गुजरात में भूपेन्द्र पटेल आज शपथ लेंगे।

भाजपा के पहली बार के विधायक भूपेंद्र पटेल गुजरात के नये मुख्यमंत्री होंगे। पटेल (59) को रविवार को यहां सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुन लिया गया। (रिपोर्ट- डा० शक्ति कुमार पाण्डेय, राज्य संवाददाता)
 
गुजरात में भूपेन्द्र पटेल आज शपथ लेंगे।

गुजरात में भूपेन्द्र पटेल आज शपथ लेंगे।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली, 13 सितम्बर।

शपथ समारोह में शामिल होंगे गृह मंत्री अमित शाह और अन्य विशिष्ट अतिथि।

भाजपा के पहली बार के विधायक भूपेंद्र पटेल गुजरात के नये मुख्यमंत्री होंगे। पटेल (59) को रविवार को यहां सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुन लिया गया। सोमवार दोपहर 2:20 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी।

शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले विजय रूपाणी ने आज विधायक दल की बैठक में पटेल को नेता चुनने के लिए प्रस्ताव रखा। शपथ समारोह में गृह मंत्री अमित शाह भी होंगे शामिल।

गुजरात के नवनियुक्त मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल कल सोमवार को राज्य के 17वें मुख्यमंत्री के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। खबरों के मुताबिक गृह मंत्री अमित शाह भी शपथ समारोह में शामिल होंगे।

आज रविवार शाम उन्होंने राजभवन जाकर राज्यपाल आचार्य देवव्रत के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया। इस मौके पर केंद्रीय निरीक्षक नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद जोशी (दोनो केंद्रीय मंत्री) तथा पार्टी के केंद्रीय महामंत्री तरुण चुघ, प्रदेश प्रमुख सीआर पाटिल और प्रदेश प्रभारी भूपेन्द्र यादव, पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और कई पूर्व मंत्री मौजूद थे, लेकिन पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल की अनुपस्थिति से उनकी नाराजगी की अटकलें भी तेज हो गई हैं।

सत्तारूढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल ने बताया कि पटेल कल अकेले ही शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में दोपहर 2 बजकर 20 मिनट पर आयोजित होगा। पार्टी संगठन के साथ चर्चा के बाद उसके अगले एक-दो दिन में मंत्रियों के नामों की घोषणा होगी।

उन्होंने कहा कि अभी उपमुख्यमंत्री पद के लिए कोई चर्चा नहीं हुई है। इससे पहले पटेल ने मुख्यमंत्री पद का दायित्व देने और उन पर विश्वास जताने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने पाटिल, पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी तथा आनंदीबेन पटेल के प्रति भी आभार जताया।

पटेल ने कहा कि उन पर जताए गए विश्वास को बनाए रखते हुए वह विकास के बाकी काम आगे बढ़ाएंगे। और इस के लिए संगठन को साथ लेकर चलेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने के बारे में पहले से कुछ अंदेशा था, पटेल ने कहा कि पहले से बताना भाजपा की पद्धति नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा केवल चुनावलक्षी काम करने वाली पार्टी नहीं है बल्कि इसके कार्यकर्ता हमेशा जनता के बीच रह कर काम करते रहे हैं और रहेंगे।

ज्ञातव्य है कि गुजरात में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के अचानक इस्तीफा देने के एक दिन बाद आज जबरदस्त राजनीतिक गहमागहमी और अटकलबाजियों के बीच भूपेन्द्र रजनीकांत पटेल को उनका उत्तराधिकारी चुन लिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के करीबी 59 वर्षीय पटेल वर्ष 2017 के पिछले चुनाव में ही पहली बार विधायक चुने गए थे।

वह पटेल के विधानसभा क्षेत्र अहमदाबाद के घाटलोडिया से एक लाख से अधिक वोटों से जीते थे। घाटलोडिया पटेल के स्वजातीय पाटीदार समुदाय की बहुलता वाला विधानसभा क्षेत्र है। वह मूल रूप से अहमदाबाद के ही रहने वाले है। उनके नाम की घोषणा से एक बार फिर भाजपा का सबको चौकाने वाला निर्णय सामने आया है। हालांकि पूर्व की अटकलों के अनुरूप पटेल पाटीदार समुदाय से ही आते हैं पर उनके नाम की दूर-दूर तक कोई चर्चा नहीं थी।

सत्तारूढ़ भाजपा के यहां के निकट कोबा स्थित प्रदेश मुख्यालय कमलम में हुई पार्टी विधायक दल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री और भाजपा के तीन केंद्रीय निरीक्षकों में से एक नरेंद्र तोमर ने पटेल के भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रूपाणी ने भूपेन्द्र पटेल के रूप में एकमात्र नाम का प्रस्ताव किया जिसका अनुमोदन पूर्व उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल समेत अन्य विधायकों ने किया।

पेशे से बिल्डर रहे पटेल उस सरदारधाम ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं जिसके भवन का उद्घाटन अहमदाबाद में ऑनलाइन कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। उसी कार्यक्रम के बाद रूपाणी ने अचानक इस्तीफा दे दिया था। अहमदाबाद अर्बन डिवेलप्मेंट अथॉरिटी के प्रमुख रहे पटेल कार्यकाल के हिसाब से गुजरात के 22 वें तथा चेहरे के लिहाज से 17 वें मुख्यमंत्री होंगे।

भाजपा विधायक दल की बैठक से पहले इसके पार्टी के कोर ग्रूप की बैठक हुई। केंद्रीय निरीक्षकों ने कोर ग्रूप के साथ चर्चा भी की। बैठक में तीन केंद्रीय निरीक्षक नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद जोशी (दोनों केंद्रीय मंत्री) तथा पार्टी के केंद्रीय महामंत्री तरुण चुघ, प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिल और प्रदेश प्रभारी भूपेन्द्र यादव भी उपस्थित थे।

पटेल इससे पहले राज्य सरकार में मंत्री भी नहीं रहे, जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 साल पहले गुजरात का मुख्यमंत्री बनने से पहले कभी मंत्री नहीं रहे थे। मोदी को सात अक्टूबर, 2001 मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गयी थी और वह राजकोट विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल कर 24 फरवरी, 2002 को विधायक चुने गये थे। भाजपा के सूत्रों ने बताया कि 182 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 112 विधायकों में से अधिकतर बैठक में उपस्थित थे।

ज्ञातव्य है कि रूपाणी के इस्तीफे के बाद से अधिकतर राजनीतिक प्रेक्षकों का यह मानना था कि अगला मुख्यमंत्री राज्य में दबंग माने जाने वाले पाटीदार समुदाय का होगा। और ऐसा हुआ भी। पर जो नाम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में आगे माने जा रहे थे उनमें पाटीदार जाति के दो केंद्रीय मंत्री सर्व मनसुख मांडविया, परशोत्तम रूपाला, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, राज्य भाजपा उपाध्यक्ष गोवर्धन झड़फिया, पूर्व मंत्री प्रफुल्ल पटेल, निवर्तमान कृषि मंत्री आरसी फलदु प्रमुख थे।

इनके अलावा राज्य के कानून मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा, भाजपा प्रमुख सी आर पाटिल, वन मंत्री गणपत वसावा जैसे ग़ैर पाटीदार नेताओं के नाम भी इस रेस में शामिल बताए जा रहे थे। वैसे भाजपा आलाकमान को ऐसे मामलों में ‘आश्चर्य’ में डालने वाले फैसले लेने के लिए पहले से जाना जाता रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में अगले साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं।