अमेरिका को तालिबान ने दिखाई आंख, 31 अगस्त तक सेना नही लौटने पर दी अंजाम भुगतने की धमकी।।

 
अमेरिका को तालिबान ने दिखाई आंख, 31 अगस्त तक सेना नही लौटने पर दी अंजाम भुगतने की धमकी।।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

वर्ल्ड, 23 अगस्त:- अफगानिस्तान पर 20 साल बाद फिर से तालिबान का राज शुरू हो गया है, तालिबान के डर से लोग देश छोड़ने की कोशिश में जुट गए हैं। दूसरे देश भी अफगानिस्तान में फंसे अपने लोगों को निकालने की तैयारी कर रहे हैं। अफगानिस्तान से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता है काबुल स्थित हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट, यहां लोगों की भीड़ इकट्ठी होती जा रही है। जिस दिन अमेरिकी सेना के हवाई जहाज पर चढ़ने के लिए भीड़ जुटी और कुछ लोग पहिए पर चढ़ गए थे।

तालिबान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मान्यता देने की अपील की:- तालिबान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से देश और विदेश में उसके खिलाफ बढ़ती नाराजगी के बीच उसे मान्यता देने की अपील की थी। साथ ही तालिबान ने चीन को खुश करने की कोशिश में कहा कि चीन युद्ध से तबाह देश में उसके शासन के तहत एक ‘‘बड़ी भूमिका’’ निभा सकता है। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ‘‘अफगान लोगों की इच्छा का सम्मान करना चाहिए’’ और आधिकारिक तौर पर उनके समूह को मान्यता देनी चाहिए जिसने काबुल में सत्ता संभाली है, शरीया कानून लागू करने की योजना के तहत तालिबान द्वारा महिलाओं की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने की बढ़ती चिंताओं को खारिज करते हुए शाहीन ने चीन के सरकारी ‘सीजीटीएन टीवी’ से कहा कि काबुल में नई तालिबान सरकार महिलाओं के शिक्षा और कामकाज के अधिकारों की रक्षा करेगी।

अब तालिबान ने दी अमेरिकी सेना को वापस लेने की धमकी:- अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी की घोषणा के बाद से तालिबान आक्रमक है। जब आतंकी संगठन के लड़ाकों ने काबुल पर कब्जा कर लिया तो अमेरिका को अपने दूतावास को लेकर काबुल एयरपोर्ट पर शिफ्ट होना पड़ गया। इतना ही नहीं एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए 6000 अतिरिक्त फोर्स भी भेजे गए। राष्ट्रपति जो बाइडेन के शुरुआती फैसले के मुताबिक, 31 अगस्त तक अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से वापस चली जाएगी। अब ऐसा नहीं करने पर तालिबान ने अंजाम भुगतने की धमकी दी है।

तालिबान ने कहा:- तालिबान ने अमेरिका को धमकी दी है कि अगर उनकी सेना 31 अगस्त की समय सीमा से आगे रहती है तो परिणाम भुगतना होगा। तालिबान का कहना है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी में किसी भी तरह की देरी के परिणाम संयुक्त राज्य अमेरिका के को भुगतने होंगे। आतंकी संगठन 31 अगस्त को डेड लाइन के तौर पर देख रहा है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने पहले कहा था कि नागरिकों को निकालने में मदद के लिए 31 अगस्त के बाद उनके सैनिक काबुल में रह सकते हैं।

वही राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है:- राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि अफगानिस्तान की राजधानी से अमेरिकियों और हजारों अन्य लोगों को हवाई मार्ग से लाने का कठिन एवं पीड़ादायी काम तेजी से चल रहा है। साथ ही उन्होंने तनावग्रस्त देश से इस अभियान को 31 अगस्त की समय सीमा से आगे चलाने की संभावना को भी नहीं नकारा। बाइडेन ने रविवार 22 अगस्त को व्हाइट हाउस में युद्ध समाप्त करने के अपने फैसले का बचाव किया और जोर देकर कहा कि सभी अमेरिकियों को देश से बाहर निकालना सबसे अच्छी परिस्थितियों में मुश्किल होता। आलोचकों ने विलंब से निकासी अभियान शुरू करने को लेकर बाइडेन की काफी आलोचना की है। बाइडेन ने कहा, ”काबुल से हजारों लोगों की वापसी का काम कठिन एवं पीड़ादायी होने वाला है। चाहे वह कभी भी शुरू होता। टेलीविजन पर दिखाई जा रहीं दर्दनाक एवं दिल दहला देने वाली तस्वीरों के बिना इतने सारे लोगों को निकालने का कोई तरीका नहीं था। बाइडेन ने कहा कि हवाई मार्ग से लोगों को वापस लाने के काम को 31 अगस्त की समय सीमा से आगे बढ़ाने के संबंध में सैन्य चर्चा जारी है। उन्होंने कहा, ”हमें उम्मीद है कि हमें इसे बढ़ाना नहीं पड़ेगा लेकिन फिर भी चर्चाएं जारी हैं। व्हाइट हाउस ने रविवार 22 अगस्त को एक बयान में कहा था कि सात सी-17 और एक सी-130 अमेरिकी सैन्य विमानों ने दोपहर तीन बजे (ईस्टर्न टाइम ज़ोन समयानुसार) तक 12 घंटे की अवधि में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से करीब 1700 यात्रियों को निकाला। इसके अलावा, 39 गठबंधन विमानों ने लगभग 3,400 यात्रियों के साथ उड़ान भरी।।