क्‍या है इंटरनेशनल बुलियन एक्‍सचेंज, इसके आने के बाद भारत मे कैसे तय होगी सोने की कीमतें।।

 
क्‍या है इंटरनेशनल बुलियन एक्‍सचेंज, इसके आने के बाद भारत मे कैसे तय होगी सोने की कीमतें।।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली, 19 अगस्त:- भारत अपने सोने के दाम खुद तय करेगा। इसके लिए जल्द इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज शुरू किया है। यहां सोने और चांदी के स्पॉट ट्रेड हो सकेंगे। अभी लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन सोने की कीमत तय करता है और वह रेट भारत के सराफा बाजारों में लागू होते हैं। अंतरराष्ट्रीय सटोरियों के कारण भारत में बेवजह सोने के भाव ऊपर-नीचे नहीं होते रहते हैं। बुधवार 18 अगस्त को इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर्स अथॉरिटी (आईएफएससीए) की तरफ से इंटरनेशनल बुलियन एक्‍सचेंज का पायलट रन लॉन्च हो गया है, 1 अक्‍टूबर 2021 को जब आईएफएससीए का स्‍थापना दिवस होगा, उस दिन एक्‍सचेंज अथॉरिटी के बुलियन एक्‍सचेंज 2020 के तहत आ जाएगा। 11 दिसंबर 2020 को इस बारे में एक अधिसूचना जारी हुई थी, फरवरी 2020 में जब आम बजट पेश हुआ था तो उस समय इस एक्‍सचेंज का ऐलान किया गया था।

सोने के आयात में होगी बड़ी भूमिका:- इस एक्‍सचेंज को भारत में सोने के आयात का बड़ा एंट्री गेट माना जाएगा, माना जा रहा है कि अब देश में जो भी सोना आयात किया जाएगा, वो इसी एक्‍सचेंज के तहत आएगा। भारत में सोने का उपभोग सबसे ज्‍यादा होता है, इसलिए इस एक्‍सचेंज को अहम कदम करार दिया जा रहा है और यहां पर तय कीमतें सोने के भाव तय करेंगी जो अंतरराष्‍ट्रीय मानकों के अनुरूप ही होंगी।

कहा जा रहा है कि इस एक्‍सचेंज के बाद सोने की सही कीमतें तय हो सकेंगी:- अभी सोना अलग-अलग तरीकों से आयात होता है, भारत में सोने का आयात सबसे ज्‍यादा होता है। इससे दुबई से भारत में गोल्ड ट्रेडिंग का एक बड़ा हिस्सा शिफ्ट होने की उम्मीद है, इस तरह के एक्‍सचेंज लंदन, शंघाई और तुर्की में भी है। सोने का भाव दुनिया में क्‍या चल रहा है, उस पर भी यह एक्‍सचेंज नजर रखेगा।

शेयर की तरह होगी सोने की ट्र‍ेडिंग:- गोल्ड एक्सचेंज आने के बाद शेयर की तरह सोने की ट्रेडिंग होने लगेगी, पहले इसमें कुछ काम आउट सोर्स होने वाला था, लेकिन अब फैसला हुआ है कि सबकुछ सेबी की देखरेख में ही होगा। एक इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट होगा, जिसके जरिए गोल्ड एक्सचेंज में कारोबार होगा। माना जा रहा है कि गोल्ड एक्सचेंज के अस्तित्व में आने से कीमत और गुणवत्ता को लेकर पारदर्शिता बढ़ेगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सचेंज में सबसे पहले ट्रेडिंग कंपनी वॉल्ट के पास सोना जमा कराएगी, इसके बाद वॉल्ट मैनेजर सोने के बदले इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट जारी करेगा। ईजीआर के जरिए एक्सचेंज पर लिस्ट कराया जा सकेगा यानी ईजीआर बहुत जरूरी होगा और इसी के जरिए आप ट्रेंड कर पाएंगे। लिस्टिंग के बाद ईजीआर की शेयर की तरह ट्रेडिंग होगी, शेयर की तरह ही ईजीआर की क्लीयरिंग और सेटलमेंट का काम होगा। 5 ग्राम से लेकर 1 किलो तक का लॉट मौजूद होगा, जिसमें ट्रेडिंग की जा सकेगी।

भारत में 22,000 टन सोना:- इस एक्‍सचेंज के बाद एक गोल्‍ड स्‍पॉट एक्‍सचेंज भी आने वाला है जिसका रेगुलेटर सेबी होगा। गोल्‍ड स्‍पॉट एक्‍सचेंज के जरिए इसकी ट्रेडिंग होगी, इस एक्‍सचेंज पर दुनिया के बाकी देशों की नजरें भी रहेंगी। एक अनुमान के मुताबिक भारतीय घरों में इस समय करीब 22,000 टन सोना पड़ा है, जो निष्क्रिय है। विशेषज्ञों की मानें तो भारत सालाना 800-900 टन सोने की खपत करता है, अंतरराष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज से देश भर में सोने के एक समान मूल्य निर्धारण की उम्मीद है। आज सोने की कीमतें राज्य में अलग-अलग होती हैं, बताया जा रहा है कि इस एक्‍सचेंज के लिए अहमदाबाद के पास गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक (गिफ्ट) सिटी को चुना गया है।

क्‍यों किया गया इसे शुरू:- भारत में सोने की खपत ज्‍यादा होने की वजह से सरकार ने इस एक्‍सचेंज को शुरू करने का फैसला किया था। आईएफएससीए बुलियन एक्सचेंज के नियामक के रूप में भी काम करेगा, साल 2019 में भारत में लगभग 700 टन सोने की खपत हुई थी। देश के सभी बड़े बैंक, गोल्ड एक्सचेंज ट्रेड फंड (ईटीएफ), एमएमटीसी जैसी सरकारी एजेंसी को बुलियन एक्सचेंज की सदस्यता दी जाएगी, बड़े-बड़े ज्वैलर्स को सब-डीलरशिप दी जा सकती है। जेम्स व ज्वैलरी निर्यातक एवं बुलियन विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना महामारी की वजह से सोने के भावों लगातार बदलाव हो रहा था। जबकि इस अवधि में सोने की कोई मांग नहीं थी, अमेरिका और बाकी अंतरराष्ट्रीय सटोरियों द्वारा सोने की खरीद और बिक्री से कीमतें तय होती है जिसका भारत से कोई लेना-देना नहीं होता है।।