लखीमपुर काण्ड : सारे गैर भाजपा सियासी दलों ने लखीमपुर को रुख किया : योगी भी गोरखपुर दौरा रद्द करके लखनऊ पहुंचे।

आठ लोगों की मौत के बाद सारे विपक्षी दलों ने लखीमपुर को रुख कर लिया है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी रविवार को गोरखपुर रात्रि प्रवास समेत सभी कार्यक्रम निरस्त करके लखनऊ लौट आए हैं।
लखीमपुर काण्ड : सारे गैर भाजपा सियासी दलों ने लखीमपुर को रुख किया : योगी भी गोरखपुर दौरा रद्द करके लखनऊ पहुंचे।

लखीमपुर काण्ड : सारे गैर भाजपा सियासी दलों ने लखीमपुर को रुख किया : योगी भी गोरखपुर दौरा रद्द करके लखनऊ पहुंचे।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 4 अक्टूबर।

आठ किसानों की मौत के बाद सारे विपक्षी दलों ने लखीमपुर को रुख कर लिया है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी रविवार को गोरखपुर रात्रि प्रवास समेत सभी कार्यक्रम निरस्त करके लखनऊ लौट आए हैं।

मुख्यमंत्री ने लखीमपुर खीरी की घटना पर दुख जताते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा है कि सरकार इस घटना की तह में जाएगी और इसमें शामिल तत्वों को बेनकाब करेगी। घटना में जो भी लिप्त होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने क्षेत्र के सभी लोगों से अपील की है कि वे अपने घरों पर ही रहें और किसी के बहकावे में न आएं। मौके पर शांति व्यवस्था कायम रखने में अपना योगदान दें। किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले मौके पर हो रही जांच और कार्यवाही का इंतजार करें।

सिद्धार्थनगर में परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार शाम चार बजे गोरखपुर पहुंचे। वहां सहजनवां क्षेत्र के खानिमपुर में पाइप्ड नैचुरल गैस के शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान लखीमपुर खीरी की घटना की जानकारी मिलने पर सीएम योगी अपना गोरखपुर प्रवास रद कर रात में लखनऊ लौट आए।

लखनऊ आने से पहले उन्होंने अपर मुख्य सचिव कृषि डा. देवेश चतुर्वेदी, अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार, आयुक्त लखनऊ तथा आईजी लखनऊ को मौके पर जाकर हालात को नियंत्रित करने का निर्देश दिया।

लखनऊ लौट कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की और हालात पर काबू पाने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए।

एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर चारों अधिकारी देर शाम लखीमपुर खीरी पहुंच कर हालात पर काबू पाने की कवायद में जुटने के साथ घटना के कारणों की गहराई से जांच कर रहे हैं।

लखीमपुर घटना के बाद वहां मचे बवाल पर काबू पाने के लिए केंद्रीय बल की पांच कंपनियां और पीएसी की तीन अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं।

उधर, सरकार की घेराबंदी करने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं ने लखीमपुर कूच का एलान कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि लखीमपुर खीरी में निघासन तहसील के तिकुनिया कस्बे में रविवार दोपहर उपद्रव हो गया जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में प्रदर्शनकारी चार किसान और भारतीय जनता पार्टी के चार समर्थक शामिल हैं।

इधर, लखीमपुर खीरी की घटना के बाद राजनीति गरमा गई है। सरकार की घेराबंदी करने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं ने लखीमपुर कूच का एलान कर दिया है और सरकार भी विपक्ष के मंसूबों को नाकाम करने में जुट गई है।

इस बीच यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने दावा किया है कि लखीमपुर खीरी जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को हरगांव में  गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हे पीड़ितों ने नहीं मिलने दिया गया गया है। किसान नेता राकेश टिकैत भी खीरी पहुंच गए हैं।

बताते चलें कि पुलिस की घेराबंदी को धता बताकर प्रियंका तो लखीमपुर के लिए रवाना हो गईं। दूसरी तरफ, सोमवार तड़के तीन बजे लखीमपुर जाने की तैयारी में जुटे बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को हाउस अरेस्ट कर लिया गया। किसान नेता राकेश टिकैत भी खीरी पहुंच गए हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, राष्ट्रीय लोक दल अध्यक्ष जयंत चौधरी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर भी सोमवार सुबह घटनास्थल पर पहुंचने की तैयारी कर चुके हैं।

घटना के विरोध में आम आदमी पार्टी सोमवार को सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन करेगी। लखीमपुर खीरी जा रहे चंद्रशेखर आजाद को पुलिस ने सीतापुर के खैराबाद टोल प्लाजा पर रोक लिए। उन्हें गिरफ्तार कर सीतापुर पुलिस लाइन में बैठा लिया गया।

सरकार जहां शांति बनाये रखने के लिए राजनीतिक दलों के नेताओं का जमावड़ा लखीमपुर में नहीं होने देना चाहती है, वहीं विपक्षी वहां जाने के लिए आमादा हैं।

प्रियंका वाड्रा को सोमवार सुबह लखनऊ आना था लेकिन लखीमपुर की घटना के बाद वह रविवार रात 9.15 बजे लखनऊ पहुंच गईं। अमौसी हवाई अड्डे से वह सीधे गोखले मार्ग स्थित कौल हाउस पहुंचीं जहां सलाहकारों से विचार विमर्श के बाद कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ रविवार देर रात ही लखीमपुर जाने के लिए निकलीं। जैसे ही प्रियंका की गाड़ी कौल हाउस से निकली तो पुलिस ने उसे रोक दिया। तमतमाई प्रियंका गाड़ी से उतरीं और पुलिस अधिकारियों से उनकी झड़प हुई। इसके बाद वह बारिश और बूंदाबांदी के बीच बालू अड्डे तक पैदल गईं। उनके पीछे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हुजूम था। बालू अड्डा चौराहे पर वह इनोवा में बैठकर लखीमपुर के लिए रवाना हो गईं। उनके वाहन के पीछे कांग्रेसी नेताओं की गाड़ियों का काफिला था।

प्रियंका वाड्रा ने कहा कि जो आज हुआ वह दिखता है की ये सरकार किसानों को कुचलने की राजनीति कर रही है। किसानों को खत्म करने की राजनीति कर रही है। यह देश किसानों का देश है, भाजपा की विचार धारा की जागीर नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से इस देश में किसानों को कुचला जा रहा है, उसके लिए शब्द ही नहीं है। कई महीने से किसान अपनी आवाज उठा रहा है कि उसके साथ गलत हो रहा है, लेकिन सरकार सुनने को राजी नहीं है।

बसपा अध्यक्ष मायावती ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को मौके पर जाने के लिए कहा। इसके बाद लखनऊ पुलिस ने सतीश मिश्र को उनके आवास पर ही नजरबंद कर दिया है।

सांसद सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि हमें लिखित आदेश उपलब्ध कराया गया है। हम लोग कानून को मानने वाले लोग हैं और हमारी पार्टी भी कानून में ही विश्वास रखती है। हम अपने लोगों से यह अपील कर रहे हैं और हमारे लोग पूरी शांति व्यवस्था बनाए रखेंगे और सोमवार को बैठक होगी जिसके बाद निर्णय लिया जाएगा कि हमें आगे क्या करना है।

इस घटना पर उन्होंने कहा कि हमारी पूरी पार्टी किसानों के साथ में है। मृतकों के प्रति हमारी विनम्र संवेदना है। हम घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं।

प्रियंका और राहुल के अलावा कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी सोमवार को लखीमपुर जाने के लिए लखनऊ पहुंच रहे हैं।

आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने घटना की सीबीआइ जांच कराने, दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने और मृत किसानों के आश्रितों को उचित मुआवजा दिलाने की मांग की है।

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर सोमवार सुबह लखीमपुर खीरी जाएंगे और पीड़ित किसान परिवारों से मिलेंगे।

घटना के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि लखीमपुर से सैकड़ों किसान कार्यक्रम कर वापस लौट रहे थे, तभी उन पर गाड़ी चढ़ाकर हमला किया गया, इसके बाद फायरिंग की गई। वह भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी के साथ लखीमपुर के लिए रवाना हो गए।

पीलीभीत में राकेश टिकैत को डीएम-एसपी ने लखीमपुर न जाने को लेकर रोक लिया, लेकिन टिकैत का लगभग 100 गाड़ियों का काफिला बैरियर तोड़कर खीरी की तरफ बढ़ गया। उन्होंने किसानों से कहा कि संयमित होकर विरोध-प्रदर्शन जारी रखें। सरकार किसानों को उकसाना चाहती है मगर, हमें उग्र नहीं होना है। टिकैत शाहजहांपुर के खुटार होते हुए लखीमपुर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।

बताते चलें कि लखीमपुर के तिकुनिया के बनवीरपुर गांव में तीन अक्टूबर को यहां के मूल निवासी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री व सांसद अजय कुमार मिश्रा टेनी के पिता स्व. अंबिका प्रसाद की स्मृति में बड़ा दंगल आयोजित होता है, जिसमें कई प्रदेशों के पहलवान अपने दांव-पेंच के जौहर दिखाते हैं।

इस बार बतौर मुख्य अतिथि सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य यहां आने वाले थे। सुबह से सारी तैयारियां मुकम्मल होने के बाद दंगल शुरू भी हो गया, लेकिन बीते 26 सितंबर को संपूर्णानगर में अजय मिश्रा द्वारा दिए गए बयान से अक्रोशित किसानों ने डिप्टी सीएम को काले झंडे दिखाने का मन बनाया, जिसके बाद बड़ा बवाल हुआ और दंगल कार्यक्रम भी पूर्ण नहीं हो सका।