पृथ्वी पर जब-जब धर्म की हानि होती है तब-तब अवतरित होते हैं भगवान : डॉ. प्रभाकर पाण्डेय

 
पृथ्वी पर जब-जब धर्म की हानि होती है तब-तब अवतरित होते हैं भगवान : डॉ. प्रभाकर पाण्डेय

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

रिपोर्ट-वेद व्यास त्रिपाठी(संवाददाता)

प्रतापगढ़ । “भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्तों का उद्धार व पृथ्वी को आसुरी शक्तियों से मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था । जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं ।”

उक्त बातें पट्टी क्षेत्र स्थित मानापुर गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिवस पर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग के दौरान कथाव्यास डॉ. प्रभाकर पाण्डेय ने श्रद्धालुओं के बीच कही । केएनआई के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एस.पी. सिंह ‘वत्स’ के संयोजन में चल रही इस कथा में कथाव्यास ने श्रीकृष्ण के जन्म का प्रसंग व उनके जन्म लेने के गूढ़ रहस्यों को बेहद संजीदगी के साथ श्रद्धालुओं को सुनाया । जिसे सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे ।

मानापुर में श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुन भाव विभोर हो उठे श्रद्धालु ।

कथा व्यास ने मुख्य यजमान राजकुमारी सिंह पत्नी स्व. महन्थ प्रसाद सिंह को कथा श्रवण कराते हुए कहा कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा । सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उन्हें अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था । पर भगवान की लीला तो वे ही समझ सकते हैं, भला दूसरा कौन समझ सकता है । भगवान श्रीकृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए । कथा का संगीतमयी वर्णन सुनकर वहाँ उपस्थित श्रद्धालु झूमने लगे ।

इस दौरान मुख्य रूप से विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश अध्यक्ष शुभ नारायण सिंह, डॉ. विनोद सिंह, डॉ. बिहारी सिंह, उमाशंकर सिंह, विनोद सिंह, शिव शंकर सिंह, पूर्व प्रधान हरिप्रसाद सिंह, राकेश सिंह, माता प्रसाद पाण्डेय, भोले सिंह, देवी प्रसाद मिश्र आदि मौजूद रहे । कथा के अंत में व्यवस्थापक शैलेंद्र प्रताप सिंह नीरज ने आए हुए अतिथियों के प्रति आभार जताया ।