क्रिकेट अभी तक ओलंपिक में नही बना पाया अपनी जगह, पहली बार कब क्रिकेट ओलंपिक में था शामिल।।

 
क्रिकेट अभी तक ओलंपिक में नही बना पाया अपनी जगह, पहली बार कब क्रिकेट ओलंपिक में था शामिल।।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

हटके, 12 अगस्त:- वैश्विक खेल क्रिकेट के दीवाने तो सभी है पर क्यो आज तक क्रिकेट ओलंपिक में अपनी जगह नही बना पाया यह सवाल सभी के मन मे उठता है। और वही टोक्यो ओलंपिक के बीत जाने के बाद भी लोगों से इसकी खुमारी नहीं उतर रही, खासकर नीरज चोपड़ा के ऐतिहासिक गोल्ड ने पूरे देश को उत्साहित करते हुए खुश होने का ‘गोल्डन’ मौका दे दिया। लेकिन अब ओलंपिक की चर्चा एक और कारण से हो रही है, आईसीसी ने कहा है कि वो 2028 ओलंपिक में शामिल होने के लिए तैयारियां कर रहा है। यानी ओलंपिक में चौके और छक्के देखने को मिलेंगे? क्या वाकई में ये संभव है? क्या क्रिकेट में भी गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल दिए जाएंगे?

क्या क्रिकेट को मिल सकती है ओलंपिक में जगह:- इस कल्पना के शुरुआत में ही ‘अगर’ लगा है, कल्पना के उस पार वास्तविकता यह है कि दुनिया के कुछ हिस्सों में सबसे प्रसिद्ध खेलों में से एक होने के बावजूद, अभी भी क्रिकेट एक ‘वैश्विक’ खेल नहीं है और यही वजह है कि इसने अभी तक ओलंपिक में जगह नहीं बनाई है। अब सवाल है कि साउथ-ईस्ट एशिया, यूके और दक्षिण अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में प्रमुख खेल होने के बावजूद क्रिकेट अभी तक ओलंपिक में क्यों नहीं है? अगर खेलों कि वैश्विक स्तर पर लोकप्रियता ही ओलंपिक में उसके शामिल किये जाने का आधार है तो फिर मॉर्डन रेस वॉकिंग जैसे खेलों को स्थान कैसे मिला?

ओलंपिक में क्रिकेट शामिल क्यों नहीं?

क्रिकेट मैच खत्म होने में लगता था ज्यादा टाइम:- क्रिकेट में टी-20 फॉर्मेट की शुरुआत से पहले, ओलिंपिक में शामिल करने के लिए सबसे प्रैक्टिकल फॉर्मेट था ODI मैच, लेकिन एक दिवसीय मैचों में भी कुल 100 ओवरों के साथ, एक खेल को समाप्त होने में लगभग 8 घंटे तक का समय लगता है। यदि इसमें बड़ी संख्या में टीमें भाग लेती हैं, तो यह कुल मिलाकर ओलंपिक आयोजन की अवधि को बहुत लंबा कर देगा। टी-20 फॉर्मेट के आने के बाद भी इस पर सर्वसम्मति नहीं बन पाई है कि अधिक संख्या में टीमों के भाग लेने कि स्थिति में यह फॉर्मेट ओलंपिक में प्रैक्टिकल है भी या नहीं।

बहुत सारे क्रिकेट ग्राउंड की जरूरत:- क्रिकेट मैच के आयोजन के लिए ऐसे स्पेशल ग्राउंड की जरूरत होती है जिस पर कोई और ओलंपिक खेलों का आयोजन नहीं हो पाएगा। ऐसा क्रिकेट पिच के संबंध में फुटमार्क और आउटफील्ड के संवेदनशीलता के कारण है, इसके अलावा एक ही ग्राउंड पर बिना अच्छा खासा ब्रेक के दोबारा तुरंत अगला मैच करना भी संभव नहीं है। यही कारण है कि मैचों की मेजबानी के लिए पर्याप्त संख्या में मैदानों की आवश्यकता होगी, इससे क्रिकेट का ओलंपिक में आयोजन मुश्किल है।

क्रिकेट नहीं खेलने वाले मेजबान देश का विरोध:- क्रिकेट नहीं खेलने वाले देश होने के कारण भी कई मेजबान देशों ने भी ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करने के खिलाफ काम किया है, उनका तर्क है कि क्रिकेट मैच के लिए उन्हें अलग से बहुत सारे क्रिकेट ग्राउंड तैयार करने होंगे। हालांकि जब क्रिकेट खेलने वाला देश ओलंपिक की मेजबानी करेगा तो क्रिकेट के ओलंपिक में शामिल होने की संभावना होगी।

अब तक ICC ने भी नहीं दिखाई थी दिलचस्पी:- ICC ने सभी टेस्ट खेलने वाले देशों की सरकारों को खेल पर न्यूनतम नियंत्रण रखने की सलाह दी है, भारत सहित अधिकतर क्रिकेट खेलने वाले देशो में खेल की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए क्रिकेट टीमों का गठन और प्रबंधन गैर-सरकारी निकायों द्वारा किया जाता है। लेकिन ICC का तर्क रहा है कि यदि क्रिकेट कभी ओलंपिक में शामिल होता है, तो सरकार टीमों के चयन पर नियंत्रण रखेगी, जिससे आने वाले खिलाड़ियों की गुणवत्ता को नुकसान होगा। हालांकि अपना स्टैंड बदलते हुए ICC ने 2028 ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करने को लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी हैं।

क्रिकेट खेलने वाले देशों की अनिच्छा:- प्रमुख क्रिकेट खेलने वाले देश क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल करने में मामूली रुचि दिखाते हैं, खासकर वित्तीय रूप से मजबूत क्रिकेट बोर्ड जैसे बीसीसीआई, ईसीबी और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने भी अभी तक कोई स्पष्ट प्रयास नहीं किया है। इसका एक कारण है नार्मल क्रिकेट टूर्नामेंट की अपेक्षा ओलंपिक में खेले जाने वाले मैचों में वित्तीय लाभ का कम होना, याद रखें कि ब्रॉडकास्टिंग जैसे अधिकार मेजाबन देशों के पास होते हैं।

क्या ओलंपिक में क्रिकेट हो सकता है शामिल:- आईसीसी ने ओलंपिक खेलों में क्रिकेट को शामिल करने पर जोर देने के अपने इरादे की पुष्टि की है, आईसीसी का प्राथमिक लक्ष्य 2028 में लॉस एंजिल्स ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करना है। इसे सबसे बड़ा बल अगले साल बर्मिंघम 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में इसके शामिल होने से मिलेगा, क्योंकि यह 2028 ओलंपिक के लिए इसकी उम्मीदों को मजबूती देगा।

1900 में क्रिकेट हुआ था ओलंपिक में शामिल:- अगर आपको लगता है कि 121 साल के ओलंपिक के इतिहास में आज तक एक बार भी क्रिकेट मैच नहीं हुआ तो आप गलत हैं। क्योंकि आज से एक सदी से भी पहले, ओलंपिक में एक क्रिकेट मैच खेला गया था लेकिन उसके बाद उसे जारी नहीं रखा गया। 1894 में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के गठन के बाद, 1896 के एथेंस ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करने का निर्णय लिया गया, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसका कारण था कि भाग लेने के लिए पर्याप्त टीमें उपलब्ध नहीं थीं और इसलिए कार्यक्रम रद्द कर दिया गया, लेकिन 1900 में पेरिस ओलंपिक के दौरान क्रिकेट को पहली बार ओलंपिक में जगह दी गई थी। शुरुआत में इसमें चार टीमों ने भाग लेने का निर्णय लिया था- ग्रेट ब्रिटेन, फ्रांस, नीदरलैंड और बेल्जियम। लेकिन नीदरलैंड और बेल्जियम के पीछे हटने के बाद, ग्रेट ब्रिटेन और फ्रांस के बीच एकमात्र क्रिकेट मैच खेला गया था, जिसमे ग्रेट ब्रिटेन ने 158 रनों के अंतर से फ्रांस को हरा मैच जीत लिया।

ओलंपिक खेलों में क्रिकेट के न शामिल होने का कारण:- जैसा कि यह बात किसी से छिपी नहीं है कि क्रिकेट को पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। दुनिया भर में भले ही इसके चाहने वालों की तादात बहुत ज्यादा है लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केवल 10-11 देशों को टेस्ट क्रिकेट खेलने का दर्जा मिला हुआ है। इसका मतलब है कि इन्हीं देशों में क्रिकेट खेला जाता है। ओलंपिक में क्रिकेट का न होना यही मुख्य कारण है।

क्या 2024 में ओलंपिक खेलों में क्रिकेट शामिल हो सकता है:- 2024 में ओलंपिक खेलों का आयोजन पेरिस में होना है और इसके बाद 2028 का ओलंपिक लॉस एंजेलिस में होगा। अमेरिका और फ़्रांस, दोनों देश क्रिकेट नहीं खेलते हैं। इन दोनों देशों में क्रिकेट बहुत लोकप्रिय भी नहीं है। ऐसे में इन देशों में क्रिकेट के लिए ज़रूरी बुनियादी सुविधाएं और स्टेडियम का अभाव भी है। इसलिए ये दोनों देश ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करें, यह बहुत मुश्किल बात है।

टीम इंडिया के ओलंपिक खेलों में भाग लेने पर BCCI ने कही ये बात:- एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कहा है कि क्रिकेट को ओलंपिक खेलों में शामिल किए जाने को वे पूरी तरह से अपना समर्थन देंगे। उन्होंने कहा कि, ‘एक बार क्रिकेट ओलंपिक में शामिल हो गया तो भारतीय टीम उसमें जरूर हिस्सा लेगी। ओलंपिक में क्रिकेट को लेकर बीसीसीआई और आईसीसी की राय एक है।’ बता दें कि बीसीसीआई इससे पहले भी कह चुका है कि अगर इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की तरफ से ज्यादा दखल नहीं दिया गया तो फिर वे 2028 के ओलंपिक खेलों में इंडियन टीम को भेजेंगे।।