बाराबंकी में पैसे के लिए एक व्यक्ति ने अपनी बहू को गुजरात के एक युवक को 80 हजार रुपए में बेच दिया।

महिला के पति ने शिकायत की तो पुलिस ने गुजरात से विवाह करने आए युवक सहित आठ लोगों को गिरफ्तार कर मानव तस्करी का मुकदमा लिखा। फिलहाल बेचने वाला और मध्यस्थ फरार हैं।
 

डाo शक्ति कुमार पाण्डेय
विशेष संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 7 जून।

बाराबंकी में पैसे के लिए एक व्यक्ति ने अपनी बहू को गुजरात के एक युवक को 80 हजार रुपए में बेच दिया और बहू को धोखे में रखकर उसके साथ भेज भी दिया।

जानकारी पर पति ने शिकायत की तो महिला थाना पुलिस ने गुजरात से विवाह करने आए युवक सहित कुल आठ लोगों को गिरफ्तार कर मानव तस्करी का मुकदमा लिखा है।

रामनगर के मल्लापुर गांव में रहने वाले चंद्रराम वर्मा के पुत्र प्रिंस ने 2019 में असम की एक युवती से प्रेम विवाह कर लिया था। प्रिंस इस युवती से इंटरनेट मीडिया के जरिए संपर्क में आया था। प्रिंस पत्नी के साथ गाजियाबाद में रहता था और टैक्सी चलता था।

इसी गांव का रामू गौतम जो गुजरात अहमदाबाद में रहता था लॉकडाउन में वापस आया था और चंद्रराम को बताया कि अहमदाबाद के आदिनाथ नगर में रहने वाले साहिल पंचा की शादी नहीं हो रही है। उसे दुल्हन चाहिए, जिसके लिए वह रुपये देगा।

चन्द्र राम अपनी आसामी बहू से छुटकारा पाना चाहता था। इसी योजना के तहत चंद्रराम ने रामू के साथ मिलकर कार्यक्रम बनाया और प्रिंस को अपनी तबीयत खराब होने का हवाला देकर तीन जून को बहू को बुला लिया।

उधर, रामू गौतम ने अहमदाबाद से साहिल व उसके कुछ रिश्तेदारों को दुल्हन देने के लिए बुला लिया।

इसी बीच प्रिंस को अपने बहनाेई से इस साजिश की जानकारी मिली तो वह पांच जून को घर पहुंच गया, लेकिन वहां न उसकी पत्नी थी और न ही पिता।

तलाशने के दौरान जानकारी हुई कि अहमदाबाद से आए लोग उसकी पत्नी को ले जा रहे हैं। प्रिंस की सूचना पर सक्रिय हुई महिला थाना प्रभारी शकुंतला उपाध्याय ने पुलिस टीम के साथ रेलवे स्टेशन के बाहर से महिला को बरामद करके शादी करने आए युवक सहित आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

महिला को उसके ससुर ने यह कहकर आरोपितों के साथ भेजा था कि वह लोग उसे गाजियाबाद में पति प्रिंस के पास छोड़ देंगे। एएसपी ने बताया कि मामला मानव तस्करी का है इसमें फरार चंद्रराम व रामू गौतम की तलाश की जा रही है।

पकड़े गए आरोपितों में अहमदाबाद के उमेडा थाना के आदिनाथनगर का साहिल पंचा, पप्पू भाई शर्मा, अपूर्व पंचा, गीता बेन, नीता बेन, शिल्पा बेन, राकेश और अजय भाई शामिल हैं। न्यायालय में पेश किए गए आरोपितों को जेल भेज दिया गया है।

पता चला है कि चन्द्र राम पहले भी पूर्वांचल और बिहार से लाकर लड़कियों को बेचने का काम करता रहा है।

फिलहाल मानव तस्करी के मुकदमे का मुख्य अभियुक्त चन्द्र राम और ग्राहक लाने वाला रामू पुलिस पकड़ से दूर है।

पीड़ित पति की तहरीर पर पुलिस ने पकड़े गए आठ आरोपियों के साथ युवक के पिता चंद्र राम व रामू गौतम के खिलाफ मानव तस्करी का मामला दर्ज किया है।

प्रिंस ने बताया कि वह गाजियाबाद में टैक्सी चलाता है। वर्ष-2016 एक एप के माध्यम से असम की एक लड़की से बात हुई। वर्ष 2019 में उसने लखनऊ में मन्दिर में लड़की से शादी कर ली और उसे लेकर गाजियाबाद जाकर टैक्सी चलाकर परिवार पालने लगा।

युवक के अनुसार पिता ने बीमारी की बात कहते हुए बहू को भेजने की बात कही। जिस पर उसने पत्नी को दो जून की रात को भेजा जो तीन की सुबह पहुंच गई।

युवक ने बताया कि 3 की रात को उसने भी ट्रेन पकड़ ली और 4 की सुबह बाराबंकी पहुंच गया। घर पहुंचा तो पत्नी नहीं दिखी। पता चला कुछ बाहरी लोग अभी कुछ देर पहले निकले हैं।

युवक ने बताया कि पिता के चरित्र को वह जानता था इसलिए वह बस स्टैंड होता हुआ सीधा रेलवे स्टेशन पहुंचा तो देखा कि पत्नी कुछ लोगों के साथ खड़ी है। जिस पर उसने पुलिस की मदद ली।

रामनगर क्षेत्र के ही एक गांव का रामू गौतम अहमदाबाद गुजरात में काम करता था, उसने ही चंद्र राम वर्मा को बताया कि अहमदाबाद के साहिल पंचा की शादी के लिए लड़की खरीदना चाहता है। रुपए मिलने की बात सुनते ही चंद्र राम ने अपनी बहू को बेचने की योजना बना डाली।

यही नहीं उसने अपने बेटे को बीमारी की बात बता कर बहू को बुलाया और उधर गुजरात के लड़की खरीदने वालों को भी बुलाया। चंद्र राम वर्मा ने 80 हजार रुपए में सौदा तय किया। साठ हजार नगद और 20 हजार बहाने से अपने बेटे के खाते में डलवा दिए। युवक ने कहा कि रुपए आने पर उसका शक और गहरा गया था।