घाटन आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानन्द गिरी द्वारा किया गया।

श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े के श्री श्री 1008 आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि जी द्वारा वर्चुअल अंतर्राष्ट्रीय योग ई-कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया गया।

स्वामी कैलाशानंद गिरी ने कहा कि इस ई-कॉन्क्लेव के आयोजकों ने भारतीय आध्यात्मिक परंपरा में योग के विभिन्न सिद्धांतों और प्रथाओं के बारे में जनता के बीच जागरूकता पैदा करने का प्रयास किया है।

उन्होंने कहा कि मानव जाति की आधुनिक बीमारियों को ठीक करने के लिए योग अभ्यास और प्राणायाम ही एकमात्र तरीका है और योग कोई पूजा पद्धति या धर्म नहीं है। यह शरीर, मन और आत्मा को मजबूत करने की एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है।

इस अवसर पर बोलते हुए परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के संस्थापक स्वामी चिदानंद सरस्वती ‘मुनि जी’ ने योग के महत्व पर व्यापक प्रकाश डाला और कहा कि योग ही भारतीय जीवन पद्धति का मूल आधार है। कहा कि दुनियां भर के लगभग डेढ़ सौ देशों से लोग आज ऋषिकेश आकर योग और ध्यान का अभ्यास सीख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि स्वस्थ तन मन और जीवन के लिए आज दुनिया भर में योग को एक आदर्श पद्धति के रूप में स्वीकार किया जा चुका है। उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की भी प्रशंसा किया कि उनके प्रयासों से योग को संपूर्ण विश्व में स्वीकार किया जा रहा है।

विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित स्वामी गोविंद देव गिरि ने युवाओं से योग के इस ज्ञान को विश्व समुदाय में प्रसारित करने का आह्वान किया। कहा कि यही एकमात्र निश्चित साधन है जिसके माध्यम से हम पूर्ण स्वास्थ्य और दीर्घायु प्राप्त कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि हम भारतीय प्राचीन काल से सौ वर्षों तक बिना किसी आधुनिक चिकित्सा पद्धति के स्वस्थ जीवन जीते रहे हैं।

इस अवसर पर बोलने वाले अन्य वक्ताओं और गणमान्य व्यक्तियों में “अष्टांग योग” के संस्थापक एडविन स्टर्न ने “योग का सार” पर बात की; कार्लोस जी चियारोटो, योग आचार्य और न्यूक्वेन अर्जेंटीना के योग साधना केंद्र के निदेशक, ने “योग के महत्व” पर बात की; स्वामी विद्यानंद जी, संस्थापक अध्यक्ष, योग एलायंस इंटरनेशनल, वर्ल्ड योग फेडरेशन, और मेडिटेशन एलायंस इंटरनेशनल, ने “आज के परिदृश्य में परिवर्तनकारी योग और ध्यान” पर बात की; सर्व योग इंटरनेशनल की संस्थापक डॉ. एन्टोनीटा रोज़ी, ने “योग और ध्यान” पर बात की; सुश्री वेलेंटीना कोर्तिनी, कार्यकारी निदेशक, द स्पिरिचुअल काउंसिल इन अफ्रीका, सेंटर फॉर इनर स्टडीज एंड हीलिंग, ने “अपने आप को कैसे ठीक करें?” पर बात की; यूनिवर्सल बुक्स लखनऊ के मालिक गौरव प्रकाश, ने “आधुनिक समय में युवाओं की दिशा” पर बात की, और डॉ शक्ति कुमार पाण्डेय, निदेशक – सन्मार्ग ट्रेनिंग डाट काम ने “योग के व्यावहारिक पहलू” पर बात की।

कार्यक्रम का विशेष आकर्षण स्नेहा अरोड़ा, भारतीय शास्त्रीय और भक्ति गायिका थीं, जिन्होंने योग संस्थान यूएई का भी प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने पहले उद्घाटन सत्र में भजन प्रस्तुति दी।

अतिथियों का स्वागत करते हुए यूथन्यूज.ऑनलाइन के प्रधान संपादक और कार्यक्रम के संयोजक हिमांशु पाण्डेय ने कहा कि अगले सत्रों में भी विश्व भर से योग और आध्यात्मिक जीवन के प्रतिष्ठित आचार्यों द्वारा व्याख्यान दिए जाएंगे।

कार्यक्रम का संचालन लखनऊ में आर्ट ऑफ लिविंग के सीनियर फैकल्टी तनुज नारायण ने किया।

इस तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय योग ई-कॉन्क्लेव का आयोजन यूथन्यूज.ऑनलाइन, नेशनल यूथ फाउंडेशन और इंडियन योग एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है।