घरों में बिना दरवाजों वाला ये है भारत का इकलौता गांव। दरवाज़ा न लगाने के पीछे की क्या है मान्यता?

 

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क
रिपोर्ट: विकास पाण्डेय संवाददाता

घरों में बिना दरवाजों वाला ये है भारत का इकलौता गांव। दरवाज़ा न लगाने के पीछे की क्या है मान्यता?
अहमदनगर।
आज की आधुनिक दुनिया में लोग सुरक्षा को सबसे ज्यादा महत्त्व देते हैं। यहां तक मोबाइल फोन के फिंगर सेंसर के तर्ज पर घरों के दरवाज़े पर लॉक लगवाते हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे देश मे ही एक ऐसा गांव है जहां लोग अपने घरों में दरवाजे पर लॉक लगाने की बात तो दूर लोग दरवाजे ही नही लगाते। दरवाजे ही नही यहां खिड़कियों तक पे दरवाज़े नही है। जी हां सुनकर थोड़ा अजीब जरूर लग रहा होगा लेकिन यही सच है।

घरों में बिना दरवाजों वाला ये है भारत का इकलौता गांव। दरवाज़ा न लगाने के पीछे की क्या है मान्यता?

महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर जिले में स्थिल लगभग 3 हजार की जनसंख्या वाले इस गांव का नाम शनि शिंगणापुर है। गांव में ही शनिदेव का अतिप्राचीन मन्दिर है जो कि शनि शिंगणापुर के नाम से विख्यात है। इस गांव के किसी भी घर में दरवाजा नहीं है और ना ही कहीं कड़ी-कुंडी या ताला लगाया जाता है लोग अपने घरों में आलमारी, सूटकेस आदि भी नहीं रखते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है की वे ऐसा शनिदेव भगवान की आज्ञा से ऐसा करते हैं। इस गांव के लोग मूल्यवान वस्तुओं आभूषण, रुपये-पैसे आदि को रखने के लिए थैली, डिब्बे या स्थानीय भाषा मे बोले जाने वाले ताक का प्रयोग करते हैं। गांव छोटा है पर लोग समृद्ध हैं। लोगों के घर आधुनिक तकनीक से बने होने के बाद भी दरवाज़ों पर किवाड़ नही हैं। इस गांव में आज तक कभी चोरी नही हुई है। शनि शिंगणापुर आने वाले भक्त अपने वाहनों में भी ताला नही लगाते हैं। कितना भी बड़ा मेला क्यों न हो पर यहां कभी किसी वाहन की चोरी नही हुई है। इस गांव के लोगों के घरों में दरवाजा न होने के पीछे की मान्यता है कि यहां विराजमान शनिदेव महाराज उनके घरों की सुरक्षा करते हैं

घरों में बिना दरवाजों वाला ये है भारत का इकलौता गांव। दरवाज़ा न लगाने के पीछे की क्या है मान्यता?

दरवाज़ा न लगाने के पीछे की क्या है मान्यता?

स्थानीय निवासियों के मुताबिक आज से लगभग 350 साल पहले इस गांव में जबरदस्त बरसात हुई थी। जिसमें सभी घरों के दरवाजे बह गए थे। उसी बारिश के दौरान एक 5 फिट से बड़ी और 1 फिट चौड़ी काले पत्थर की शिला बहकर आई। यह शिला गांव के किनारे स्थित एक पेड़ के सहारे खड़ी हो गई। इसे गांव के चरवाहों ने देखा और वहां से हटाना चाहा तो इसमें से खून बहने लगा तो वैसे ही छोड़ दिया गया। इसके बाद शनि महाराज किसी के सपने में आए और कहा कि किसी भी घर में दरवाजा लगाने की जरूरत नहीं है यहां कोई डर नहीं। इसके बाद लोगों ने इसे भगवान शनि की प्रतिमा मानकर पूजना शुरू कर दिया और मंदिर बना दिया। माना जाता है कि यहां शनि महाराज अब तक कई चमत्कार भी दिखा चुके हैं। शनि महाराज का पूरे गांव में पहरा रहता है तथा वो ही इनके घरों की रक्षा करते हैं। इसलिए पिछले 350 वर्षों से लोग इसका पालन करते आ रहे हैं और अपने घरों पर दरवाज़ा नही लगाते।

घरों में बिना दरवाजों वाला ये है भारत का इकलौता गांव। दरवाज़ा न लगाने के पीछे की क्या है मान्यता?

शनि शिंगणापुर में स्थित न्याय के देवता शनिदेव की प्रतिमा