दरिंदे के सीने में भी धड़कता है दिल, प्रेमिका के साथ किया आत्मसमर्पण।।

 
दरिंदे के सीने में भी धड़कता है दिल, प्रेमिका के साथ किया आत्मसमर्पण।।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

झारखंड, 08 सितंबर:- प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के टॉप कमांडर विमल उर्फ राधे श्याम यादव ने आत्मसमर्पण कर दिया है, सुरक्षा एजेंसियों के सामने विमल ने अपना हथियार डाला है। पुलिस अधिकारी सूत्रों ने बताया कि आत्मसमर्पण के बाद विमल को रांची में गुप्त ठिकाने पर रखकर पूछताछ की जा रही है, पुलिस और खुफिया एजेंसियां भाकपा माओवादी संगठन के गतिविधियों से संबंधित जानकारी लेकर आगे की कार्रवाई करेंगे। बताया जा रहा है कि विमल यादव माओवादी के स्पेशल एरिया कमेटी का सदस्य था, झारखंड सरकार ने विमल पर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था।

विमल यादव मुख्य रूप से बिहार के जहानाबाद के रहने वाला है:- माओवादी के टॉप कमांडर देव कुमार सिंह उर्फ अरविंद की मौत के बाद बूढ़ा पहाड़ के इलाके में विमल यादव माओवादियों का सबसे मजबूत कमांडर था, अरविंद की मौत के बाद सुधाकरण को बूढ़ा पहाड़ का कमांडर बनाया गया था। सुधाकरण के आत्मसमर्पण के बाद विमल ने बूढ़ा पहाड़ की कमान संभाली थी, हाल के दिनों में माओवादियों ने बूढ़ा पहाड़ की कमान मिथिलेश मेहता को दी है। इससे विमल यादव का कद बूढ़ा पहाड़ के इलाके में कम हो गया था

प्रेमिका के साथ किया आत्मसमर्पण:- विमल यादव कुछ दिनों पहले बूढ़ा पहाड़ के इलाके से हथियार के साथ भाग गया था। इसके बाद से आत्मसमर्पण की फिराक में था, पुलिस अधिकारी सूत्रों ने बताया कि विमल का बूढ़ा पहाड़ के इलाके की एक लड़की से प्रेम संबंध था। प्रेमिका के कारण ही संगठन में कद कम कर दिया गया, पुलिस सूत्रों ने बताया कि विमल ने अपनी प्रेमिका के साथ सुरक्षा एजेंसियों के सामने आत्मसमर्पण किया है। प्रेमिका छत्तीसगढ़ के पिपरढाब इलाके की रहने वाली है।

तीन दर्जन से अधिक हमले के था आरोपी:- 2013-14 में माओवादियों ने बूढ़ा पहाड़ के इलाके को अपना यूनिफाइड कमांड बनाया था। इसके बाद से विमल यादव बूढ़ा पहाड़ इलाके में सक्रिय हो गया, पलामू, गढ़वा और लातेहार जिले में विमल के ऊपर तीन दर्जन से अधिक नक्सल हमला करने का आरोप है। 2011 में चतरा सांसद के काफिले पर हुए हमले में 11 जवान शहीद हुए थे। 2012-13 में कटिया में हुए हमले में 17 जवान शहीद हुए थे, 2013-14 में गढ़वा के भंडरिया थाना प्रभारी पर हमला हुआ था। इस हमले में थाना प्रभारी सहित 12 जवान शहीद हुए थे। 2018-19 में बूढ़ा पहाड़ के इलाके में हमला हुआ था, जिसमें 6 जवान शहीद हुए थे। यही एक प्रेम कहानी नही है इसके पहले भी कई नक्सलियों ने प्रेम में किया है आत्मसमर्पण।

बंदूक के बीच पनपा प्रेम:- लक्ष्मण अटामी अपनी प्रेम कहानी और आत्मसमर्पण की बात को कुछ यूं बताते हैं, ”मैं आत्मसमर्पण के बाद दंतेवाड़ा में आराम से रह रहा था। लेकिन मुझे हमेशा अपनी प्रेमिका जयो की चिंता सताती रहती थी, जो अब भी माओवादी संगठन से जुड़ी हुई थी। नारायणपुर के कोकेर गांव की रहने वाली जयमती उर्फ़ जयो साल 2013 से प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी से जुड़ी हुई थी, बाद में जयो को इलाके में चेतना नाट्य मंडली का अध्यक्ष बना दिया गया था।

संगठन में रहते हुए ही लक्ष्मण अटामी और जयो के बीच प्रेम संबंध बना:- अटामी का कहना था कि सुख की ज़िंदगी जीने के लिए उन्होंने माओवादी संगठन छोड़कर 19 जून 2019 को आत्मसमर्पण कर दिया था। इसी दौरान उन्होंने जयो से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन इसमें सफलता नहीं मिल पाई। इसी दौरान एक घटना ने लक्ष्मण को हिला कर रख दिया, लक्ष्मण अटामी के साथ आत्मसमर्पण करने वालों माओवादियों में ओड़िशा की एक प्लाटून का कमांडर सुरेश उर्फ़ वासुदेव भी शामिल था। बीजापुर ज़िले के दोरागुड़ा गांव के रहने वाले आठ लाख के इनामी सुरेश ने संगठन में रहते हुए रजनी नामक माओवादी से प्रेम और फिर विवाह किया था। लेकिन संगठन में अलग-अलग ज़िम्मेदारी होने के कारण दोनों एक-दूसरे से दूर हो गए। बाद में जून में सुरेश ने आत्मसमर्पण कर दिया और इस बीच रजनी पुलिस मुठभेड़ में मारी गई, इस ख़बर के बाद लक्ष्मण अटामी को भी जयो की चिंता सताने लगी थी।।