यूपी में भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई

नोएडा में तैनात तीन एक्सईएन, आठ एई व 12 जेई को हटाया, बर्खास्तगी भी संभव। प्राप्त सूचना के अनुसार, नोएडा व ग्रेटर नोएडा में निर्माण कार्यों के लिए जारी अस्थायी बिजली कनेक्शन में बड़े पैमाने पर धांधली का खुलासा हुआ है। (रिपोर्ट- डा० शक्ति कुमार पाण्डेय, राज्य संवाददाता, ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क)
 
यूपी में भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई

यूपी में भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई

नोएडा में तैनात तीन एक्सईएन, आठ एई व 12 जेई को हटाया, बर्खास्तगी भी संभव।

नोएडा व ग्रेटर नोएडा में अलग-अलग विद्युत वितरण खंडों में निर्माण कार्यों के लिए जारी अस्थायी बिजली कनेक्शन में बड़े पैमाने पर धांधली का खुलासा हुआ है।

रिपोर्ट- डा० शक्ति कुमार पाण्डेय, राज्य संवाददाता, ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 14 सितम्बर।

पावर कॉर्पोरेशन मुख्यालय को भेजी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर 23 इंजीनियरों को मौजूदा तैनाती स्थल से स्थानांतरित कर चार्जशीट दी गई है, और विभागीय कार्यवाही भी शुरू करा दी गई है। इनमें तीन अधिशासी अभियंता, आठ सहायक अभियंता और 12 अवर अभियंता शामिल हैं। अंतिम जांच रिपोर्ट आने के बाद इनमें से कुछ की बर्खास्तगी भी हो सकती है।

अस्थायी कनेक्शन में गड़बड़ी की जांच के लिए पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज ने मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्य अभियंता अनिल कुमार तिवारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। इस समिति में कॉर्पोरेशन के अधीक्षण अभियंता (नियोजन) विक्रम सिंह व पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के लेखाधिकारी सौरभ कुमार भी शामिल थे। समिति को 1 जुलाई 2019 से 30 जून 2021 तक नोएडा व ग्रेटर नोएडा में निर्माण कार्यों के लिए जारी अस्थायी कनेक्शनों की जांच का जिम्मा सौंपा गया था।

समिति ने अस्थायी कनेक्शन जारी करने की तिथि, उसकी अवधि, स्वीकृत भार, स्वीकृत कनेक्शन के बाद मीटर लगाने की तिथि, कनेक्शन की अवधि में अगर मीटर बदला गया तो उसका विवरण, अस्थायी कनेक्शन काटने की तिथि, कनेक्शन के बिल जारी करने व  उनके भुगतान का विवरण, अस्थायी कनेक्शन कटने के बाद परिसर में स्थायी कनेक्शन की तिथि व भार समेत अन्य बिंदुओं पर गहन जांच की।

उसकी रिपोर्ट पर ही 23 अभियंताओं को पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम से हटाकर पूर्वांचल व अन्य विद्युत वितरण निगमों में भेजा गया।

पश्चिमांचल निगम के एमडी से संबद्ध प्रभात कुमार सिंह को दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम आगरा, विद्युत वितरण खंड प्रथम बुलंदशहर के शिव कुमार व विद्युत परीक्षण खंड शामली के संजय कुमार को पूर्वांचल विद्युत निगम वाराणसी भेजा गया है।

आठ सहायक अभियंता – पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में चंद्रवीर, प्रेम शंकर शर्मा, संजुल कुमार, पंकज कुमार राठौर, नरेंद्र कुमार, होपेंद्र कुमार, अभिनय श्रीवास्तव व राजेश कुमार को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम वाराणसी स्थानांतरित किया गया है।

एम. देवराज, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने सूचित किया है कि सभी इंजीनियरों को चार्जशीट दी गई है और विभागीय कार्यवाही शुरू करने के आदेश दिए गए हैं। अंतिम जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई पर निर्णय किया जाएगा।

दरअसल, पावर कारपोरेशन प्रबंधन को लगातार शिकायतें मिल रहीं थीं कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अस्थायी बिजली कनेक्शन के मामलों में तमाम तरह की अनियमितताएं बरती जा रही हैं। कुछ अभियंताओं की मिलीभगत से बिना मीटर, खराब मीटर, उपभोग से कम स्वीकृत लोड और भुगतान न होने पर भी अस्थायी कनेक्शन बरकरार रखकर डिस्काम को करोड़ों रुपये का चूना लगाया जा रहा है। इतना ही नहीं अस्थायी कनेक्शन देने में उपभोक्ताओं का शोषण भी किया जा रहा है।

इस तरह की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज ने मध्यांचल डिस्काम के तत्कालीन मुख्य अभियंता (वर्तमान में लेसा के मुख्य अभियंता) अनिल कुमार तिवारी की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय समिति गठित की। समिति को पिछले दो वर्षों (वर्ष 2019 से) के दौरान निर्माण कार्यों के लिए ग्रेटर नोएडा और नोएडा के विद्युत वितरण खंड तीन व आठ में दिए गए अस्थायी कनेक्शन के सभी मामलों की आठ बिंदुओं पर विस्तृत जांच सौंपी गई।

कारपोरेशन के अध्यक्ष ने बताया कि समिति को जांच में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं मिलीं हैं। अनियमितताओं की गंभीरता को देखते हुए संबंधित क्षेत्र के तीन अधिशासी अभियंता, आठ सहायक अभियंता और 11 अवर अभियंताओं को पश्चिमांचल डिस्काम से हटाते हुए पूर्वांचल सहित दूसरे डिस्काम में स्थानांतरित किया गया है। सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू करने के निर्देश दे दिए गए हैं। देवराज ने बताया कि विभागीय जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने वाले इंजीनियरों के खिलाफ निलंबन और सेवा समाप्ति जैसी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।