शारीब रुदौलवी न रहने से पूर्व राज्यपाल श्री राम नाईक दुखी
शारीब रुदौलवी न रहने से पूर्व राज्यपाल श्री राम नाईक दुखी
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क
मुंबई, 19 अक्टूबर।
"शायर तथा उर्दू साहित्यकार शारीब रुदौलवी के दुखद निधन से मैं आहत हूँ" ऐसा उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल श्री राम नाईक ने शोक व्यक्त करते हुए कहा।
अपने शोक संदेश में श्री राम नाईक कहते है कि “लखनऊ आने के बाद मुझे जिन चंद महानुभावों का विशेष स्नेह मिला उनमें बड़े अजीज थे शारीब रुदौलवी जी! मेरे मन में उर्दू के प्रति स्नेह भाव बढ़ाने के सफल प्रयास उन्होंने किए।"
श्री राम नाईक आगे कहते हैं कि"मैं खुशकिस्मत हूँ कि मेरी संस्मरणात्मक पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ में उन्होंने विशेष रुचि दिखायी। इतना ही नहीं, उसका अन्य भाषाओं में अनुवाद हो व उर्दू भाषी भी उसे पढ़ें इसके लिए भी उन्होंने विशेष प्रयास किए।"
पूर्व राज्यपाल लिखते हैं कि "जब मैं पिछली बार लखनऊ आया था तब वे अपनी जीवनी लिख रहे थे और उन्होंने मुझे उसमें से मेरे बारे में लिखे अंश भी मुझे स्वयं पढ़ कर सुनाए थे। मैं भाग्यशाली हूँ कि मुझे उनका इतना स्नेह मिला।”
शारीब रुदौलवी जी को जन्नत मिले, उनके परिवारजनों तथा उर्दू साहित्य प्रेमियों को इस दुखद पल में संबल मिले, ऐसी प्रार्थना भी पूर्व राज्यपाल श्री राम नाईक ने की है।