आप के जिलाध्यक्ष दिनेश उपाध्याय के नेतृत्व में राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा गया।

ज्ञापन में कहा गया है कि कानपुर बिकरू कांड में चार महिलाओं - खुशी दुबे, क्षमा दुबे, शांति दुबे, और रेखा अग्निहोत्री, व उसके ढाई साल के मासूम बेटे को विधि विरुद्ध तरीके से 10 महीने से जेल में रखा गया है।
 
आप के जिलाध्यक्ष दिनेश उपाध्याय के नेतृत्व में राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा गया।

डाo शक्ति कुमार पाण्डेय
विशेष संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

प्रतापगढ़, 11 जून।

आम आदमी पार्टी की प्रदेश टीम के निर्देश पर प्रतापगढ़ आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष दिनेश उपाध्याय के नेतृत्व में राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी दलजीत सिंह को सौंपा गया।

ज्ञापन में कहा गया है कि कानपुर बिकरू कांड में खुशी दुबे, क्षमा दुबे, शांति दुबे, और रेखा अग्निहोत्री, व उसके ढाई साल के मासूम बेटे को विधि विरुद्ध तरीके से 10 महीने से जेल में रखा गया है।

उक्त कार्यक्रम में दिनेश उपाध्याय जी के साथ विद्या शंकर विश्वकर्मा जिला उपाध्यक्ष, देवीदीन गौतम जिला उपाध्यक्ष, शिवाकांत तिवारी जिला सोशल मीडिया अध्यक्ष, शेष नारायण दुबे जिला कार्यकारिणी आदि लोग उपस्थित रहे।

ज्ञापन के माध्यम से राज्यपाल के संज्ञान में लाया गया कि कानपुर के बिकरु कांड में कई महिलाओं को नियम क़ानून को ताक पर रखकर पिछले 10 महीनों से जेल में रखा गया है, जिसमें प्रमुख नाम- नाबालिग ख़ुशी दुबे पत्नी अमर दुबे, अमर दुबे की माँ क्षमा दुबे, विकास दुबे की नौकरानी रेखा अग्निहोत्री व हीरू दुबे की माँ शांति दुबे शामिल हैं।

बताया कि बिकरु काण्ड में अमर दुबे का एनकाउंटर हुआ था और तीन दिन पहले ख़ुशी दुबे से उसकी शादी हुई थी। पुलिस के रिकॉर्ड में ख़ुशी दुबे के विरुद्ध पहले से कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं था और ख़ुशी दुबे नाबालिग है। उसकी गिरफ़्तारी के बाद जब मीडिया में मामले ने तूल पकड़ा तो कानपुर के तत्कालीन एसएसपी दिनेश कुमार ने मीडिया में बयान दिया की ख़ुशी दुबे निर्दोष है और उसको रिहा कर दिया जाएगा। लेकिन पिछले 10 महीने से ख़ुशी दुबे जेल में है, और कई बार उसे अति गंभीर हालत में बाराबंकी व लखनऊ के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। उसको खून की उल्टियां हुईं।

इन घटनाओं से खुशी के परिवार के लोग डरे और सहमे हुए हैं और उन्हें अपनी बेटी के जीवन की चिंता है कि कहीं जेल में ही उसके साथ कोई अनहोनी न हो जाए और उसका जीवन न चला जाए। इस मामले में सबसे बड़ा सवाल है कि जब स्वयं तत्कालीन एसएसपी मान चुके हैं की खुशी दुबे निर्दोष है तो उसे किस आधार पर उसे जेल में रखकर जेल में 10 महीने से यातनाएं दी जा रही हैं।

इसी प्रकार पिछले 10 महीने से अमर दुबे की माँ क्षमा दुबे को भी जेल में रखा गया है, पुलिस प्रशासन और सरकार यह बताने में नाकाम है की अमर दुबे की माँ क्षमा दुबे क्यों जेल में बंद है, उनका बिकरू काण्ड से क्या लेना देना है?

रेखा अग्निहोत्री विकास दुबे के घर में काम करने वाली महिला है, जिसे उसके 2 बच्चों – 7 साल की बेटी व 2.5 साल के बेटे के साथ जेल में रखा गया है। रेखा अग्निहोत्री के विरुद्ध भी पुलिस कोई ठोस प्रमाण य साक्ष्य देने में नाकाम रही है। किसी के घर में काम करने वाली 2 बच्चों की माँ अपराधी कैसे हो सकती है ? इसका कोई जवाब न तो सरकार के पास है और न ही प्रशासन के पास।

हीरु दुबे की माँ शांति दुबे भी पिछले 10 महीनों से जेल में हैं। हीरु दुबे को बिकरू काण्ड में अभियुक्त बनाया गया है। हीरु दुबे की माँ को किस अपराध में, किस आधार पर जेल में रखा गया है, इस सम्बन्ध में पुलिस प्रशासन कोई ठोस प्रमाण नहीं दे पा रहा है l

ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि उपरोक्त मामलों से यह साफ़ तौर पर जाहिर हो रहा है की उत्तर प्रदेश में आदित्यनाथ जी की सरकार प्रतिशोध दुर्भावना और नफरत के आधार पर काम कर रही है, इसको लेकर लोगों के मन में भारी कष्ट और रोष है।

कहा गया कि महिलाओं के साथ ऐसा जुर्म, ऐसी यातना और ऐसी नफरतपूर्ण कार्यवाही ने सबको हिलाकर रख दिया है, इस घटना ने देश के संविधान और कानून की मर्यादा को भी तार तार किया है l

राज्यपाल से प्रार्थना की गई है की आप स्वयं एक महिला होने के नाते महिलाओं के दर्द को भली भाँति समझ सकती हैं, इसलिए इस प्रकरण में तत्काल हस्तक्षेप कर नियम कानून का पालन कराने व उपरोक्त महिलाओं को अतिशीघ्र रिहा करवाने की कृपा करें।