बसपा फिर से ब्राह्मणों की शरण में।

बसपा के वरिष्ठ नेता सतीश मिश्र ने मीडिया से कहा कि हमारा फार्मूला पूरी तरह से 2007 की तरह सर्वसमाज को जोड़कर ही सत्ता के शिखर तक पहुंचने का है। इसी कड़ी में हमने पूरे प्रदेश में प्रबुद्घ वर्ग की गोष्ठियां की, जिसमें मुख्यत: ब्राह्मणों की उपस्थिति रही। यही हमारी जीत का आधार है। (रिपोर्ट- डा० शक्ति कुमार पाण्डेय, राज्य संवाददाता)
 
बसपा फिर से ब्राह्मणों की शरण में।

उत्तरप्रदेश में चार बार सत्तारूढ़ रही बहुजन समाज पार्टी ने इस बार फिर पूरे दमखम से तैयारी शुरू की।

बसपा के वरिष्ठ नेता सतीश मिश्र ने मीडिया से कहा कि हमारा फार्मूला पूरी तरह से 2007 की तरह ही है, जिसमें सर्वसमाज को जोड़कर ही हम सत्ता के शिखर तक पहुंचेंगे। इसी कड़ी में हमने पूरे प्रदेश में प्रबुद्घ वर्ग गोष्ठियां की, जिसमें मुख्यत: ब्राह्मणों की उपस्थिति रही। यही हमारी जीत का आधार है।

सतीश मिश्र को लग रहा है कि ब्राह्मण उसकी तरफ आकर्षित हो जाएंगे क्योंकि वे कहते हैं कि यूपी में ब्राह्मणों का उत्पीड़न हुआ है। एक व्यक्ति के नाम पर कई ब्राह्मणों को एनकाउंटर में मारा गया। दर्जनों को प्रताड़ित किया। नव विवाहिता खुशी दुबे के शोषण को कोई भूल नहीं सकता है। यही हाल सपा में था। दूसरा, 2007 की बसपा सरकार में 15-15 ब्राह्मणों को कैबिनेट में शामिल किया गया था। 

उन्होंने कहा कि बसपा का काडर वोटर इस सम्भावना से खुश है क्योंकि उसे पता है कि यह समीकरण तगड़ा है। बसपा का काडर वोट सबसे ज्यादा प्रबुद्घ वर्ग सम्मेलन में ब्राह्मणों को लेकर आया।

मुस्लिम वोटर्स के भी जुड़ने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुस्लिम यह जानते हैं कि उनकी जानमाल की सबसे मजबूत हिफाजत बसपा करती है। बसपा शासन काल में एक भी दंगा नहीं हुआ था। कहा कि ब्राह्मणों और मुस्लिम दोनों को ही खूब टिकट दिए जाएंगे। अब जल्द ही उन्हें फाइनल कर दिया जाएगा।

पार्टी विरोधी गतिविधियों मे लिप्त रहे लोगों के बारे में कहा कि उन्हें तो निकालना ही था। यह बात बसपा सुप्रीमो मायावती कभी बर्दाश्त नहीं करती हैं कि जिन लोगाें ने खरीद फरोख्त में सपा की मदद की, उन्हें पार्टी में रखें। कहा कि हमारे पास चेहरों की कमी नहीं है। कई बड़े चेहरे आपको बसपा में जल्द ही नजर आएंगे।

सतीश मिश्र ने स्पष्ट किया कि यूपी चुनाव में किसी से गठबंधन नहीं होगा। कहा यह जा रहा है कि बसपा जितना मजबूत हो रही है उतना ही भाजपा को लाभ पहुंचा रही है। यदि कोई यह कह रहा है तो वह भ्रम में है। भाजपा केवल धर्म के नाम पर वोट मांगती रही है। अयोध्या में चंदा तक कहां गया सबको पता चल गया। सबसे ज्यादा नुकसान ही भाजपा का हो रहा है और उसी को हटाकर बसपा सरकार बनाने जा रही है।

किसानों के मुद्दों पर कहा कि हमने हर स्तर पर किसानों की आवाज में आवाज मिलाई है। कृषि कानूनों का भी हर मंच पर विरोध किया। किसान यह भी जानते हैं कि बसपा की सरकार में उनके गन्ने का दाम दोगुना किया गया था। किसी ने इतना दाम बढ़ाया हो तो बताएं। किसान इस चुनाव में बसपा के साथ रहेंगे।

पश्चिमी यूपी में आजाद समाज पार्टी संस्थापक चंद्रशेखर आजाद के बारे में कहा कि जो व्यक्ति खुद ही कह रहा हो कि हम तो हराने के लिए आए हैं। ऐसे में बसपा का वोटर तो उनके झांसे में आने से रहा।

अपना चुनावी एजेंडा स्पष्ट किया और कहा कि
हमारा विकास का एजेंडा बसपा सुप्रीमो मायावती के दिमाग में है। चाहे लखनऊ में मेट्रो की डीपीआर हो, गंगा एक्सप्रेस की शुरुआत हो, नए बिजलीघर होें, जेवर एयरपोर्ट हो सभी काम बसपा सरकार में ही शुरू हुए थे। श्रेय अब चाहे कोई भी ले।