काबुल एयरपोर्ट पर दो आत्मघाती हमले, 90 की मौत 150 से अधिक घायल।।

 
काबुल एयरपोर्ट पर दो आत्मघाती हमले, 90 की मौत 150 से अधिक घायल।।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

वर्ल्ड, 27 अगस्त:- अफगानिस्तान का नियंत्रण तालिबान के हाथ में जाने के बाद से ही यहां की सुरक्षा व्यवस्था तबाह हो चुकी है। पिछले कई दिनों की तरह गुरुवार को भी देश छोड़ने की आस में काबुल एयरपोर्ट के पास भारी भीड़ जुटी थी और शाम को यहीं दो आत्मघाती हमला हो गए। इन बम धमाकों की पुष्टि अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी पेंटागन ने भी की है, मिली जानकारी के मुताबिक अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट के बाहर दो आत्मघाती हमले हुए हैं। इसकी पुष्टि पेंटागन के प्रवक्ता ने की। विदेशी मीडिया के मुताबिक, दोनों हमलों में चार अमेरिकी मरीन कमांडो समेत कम से कम खबर लिखे जाने तक 90 कि मौत हुई है। पांच अमेरिकी सैनिकों समेत 150 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। एक सैनिक की हालत गंभीर है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार काबुल इमरजेंसी अस्पताल में धमाकों में घायल हुए लोग आए हैं। पेंटागन ने कहा है कि हमले में अमेरिकी नागरिक मारे गए हैं।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने की निंदा:- भारतीय विदेश मंत्रालय ने बम धमाके पर बयान जारी करते हुए इसकी निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने कहा- हम काबुल में धमाकों की निंदा करते हैं। हम आतंकी हमले में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना जाहिर करते हैं। ये धमाका बताता है कि हमें आतंकवाद और इसे पोषित करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है।

आईएसआईएस-खोरासान पर उठ रही उंगली:- अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि अभी तक किसी ने इस धमाके की जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन उंगली अफगानिस्तान से जुड़े इस्लामिक स्टेट खोरासान पर उठ रही है। आईएसआईएस-खोरासान पश्चिमी देशों और तालिबान दोनों के खिलाफ बड़े दुश्मन के तौर पर उभरा है।

पेंटागन ने जारी किया बयान:- काबुल में हुए इन आतंकी महलों को लेकर पेंटागन की ओर से बयान जारी किया गया है। पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी की ओर से जारी इस बयान में कहा गया है कि हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि अमेरिकी बलों के सदस्य आज काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमलों में मारे गए हैं। कई अन्य का इलाज चल रहा है। हमे यह जानकारी भी मिली है कि कई अफगान नागरिक भी इस जघन्य हमले के शिकार हुए हैं। हमारी प्रार्थनाएं और संवेदनाएं उन लोगों के साथ है जिनकी इस हमले में जान गई है और जो घायल हुए हैं।

पूरा मामला:- अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि काबुल एयरपोर्ट के ऐबी गेट के बाहर एक आत्मघाती हमलावर ने इस घटना को अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि हमलावर फायरिंग करते हुए आया और उसने खुद को बम से उड़ा लिया। एयरपोर्ट के इस गेट पर ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के सैनिक तैनात रहते हैं। वहीं, दूसरा आत्मघाती हमला एयरपोर्ट के सामने मौजूद बैरन होटल के बाहर हुआ, जो कि ऐबी गेट के ही काफी करीब है। गौरतलब है कि इस हमले से कुछ देर पहले ही आईएस के आतंकियों द्वारा धमाका करने की आशंका जताई गई थी। इसका मकसद पश्चिमी देशों के उन सैनिकों को निशाना बनाना था, जो अफगान शरणार्थियों को देश से बाहर निकालने में मदद कर रहे हैं।

कुछ और धमाके होने की आशंका:- अफगानिस्तान में फ्रांस के राजदूत ने काबुल एयरपोर्ट के बाहर एक और धमाका होने की आशंका जताई थी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘हमारे सभी अफगान मित्रों से अनुरोध है कि यदि आप हवाई अड्डे के गेट के पास हैं तो तुरंत वहां से निकल जाएं। दूसरा विस्फोट हो सकता है।’ इस बीच अमेरिकी मीडिया आउटलेट फॉक्स न्यूज ने सूत्रों के हवाले से दावा किया कि यह आईएस के सिलसिलेवार धमाकों का हिस्सा हो सकता है।

इटली के विमान पर भी हुई थी फायरिंग:- बता दें कि इस आत्मघाती हमले से कुछ देर पहले काबुल एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले इटली के एक विमान पर भी फायरिंग हुई थी। इस विमान में 100 अफगानी शरणार्थी सवार थे।

आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो दुनिया “भारत”:- भारत ने काबुल में हुए विस्‍फोटों की निंदा की है। भारत की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, ‘हम हमले की कड़ी निंदा करते हैं। हम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना जताते हैं। हमारी सहानुभूति व दुआएं घायलों के साथ हैं। आज के हमले ने एक बार फिर इस बात पर जोर दिया है कि दुनिया को आतंकवाद और उन सभी के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है, जो आतंकियों को पनाह मुहैया कराते हैं।

हालात गंभीर रूप से बिगड़े “फ्रांस”:- काबुल में विस्‍फोटों के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि धमाकों के कारण काबुल हवाईअड्डे के पास हालात गंभीर रूप से बिगड़े हैं। आयरलैंड के डबलिन में अपने दौरे के दौरान मैक्रों ने कहा, ‘हम एक अत्यंत तनावपूर्ण स्थिति का सामना कर रहे हैं, ऐसे में हमें अपने अमेरिकी सहयोगियों के साथ समन्वय करना चाहिए। हवाई अड्डे पर हालात अनुकूल रहने तक फ्रांस अपने नागरिकों, अन्य सहयोगी देशों के लोगों और अफगानों को निकालना जारी रखेगा।।