नकल का हाईटेक जुगाड़ चप्पल में चिप और ब्लूटूथ, गिरोह का पर्दाफाश।।

 
नकल का हाईटेक जुगाड़ चप्पल में चिप और ब्लूटूथ, गिरोह का पर्दाफाश।।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

हटके, 03 सितंबर:- नए ज़माने के नकल करनेवाले कई धूर्त कई तरह के तरीके अपनाते हैं। किसी का होमवर्क नकल करना या परीक्षा के दौरान चुपके से परचे में से नकल करना, ये सारे तरीके तो आज की आधुनिक तकनीकों और तरकीबों के आगे बिलकुल फीके पड़ जाते हैं। आधुनिक तकनीक में बहुत सारे हाईटेक उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी मदद से परीक्षा में आए सवालों के जवाब दूसरे व्यक्‍ति से लिए जा सकते हैं। कैलकुलेटर में ऐसे प्रोग्राम बनाए गए हैं, जिसमें अतिरिक्‍त जानकारी मिलती है। कपड़ों में बिलकुल छोटे कैमरे छिपे होते हैं जिससे दूसरी जगह मौजूद मददगार तक परीक्षा में आए सवाल पहुँचाए जाते हैं। कुछ आधुनिक कैलकुलेटर ऐसे हैं जो इंफ्रारेड रेडिएशन के ज़रिए क्लास में बैठे दूसरे विद्यार्थी तक संदेश पहुँचाते हैं, यहाँ तक कि ऐसी इंटरनेट साइट्‌स भी हैं, जिनमें किसी भी विषय पर पूरा-का-पूरा जवाबों का परचा पाया जा सकता है!

इस खतरनाक चलन को रोकने की लगातार प्रयास जारी है:- नकल करने के इस खतरनाक चलन को रोकने और उस पर काबू पाने के लिए शिक्षक और राज्य सरकार काफी कोशिश कर रहे हैं, मगर यह इतना आसान नहीं है। क्योंकि नकल करने के मतलब के बारे में सभी विद्यार्थियों या शिक्षकों की राय अलग-अलग है। मसलन, जब किसी प्रोजेक्ट पर विद्यार्थियों का समूह काम करता है तो इसमें मिलकर ईमानदारी से किए काम और साँठ-गाँठ से बेईमानी के काम के बीच की रेखा, साफ-साफ नज़र नहीं आती। ऐसे भी कुछ विद्यार्थी होते हैं जो समूह का फायदा उठाते हुए सारा काम दूसरों पर छोड़ देते हैं। कुछ विद्यार्थी तो बेहद आलसी होते हैं। वे कुछ भी नहीं करते! फिर भी उन्हें उनके बराबर अंक मिलते हैं जिन्होंने असल में सारी मेहनत की थी।

दाल के दाने के साइज का डिवाइस से होती है नकल:- एग्जाम में नकल करने के लिए एक खास डिवाइस आता है जिसे माइक्रो एअर कहते हैं। इस डिवाइस का साइज दाल के दाने से के बराबर होता है। इस डिवाइस को कान में फंसाया जाता है। छोटा होने के चलते ये कान के परदे तक चला जाता है। इसे कोई देख नहीं सकता। इस डिवाइस पर कोई भी आवाज के जरिए सवालों के जवाब पहुंचा सकता है, जिसे सुनकर पेपर सॉल्व हो जाता है। इसे किसी मैग्नेटिक डिवाइस की मदद से बाहर निकाला जाता है।

राजस्थान के रीट एग्जाम में ब्लूएट्रुथ चप्पलों से नकल:- इस बार का मामला बेहद ही अनोखा था जोकि राजस्थान की शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET) से जुड़ा है। बीते रविवार 26 सितंबर को ये एग्जाम हुआ, इसमें पेपर लीक के अलावा नकल करने का नायाब तरीका भी सामने आया। ब्लूटूथ डिवाइस लगी स्पेशल चप्पल से नकल कराने की तैयारी थी, इसके अलावा पेपर लीक कराने में पुलिसवालों की मिलीभगत भी सामने आई है। पुलिस ने एग्जाम में धांधली के सिलसिले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें एग्जाम देने वाले तीन उम्मीदवार भी शामिल हैं।

ब्लूटूथ चप्पल से नकल का इंतजाम:- राजस्थान में सरकारी टीचर बनने का सबसे बड़ा एग्जाम है REET, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड इसका आयोजन कराता है। इसके लिए राज्य के सभी 33 जिलों में कुल 3,993 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, परीक्षा दो पालियों में हुई। इसके लिए 16.51 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन दिया। एग्जाम के लिए सख्त व्यवस्था की गई, कई सेंटरों पर तो चंद मिनट की देरी से पहुंचे स्टूडेंट्स को एंट्री तक नहीं दी गई। कहीं पर फुल स्लीव कुर्ता पहनकर पहुंची छात्रा की ड्रेस ही कैंची से काट दी गई।

एग्जाम में हाइटेक तरीके से नकल की कोशिश:- इस एग्जाम में हाइटेक तरीके से नकल की कोशिश हुई, किशनगढ़ के एक सेंटर से एक अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया गया। उसने एक खास चप्पल पहन रखी थी, असल में वो चप्पल नहीं, ब्लूटूथ डिवाइस था। उससे मिली जानकारी के आधार पर जांच की गई तो बाकी लोगों के बारे में पता चला। अजमेर एसपी जगदीश चंद्र शर्मा ने बताया कि किशनगढ़ के अलावा बीकानेर से तीन और अभ्यर्थियों को अरेस्ट किया गया। इनके अलावा नकल कराने के आरोप में 2 लोगों की गिरफ्तारी हुई, बीकानेर की पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा ने बताया कि ब्लूटूथ डिवाइस को चप्पल में छिपा दिया गया था। ऐसी चप्पल की जानकारी मिलने के बाद एग्जाम सेंटर से 200 मीटर दूर जूते चप्पल उतरवा कर एग्जाम दिलवाया गया।

नकल के लिए 25 ब्लूटूथ चप्पलें बेची गईं:- राजस्थान सरकार ने नकल रोकने के लिए REET के दौरान इंटरनेट ही बंद कर दिया था। एग्जामिनेशन सेंटर पर भी फोन और दूसरे डिवाइस ले जाने पर रोक थी, ऐसे में नकलचियों ने नायाब तरीका निकाला। शातिर बदमाशों ने पूरा मोबाइल फोन ही चप्पल में फिट कर दिया, इस नकल वाली चप्पल की कीमत 6 लाख रुपए थी, पहले चप्पल बनाई गईं और फिर उसके बाद इसके ग्राहक खोजे गए। अखबार के मुताबिक, इस तरह के कुल 25 मोबाइल वाली चप्पलें बेची गईं। इसके लिए नकल गैंग ने बाजार से ऐसी चप्पल खरीदीं, जिन्हें बीच में से काटकर आसानी से वापस जोड़ा जा सके। स्पंज वाली इन चप्पलों को काटकर उसका सोल (तला) अलग किया गया, तले में चाकू से कटिंग की गई। मोबाइल की बैटरी, मदर बोर्ड और अन्य मशीनरी के साथ सिम के लिए जगह बनाई गई। मोबाइल की सारी मशीनरी अलग अलग करके उसमें फिट कर दी गई, इसके बाद चप्पल के ऊपरी हिस्से को वापस जोड़ दिया गया। चप्पल की चारों तरफ इस तरह सफाई की गई कि किसी को शक न हो।

हाईटेक थी चप्पल:- चप्पल में जो मोबाइल ब्लूटूथ फिट था, वह परीक्षा देने वाले के कान में लगे इयरफोन से जुड़ा होता था। इस पर कॉल रिसीव करने के लिए सेंसर भी मौजूद था, इसी के जरिए अभ्यर्थी नकल कराने वाली गैंग से कनेक्ट होते थे। फिर सामने से सभी सवालों के जवाब एक-एक कर बताए जाते।

एग्जाम से डेढ़ घंटे पहले पर्चा लीक:- ब्लूटूथ चप्पल से नकल की कोशिश के अलावा गंगापुर सिटी में एग्जाम शुरू होने से करीब डेढ़ घंटा पहले पर्चा ही लीक करा दिया गया। रीट लेवल-2 का एग्जाम सुबह 10 बजे से था, लेकिन 8:32 बजे ही इसका पेपर एक कांस्टेबल के मोबाइल पर आ गया। गौर करने वाली बात ये कि इस कांस्टेबल की पत्नी भी रीट के एग्जाम में बैठी थी। सूत्रों के अनुसार, पुलिस के हत्थे ऐसी चार महिलाएं चढ़ीं, जिनके पास एग्जाम से पहले ही पेपर आ गया था। इनमें एक कांस्टेबल की पत्नी है और एक हेड कांस्टेबल की पत्नी है, दोनों पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसका खुलासा पिछले दिनों गंगापुर सिटी में पेपर लीक करवाने के प्रयास में 15 लाख का सौदा करते हुए पकड़े गए देशराज के मोबाइल से मिले नंबरों के आधार पर हुआ। पुलिस को हेड कांस्टेबल देवेंद्र सिंह और कांस्टेबल यदुवीर सिंह का नंबर देशराज के मोबाइल चैट में लगातार मिला था। देवेंद्र की पत्नी लक्ष्मी गुर्जर और यदुवीर सिंह की पत्नी सीमा गुर्जर का परीक्षा केंद्र गंगापुर में था, पुलिस ने इन दोनों के अलावा एक युवक आशीष मीणा के मोबाइल को सर्विलांस पर ले रखा था। एग्जाम शुरू होने से करीब 2 घंटे पहले देवेंद्र और यदुवीर को पेपर मिल गया, पुलिस और एसओजी को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, गंगापुर पहुंचकर परीक्षा केंद्रों से चारों महिलाओं को हिरासत में ले लिया गया। आशीष मीणा और एक युवक दिलखुश मीणा को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है।।