क्रूरता की पराकाष्ठा: गोरखपुर के हत्यारे पुलिस कर्मियों ने सरकार के सुशासन के दावे की भी हत्या कर दिया।

ये हत्यारे बता भी नहीं पा रहे हैं कि मनीष गुप्ता का अपराध क्या था। मनीष गुप्ता की भांजे से बातचीत के आडियो ने साबित कर दिया कि उसकी मौत पिटाई और प्रताड़ना से हुई।
 
क्रूरता की पराकाष्ठा: गोरखपुर के हत्यारे पुलिस कर्मियों ने सरकार के सुशासन के दावे की भी हत्या कर दिया।

क्रूरता की पराकाष्ठा: गोरखपुर के हत्यारे पुलिस कर्मियों ने सरकार के सुशासन के दावे की नाक काट लिया।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

गोरखपुर, 30 सितम्बर।

ये हत्यारे बता भी नहीं पा रहे हैं कि मनीष गुप्ता का अपराध क्या था। मनीष गुप्ता की भांजे से बातचीत के आडियो ने साबित कर दिया कि उसकी मौत पिटाई और प्रताड़ना से हुई।

इससे पहले इंस्पेक्टर ने गढ़ी थी नींद में हड़बड़ी में बेड से गिरने से मौत की कहानी।

मनीष गुप्ता और उनके भांजे दुर्गेश के बीच बातचीत का ऑडियो सामने आने से पहले अफसर मनीष के गिरने की वजह से चोट लगने की इंस्पेक्टर की थ्योरी को ही सच मान रहे थे। लेकिन इसी बीच ऑडियो सामने आ गया तब अफसरों की आंख खुली अब अफसर यह मान रहे हैं कि बेड से उठते ही गिरने वाली थ्योरी तो सही नहीं है।

मनीष गुप्ता और उनके भांजे दुर्गेश के बीच मोबाइल फोन पर हुई अन्तिम बातचीत से स्पष्ट हुआ कि मनीष पुलिसवालों से अदब से बात कर रहे हैं फिर भी पुलिस उन्हें ही गलत ठहरा रही थी।

अफसरों का यह मानना है कि मनीष की भले ही गिरने से ही चोट लगने से मौत हुई हो लेकिन यह सही नहीं है कि वह नींद से उठते ही गिर गया था। ऑडियो इसकी पूरी गवाही दे रहा है।

पत्नी व परिवार के लोग कह रहे हैं कि अगर वह ऑडियो नहीं होता तो पुलिस कुछ भी मानने को तैयार ही नहीं थी। अन्तिम बातचीत की इस ऑडियो रिकार्डिंग ने ही पूरे केस की थ्योरी बदलने में अहम भूमिका निभाई है।

इसी ऑडियो से यह भी तय हुआ कि मनीष किसी भी हड़बड़ी में नहीं था। वह पुलिस वालों से घिरा है और बेगुनाह होने का सबूत देने का आग्रह करता हुआ सुना जा रहा है।

 

 

कानपुर के रियल इस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता की पुलिस पिटाई से मौत उद्योग और व्यापार संगठनों में आक्रोश है। व्यापारी संगठनों ने हत्यारोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग की है।

चेंबर ऑफ ट्रेडर्स की कार्यकारिणी की एक आपात बैठक कार्यवाहक अध्यक्ष शैलेश अग्रहरी की अध्यक्षता में हुई। श्री अग्रहरी ने कहा कि जिस तरह से व्यापारी मनीष गुप्ता की पुलिस आधी रात होटल चेकिंग के नाम पर मारपीट की वह निंदनीय हैं। पुलिस ने एक महिला का सुहाग छीन लिया और 4 साल के मासूम के बेसहारा कर दिया।

अध्यक्ष अनूप किशोर अग्रवाल, कमलेश अग्रवाल, मनीष चांदवासिया आदि ने मांग की है कि परिवार के पालन पोषण के लिए मुआवाजा देना की मांग की। बैठक में श्रीचंद बंसल, अशोक जालान, संतोष पोद्दार, कृष्ण गोपाल गुप्ता, राकेश गुप्ता, सुधीर केशरवानी, संतोष सिंघानिया, अभिषेक अग्रवाल, विवेक बंसल, मनीष अग्रवाल आदि उपस्थित थे।

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिलाध्यक्ष मदन लाल अग्रहरी ने कहा कि मनीष गुप्ता की हत्या पुलिस विभाग के लिए कलंक है। मामले की न्यायिक या सीबीआई द्वारा जांच कराई जाए और हत्यारों को कठोर से कठोर सजा दी जाए। इसके साथ ही पीड़ित परिवार को 50 लाख की मुआवजा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग भी व्यापार मंडल करता है।

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मण्डल ने हत्यारोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है।

अध्यक्ष सत्य प्रकाश सिंह मुन्ना ने मांग की है कि आरोपी पुलिस वालों की तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए। मामले की मजिस्ट्रेटियल जांच होनी चाहिए। आरोपी पुलिस वालों को बर्खास्त कर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए। पुलिस के कुछ अधिकारी आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे में मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।